- कोई न कोई विवाद पैदा कर योजनाओं को लगा रहे पलीता
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति बेहतर करने के लिए जल जीवन मिशन योजना के अन्तर्गत 332 ग्राम पंचायतों में ग्रामीण पाइप पेयजल योजनाओं के संचालन एवं क्रियान्वयन का कार्य शुरू कराया जाना था, लेकिन दर्जन भर ऐसे गांव भी हैं, जहां के वाशिंदे कोई न कोई विवाद पैदा करके योजनाओं को पलीता लगा रहे हैं। इस सिलसिले में जिला प्रशासन के स्तर से अवरोध पैदा करने वालों को पहले चरण में जनप्रतिनिधियों के माध्यम से समझाने बुझाने का कार्य किया जा रहा है।
इसके अलावा सभी 12 ब्लॉक के अंतर्गत प्रत्येक राजस्व ग्राम की पांच महिलाओं को प्रशिक्षण देकर के माध्यम से फील्ड टैस्टिंग किट (एफटीके) से जल की गुणवत्ता की जांच करने का कार्य भी कराया जा रहा है। प्रशिक्षण संस्था मैसर्स आशादीप फाउंडेशन की ओर से ग्रामीण क्षेत्र में राजमिस्त्री, प्लम्बर, फीटर, इलेक्ट्रीशियन, पम्प आॅपरेटर तथा मोटर मैकेनिकों जैसे तकनीकी कार्मिकों को प्रशिक्षण देकर उनसे इस कार्य में मदद ली जा रही है। जल निगम ग्रामीण अधिकारियों के अनुसार 12 में से छह ब्लॉक की ग्राम पंचायतों में पांच-पांच महिलाओं को प्रशिक्षण देकर लगभग 600 किट्स वितरित की गई हैं।
जनपद में 332 ग्राम पंचायतों के लिए जल जीवन मिशन के तहत योजनाएं स्वीकृति के उपरांत क्रियान्वित की जा रही हैं। इनमें 328 स्थानों पर काम शुरू तो हुआ, लेकिन कई जगह विवाद की स्थिति के चलते इसे रोक देना पड़ा है। वर्तमान में स्थिति यह है कि एक दर्जन गांव ऐसे हैं, जहां जल निगम ग्रामीण विभाग के माध्यम से बोरिंग आदि का काम करने का प्रयास विफल कर दिया गया है। विवाद की स्थिति के चलते विभाग ने काम रोककर प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया है।
अब इस विविद के निस्तारण के लिए अधिकारियों ने जलप्रतिनिधियों के माध्यम से विवाद पैदा कर रहे लोगों को समझाने-बुझाने की योजना बनाई है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जल जीवन मिशन से पूर्व जनपद मेरठ में जल निगम की ओर से 115 पाइप पेयजल योजनाओं का निर्माण किया गया है। जिनसे 133 ग्राम लाभान्वित हो रहे हैं। जनपद मेरठ में वर्तमान तक जल जीवन मिशन के अन्तर्गत 2.5 लाख से अधिक पेयजल गृह संयोजन ग्रामवासियों को उपलब्ध कराए जा चुके हैं।