- एक वर्ष में 45 हजार से अधिक लोगों को जिला अस्पताल में लगवाना पड़ा रेबीज का टीका
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर में खूंखार कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जिसमें गत वर्ष की अपेक्षा कुत्तों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। नगर निगम के अनुसार कुत्तों की संख्या महानगर में एक लाख को पार कर गई है। वहीं जिला अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार एक वर्ष में 46,070 लोगों ने अस्पताल पहुंचकर रेबीज का वैक्सीनेशन कराया। नगर निगम के द्वारा मार्च 2022 में महानगर दिल्ली-देहरादून हाइवे पर शंकर नगर फेज टू में एनिमल बर्थ कंट्रोल रूम शुरू कराया गया।
जिसमें अभी तक टीम मात्र 9 हजार कुत्तों को ही रेबीज का वैक्सीनेशन और नसबंदी कर सकी है। कंट्रोल रूम के सचिव का कहना है कि आईजीआरएस पर जो सूचना मिलती है। वहीं पर टीम भेजकर शिकायत का निस्तारण कराया जाता है। टीम के द्वारा कुत्ते को पकड़कर उसको रेबीज का वैक्सीनेशन व नसबंदी करा दी जाती है। कुत्तों की संख्या लगातार किस कदर बढ़ती जा रही है और वह कुत्ते कितने खूंखार होते जा रहे हैं।
इसका अंदाजा नगर निगम व जिला अस्पताला के रिकॉर्ड से लगाया जा सकता है कि निगम के रिकॉर्ड के अनुसार कुत्तों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। वहीं, एक वर्ष में जिला अस्पताल में करीब 46,070 लोगों को कुत्ते काटे का रेबीज वैक्सीनेशन कराना पड़ा। बीते वर्ष महानगर में मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में एनिमल बर्थ कंट्रोल रूम दिल्ली-देहरादून हाइवे शंकर नगर फेज टू में बनाया गया।
जिसमें कंट्रोल रूम पर सचिव के रूप में गौरव सिसौदिया, तीन डाक्टर, 9 डॉग पकड़ने वाले सदस्य, एक कम्पाउंडर, एक सुपरवाइजर दो गाड़ी एवं एक गार्ड की व्यवस्था की गई थी। जिसमें प्रत्येक माह करीब एक हजार कुत्तों के वैक्सीनेशन एवं उनकी नसबंदी का लक्ष्य रखा गया था। वहीं महानगर में 90 वार्ड हैं, प्रत्येक वार्ड में सफलतापूर्वक अभियान चलाकर सभी कुत्तों की नसबंदी कराई जाने के साथ ही उन्हे रेबीज का टीका भी लगाया जाना था,
लेकिन एक वर्ष में मात्र 9 हजार कुत्तों की नसबंदी एवं रेबीज का टीकाकरण कराया जा सका। वह भी वार्ड के हिसाब से नहीं जोकि सूचना आईजीआरएस कंट्रोल रूम से मिली। एनिमल बर्थ कंट्रोल रूम के सचिव गौरव सिसौदिया ने बताया कि दो गाड़ी उनके बर्थ सेंटर पर तैनात रहती है, एक तो गाडी जो सूचना आईजीआरएस पर मिलती है। उस सूचना के आधार पर पहुंचकर कुत्तों को पकड़ने एवं उसको रेबीज का टीका लगाने एवं नसबंदी करने के कार्य में लग जाती है।
फिर वार्ड के हिसाब से कैसे कुत्तों में रेबीज का वैक्सीनेशन एवं नसबंदी अभियान शुरू कराया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि 25 मार्च दिन शनिवार को भी महिला चिकित्सालय से खूंखार कुत्ते के द्वारा कई लोगों पर हमला कर दिये जाने की सूचना मिली। जिसमें टीम को मौके पर भेजकर कुत्ते को पकड़वाना पडा। वार्ड वार वैक्सीनेशन कैसे शुरू किया जाये। जब जो सूचना कंट्रोल रूम से मिलती है। उनमें करवर करने में ही दिन बीत जाता है।
हर रोज कुत्तों के काटने की कई सूचना आती है। वहीं यदि सचिव की बात को सही माना जाये तो महानगर के सभी कुत्तों की नसबंदी एवं उनका रेबीज का वैक्सीनेशन कब तक पूरा होगा कहना मुश्किल है,हालाकि उन्होंने बताया कि तीन से चार वर्ष के भीतर वह इस अभियान में सफलता प्राप्त कर लेंगे।
वहीं, इस संबंध में डा. हरपाल सिंह, प्रभारी चिकित्सा स्वास्थ्य एवं पशु चिकित्सा अधिकारी कल्याण विभाग नगर निगम का कहना है कि क्षेत्र की आबादी के अनुसार कुत्तों की संख्या भी करीब एक लाख से पार हो चुकी है। जिसमें से अभी तक मात्र 9 हजार का रेबीज का वैक्सीनेशन एवं नसबंदी कराई जा सकी है। अभियान सफलता पूर्वक जारी है।