Sunday, April 6, 2025
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डाक्टर पशुओं का, इलाज इंसानों का

  • नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने सौंपी नगर पशु चिकित्सा अधिकारी को

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: इसे आम जनता की अनदेखी कहें या नगर निगम की समझ, 90 वार्डों में रहने वाली 27 लाख की आबादी के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी निभाने वाले नगर स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर नगर पशु चिकित्सा अधिकारी को तैनात कर दिया गया।

अब निगम क्षेत्र में गंदगी, प्रदूषण, दूषित पेयजल आदि की वजह से होने वाली बीमारियों से जनता को निजात दिलाने के लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी की जगह नगर पशु चिकित्सा अधिकारी काम कर रहे हैं, लेकिन क्या यह संभव है कि जिन अधिकारी को पशÞुओं के स्वास्थ्य की बेहतर समझ है। वह इंसानों के स्वास्थ्य के लिए भी उचित कदम उठाएंगे।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी की ये है जिम्मेदारी

संचारी रोगों की रोकथाम के साथ मेटेंनेंस, डिपो में वाहन, स्टैबलेशमेंट, वाहनों की मरम्मत, वाहनों की खरीद, साफ सफाई की व्यवस्था, आईजीआरएस का डाटा समेत कूड़े के उठान व उसका निस्तारण, पीने के साफ पानी की व्यवस्था, ओवरहैंड पानी की टंकियों की सफाई व क्लोरोजेशन आदि की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी के कंधों पर होती है,

लेकिन कुछ समय पहले नगर आयुक्त ने यह जिम्मेदारी नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी को दे दी है। अब सवाल यह उठता है कि क्या कोई पशु चिकित्सक इंसानों के स्वास्थ्य को लेकर निगम द्वारा चलाए जाने वाले कार्यक्रमों को समझ सकता है। क्या नगर पशुचिकित्सा अधिकारी को इसकी समझ है या फिर निगम के अधिकारी महज खानापूर्ति करने मे जुटे हैं।

दूषित पानी की वजह से बढ़ रहे टाइफाइड के मरीज

स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार आनंद अस्पताल में 15, आर्यव्रत हॉस्टिल में 2, डाक्टर लाल पैथलैब पर हुई जांच में 44, लाइफलाइन हॉस्पिटल में 2, जाहिदपुर में 3, कल्याणी पैथलैब में 1, लोकप्रिय हॉस्पिटल में 3, महिमा पैथलैब में 3, मेरठ हिस्टोपैथलॉजी लैब में 3, न्यूटिमा हॉस्पिटल में 5, पराशर पैथलॉजी क्लीनिक में 3, पथिक लैब में 36, पीएल शर्मा जिला अस्पताल में 10, एसडीएस ग्लोबल में 7, एसआरजी डाइग्नोस्टिक में 7 व माछरा ब्लॉक में 1 टाइफाइड मरीज मिला है। बुधवार को कुल टाइफाइड मरीजों की संख्या 145 रही। जबकि नगर निगम क्षेत्र में बीती 18 जुलाई को टाइफाइड मरीजों की संख्या 67 थी।

सीयूजी नंबर दिखावा

निगम में आम जनता की समस्याओं को लेकर नगर आयुक्त के पास सरकारी सीयूजी नंबर है, लेकिन इस नंबर पर नगर आयुक्त से कभी बात नहीं हो पाती है। अक्सर इस नंबर को उनके कर्मचारी ही रिसीव करते हैं और जनता को गुमराह करते हुए बाद में फोन करने की बात कही जाती है।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी की जिम्मेदारी नगर पशु चिकित्साधिकारी उठा रहे हैं। क्योंकि यह एक प्रशासनिक पद है तो इसको लेकर कोई सावाल ही नहीं है, संचारी रोगों से बचाव के लिए निगम पहले से ही एंटी लार्वा का छिड़काव, फॉगिंग, पीने के पानी को साफ रखने के लिए क्लोरोजेशन जैसे काम करता है। जिसके लिए अन्य अधिकारियों की भी नियुक्ति है।
-प्रमोद कुमार, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम मेरठ।

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