- इस साल गर्मियों की छुट्टियों में पर्यटकों ने कम ही किया पहाड़ों का रुख
- पर्यटकों को इस बार ज्यादा भाए आगरा जयपुर जैसे मैदानी पर्यटन स्थल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: इस बार मौसम की बेरुखी के साथ बिपरजॉय के डर से पर्यटन का पहाड़ी सीजन अपेक्षाकृत कुछ ठंडा रहा। पर्यटकों ने पहाड़ों की बजाय मैदानी पर्यटन स्थलों का रुख करना ज्यादा बेहतर समझा। आगरा व जयपुर जैसे मैदानी पर्यटन स्थल लोगों की खास पसंद में शामिल रहे। इसके अलावा साउथ इण्डिया के पर्यटन स्थलों पर भी लोगों ने जाने से काफी हद तक परहेज किया। कुल मिलाकर पर्यटन का यह सीजन पिछले सालों के मुकाबले इस बार कुछ ठंडा रहा।
छुट्टियां बीतने के बाद तीन जुलाई से लगभग सभी स्कूल खुल गए हैं। उल्लेखनीय है कि हर साल मई और जून का महीना छात्र छात्राओं की छुट्टियां मनाने का होता है और इस दौरान अधिकतर परिवार पहाड़ों का रु ख करते हैं। इस बार मौसमी गतिविधियां डिस्टर्ब रहीं बेमौसमी बारिशें भी खूब हुर्इं। मई जैसे गर्म महीने में भी सुबह शाम गुलाबी ठंड का कई बार एहसास हुआ। इसके बाद बिपरजॉय तूफान ने भी पर्यटकों के प्लान को पटरी से उतार दिया।
जो लोग इन गर्मियों की छुट्टियों में पहाड़ों पर जाने का प्लान कर रहे थे उनमें से कई ने अपना प्लान डायवर्ट कर मैदानी पर्यटन स्थलों की ओर कर लिया। हालांकि पहाड़ों पर भी लोग गए लेकिन पिछले सालों के मुकाबले इस बार पहाड़ों पर अपेक्षाकृत कम भीड़ रही। हालांकि मसूरी व नैनीताल में इस बार जो जाम की समस्या हुई वो वहां के लोकल कंस्ट्रक्शन के कारण पैदा हुई। उधर, पहाड़ों की बात की जाए तो लोगों की पहली पसंद इस बार भी कुल्लू मनाली व शिमला रहे।
मैदानी पर्यटन स्थलों में इस बार आगरा व जयपुर को भी लोगों ने खास पसन्द किया। गढ़ रोड स्थित सांवरी टूर एंड ट्रेवल्स तथा दिल्ली रोड स्थित एम जे टूर एंड ट्रेवल्स के आंकड़ों के अनुसार पिछले सालों के मुकाबले इस बार पहाड़ों पर लोगों के रुझान में लगभग 25 प्रतिशत की कमी आई है। ट्रेवल एजेंसी संचालकों संजीव कुमार व नीटू के अनुसार इस बार लोगों ने साउथ इण्डियन पर्यटन स्थलों पर भी जाने से परहेज किया।