नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। सनातन धर्म में पूर्णिमा का बहुत ही महत्वापूर्ण माना जाता है। इस दिन को एक शुभ और पवित्र तिथि माना जाता है। इस बार महाकुंभ होने की वजह से इस तिथि का महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रदेव की आराधना करने का विधान है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन पूजा-अर्चना और दान-पुण्य करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। लोग इस अवसर पर व्रत रखते हैं, गंगा स्नान करते हैं और सत्यनारायण कथा का आयोजन करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में माघ पूर्णिमा को अत्यंत प्रभावशाली दिन माना गया है, और इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। आइए जानते हैं इस दिन किए जाने वाले कुछ प्रभावी उपायों के बारे में।
माघ पूर्णिमा पर किए जाने वाले उपाय
मां लक्ष्मी की पूजा
माघ पूर्णिमा के दिन प्रातः स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करें। देवी को कमल का फूल और नारियल अर्पित करें। घी का दीपक जलाएं और श्रीसूक्त का पाठ करें। ऐसा करने से आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं और धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
पीपल के वृक्ष की पूजा
हिंदू धर्म में पीपल के वृक्ष को विशेष महत्व दिया गया है। माना जाता है कि इस वृक्ष में भगवान विष्णु, शिव और ब्रह्मा का वास होता है। माघ पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर जल में थोड़ा दूध मिलाकर अर्पित करें। शाम के समय वृक्ष के नीचे दीप
पीली कौड़ियों का उपाय
माघ पूर्णिमा के दिन 11 पीली कौड़ियों को लेकर उन्हें लाल या पीले कपड़े में बांधकर माता लक्ष्मी के चरणों में रखें। इसके बाद इस पोटली को अपनी तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रख दें। यह उपाय धन वृद्धि और आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है।
चंद्र देव को अर्घ्य दें
माघ पूर्णिमा की रात चंद्र देव को जल और दूध का अर्घ्य देना अत्यंत शुभ माना जाता है। ऐसा करने से मन की शांति मिलती है और मानसिक तनाव दूर होता है। चंद्रमा के सकारात्मक प्रभाव से व्यक्ति का जीवन खुशहाल होता है।
दान-पुण्य करें
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा पर किए गए दान का कई गुना फल प्राप्त होता है। इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, गुड़, तिल और कंबल का दान करना चाहिए। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती
माघ पूर्णिमा 2025 की तिथि
इस वर्ष माघ पूर्णिमा 11 फरवरी की शाम 6 बजकर 55 मिनट से प्रारंभ होकर 12 फरवरी की शाम 7 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार इस पर्व को 12 फरवरी को मनाया जाएगा।