Saturday, July 27, 2024
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सपने हुए साकार, उम्मीदों ने लिया आकार

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  • रैपिड ट्रेन का यह प्रोजेक्ट देश में लाएगा रेल क्रांति शुक्रवार को इसी रेल क्रांति की कामयाब हो गई शुरुआत

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: एक सपना जो 8 मार्च 2019 को देखा गया। एक उम्मीद जिसको पंख लगने में चंद साल लगे। यह सपना हकीकत में इतनी जल्दी तब्दील होगा शायद किसी ने सोचा भी न था। जिस दिन पीएम नरेन्द्र मोदी ने देश की पहली रीजनल रैपिड ट्रेन के दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर की नींव रखी थी उसी दिन यह तय हो गया था कि रैपिड ट्रेन का यह प्रोजेक्ट देश में रेल क्रान्ति लाएगा। शुक्रवार को इसी रेल क्रान्ति की कामयाब शुरुआत हो गई।

30 हजार 274 करोड़ रुपये का यह महत्वकांक्षी प्रोजक्ट न सिर्फ पीएम का ड्रीम प्रोजक्ट था बल्कि यह देश वासियों के लिए भी किसी हसीन सपने से कम न था। दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ में मोदीपुरम तक के 82 किलोमीटर लम्बे कॉरिडोर पर जब यह ट्रेन अपनी फुल स्ट्रेंथ के साथ दौड़ेगी तब उम्मीदों को और पंख लगेंगे, कई के सपने भी साकार होंगे। रैपिड को धरातल पर उतारने के लिए जो कोशिशें एनसीआरटीसी ने की वो काबिल ए तारीफ हैं।

एनसीआरटीसी के इंजीनियर्स से लेकर सभी कर्मचारी और प्लानिंग टीम के सभी सदस्य जिस प्रकार से इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए दिन रात जुटे रहे वो भी काबिल ए तारीफ है। मेरठ में हालांकि टनल खुदाई के दौरान एनसीआरटीसी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकि न जिस प्रकार उसने इन चुनौतियों को मात दी, वो भी अपने आप में काबिल ए दाद है।

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तकनीक और आधुनिकता के बल पर जीती गई इस जंग में एनसीआरटीसी के अधिकारियों का भी एहम रोल रहा। मेरठ में, खासकर पुराने शहर में ट्रेनों के आवागमन के लिए जब सुरंगे खोदी जा रहीं थी तब कई इमारतों में क्रेक आया और कई जगह जमीनें धंसीं। उस समय शहर के लोगों के मन में एनसीआरटीसी की कार्य प्रणाली को लेकर कई सवाल उठे, लेकिन यह सब टेम्प्रेरी थे।

बाद में जब सभी सुरंगे बन कर तैयार हो गर्इं तो उठे सवाल भी छूमंतर हो गए। मेरठ की आवाम को शायद ही कभी इस बात का अहसास हुआ हो कि वो इतनी जल्दी शहर में रैपिड से लेकर मेट्रो ट्रेन को दौड़ता देख सकेंगे, लेकिन कहा जाता है कि जो सपने खुली आंखों से देखे जाते हैं तो उन्हें पूरा करने में कायनात भी पूरा जोर लगा देती है।

कॉरिडोर के एक सेक्शन पर रैपिड शुरू हो गई है और लगभग छह माह बाद मेरठ के लोग रैपिड का दीदार और उसमें सफर करेंगे। लगभग पौने चार साल के अथक प्रयासों के बाद सपने ट्रैक पर दौड़ते दिख रहे हैं। मेरठ के लोगों के लिए यह दोगुनी खुशी का मौका है। यहां के लोगों को रैपिड के साथ साथ मेट्रो की सौगात भी मिलने जा रही है। खास बात यह कि जब एक ही ट्रैक पर मैट्रो और रैपिड शहर में कभी एलिवेटेड तो कभी अंडरग्राउंड दौड़ेंगी तो यह देखना इस क्रान्तिकारी शहर के लिए बेहद सुखद अहसास होगा।

दूसरे चरण के उद्घाटन में मेरठ आ सकते हैं पीएम

रैपिडएक्स के पहले चरण का उद्घाटन शुक्र्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरी झण्डी दिखाकर किया। पहले चरण में ट्रेन साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच चलेगी। दूससे चरण का उद्घाटन लगभग छह माह बाद होगा। वो समय लोक सभा चुनावों का भी होगा। दूसरे चरण के उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मेरठ आ सकते हैं। गौरतलब है कि इसकी घोषणा शुक्रवार को खुद प्रधानमंत्री ने गाजियाबाद में आयोजित जनसभा के दौरान की। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार वो आज उद्घाटन के दौरान आपके बीच हैं

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उसी प्रकार दूसरे चरण के उद्घाटन के दौरान भी वो आपके बीच मौजूद रहेंगे। उनकी इस घोषणा से इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि पीएम दूसरे चरण के उद्घाटन के समय भी खुद मौजूद रहेंगे। यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि चूंकि पहले चरण का उद्घाटन गाजियाबाद जिले में हुआ है। इसलिए दूसरे चरण का उद्घाटन मेरठ जिले में हो सकता है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि दूसरे चरण में रैपिड दुहाई डिपो से आगे मेरठ साउथ स्टेशन तक दौड़ेगी।

बसों से गाजियाबाद पहुंचे भाजपाई

गाजियाबाद के वसुंधरा में शुक्रवार को रैपिड रेल (नमो भारत) का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शहर से भाजपाई बसों के द्वारा रवाना हुए। जिसमें महानगर से महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज के नेतृत्व में पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बसों द्वारा रवाना हुए। इस दौरान जो बसें शहर से रवाना हुई उनकी मॉनिटरिंग के लिए काशी टोल प्लाजा पर व्यवस्थाओं के लिए एक कैंप लगाया गया।

अवसर पर सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहिबाबाद रैपिडेक्स स्टेशन पर दिल्ली गाजियाबाद मेरठ आरटीएस कॉरिडोर के प्राथमिकता वाले खंड का उद्घाटन करेंगे। जिसमें पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक ट्रेन को चलाया गया है। नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री ने चलाकर एक अनमोल तोहफा हमें दिया है। इस दौरान भाजपा महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की।

ऐसे पाएं रैपिडएक्स का टिकट

रैपिड का टिकट हासिल करने के लिए भी यात्रियों को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी। टिकट बुक करने के लिए पहले गूगल प्ले से रैपिडएक्स कनेक्ट ऐप डाउनलोड करना होगा। उसके बाद डिजिटल क्यूआर कोड बेस्ड टिकट प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में टिकट का पैसा सीधे आपके बैंक अकाउंट से कट जाएगा। इसके अलावा नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) से भी ट्रेवल कर सकते हैं।

यह कार्ड कोई भी यात्री स्टेशन के टिकट काउंटर से खरीद सकता है। खरीदने के बाद इस कोर्ड को सौ रूपए से लेकर दो हजार रूपए तक रिचार्ज किया जा सकता है। इसके बाद यात्री को रोजाना टिकट खरीदने के झंझट से निजात मिल जाएगी। टिकट वेंडिग मशीन पर क्रडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, प्रीपेड कार्ड, रूपे कार्ड व वीजा कार्ड से भी टिकट खरीदा जा सकता है।

सड़क पर दौड़ता हवाई जहाज

रैपिडएक्स ट्रेन की खूबियों से अब हर यात्री वाकिफ होगा। इस ट्रेन की खूबियां किसी भी हवाई जहाज जैसी ही हैं। इंटीरियर डेकोरेशन हो, सीट्स हों अथवा अन्य सुविधाएं सभी में रैपिडएक्स हवाई जहाज को टक्कर दे रही है। अगर कह दें कि रैपिडएक्स जमीन पर दौड़ने वाला हवाई जहाज है तो कुछ भी गलत न होगा।

रैपिडएक्स व कॉरिडोर की विशेषताएं

  • दिल्ली से मेरठ तक कॉरिडोर की कुल लम्बाई 82.15 किमी
  • कॉरिडोर का एलिवेटेड हिस्सा 68.3 किमी
  • कॉरिडोर का अंडरग्राउंड हिस्सा 14.12 किमी
  • उत्तर प्रदेश में ट्रेन दौड़ेगी 68 किमी जबकि दिल्ली में 14 किमी
  • पहला स्टेशन सराये काले खां (दिल्ली) व अन्तिम स्टेशन मोदीपुरम (मेरठ)
  • 82 किमी के पूरे कॉरिडोर में दो डिपो सहित कुल 24 स्टेशन होंगे
  • रैपिड की स्पीड 180 किमी प्रतिघंटा तय की गई है
  • ट्रेन में आॅन बोर्ड वाई फाई की सुविधा मिलेगी
  • प्रत्येक सीट पर इंफोटेनमेंट डिस्प्ले व लैपटॉप चार्जिंग प्वॉइंट होगा
  • ट्रांसवर्स कुशन सीटें और हीटिंग वेंटीलेशन सिस्टम होगा
  • पूरे कॉरिडोर पर कुल 2 हजार 890 पिलर्स पर दौड़ेगी रैपिड
  • बिजनेस क्लास कंपार्टमेंट में सीटों के स्थान पर सोफे होंगे
  • इन बिजनेस क्लासा कंपार्टमेंट में लाइब्रेरी और कॉफी मशीनें भी होंगी
  • प्रीमियम क्लास कोच हवाई अड्डों पर लाउंज की भांति तैयार किए गए हैं
  • ट्रेन में एंट्री क्यूआर कोड की स्कैनिंग के बाद ही मिलेगी
  • ट्रेन हर साल ढाई लाख टन कार्बन उत्सर्जन घटाएगी
  • रैपिडएक्स स्टेशनों पर मिलेंगी मेट्रो स्टेशनों से ज्यादा सुविधाएं
  • कई रैपिडएक्स स्टेशनों पर बच्चों को फीड कराने के लिए फीडिंग रूम होंगे
  • विभिन्न स्टेशनों पर आरओ फिल्टर्ड पानी उपलब्ध होगा
  • रैपिडएक्स स्टेशनों पर साफ सुथरे टॉयलेट नि:शुल्क होंगे
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