जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: संसद में आज वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर राष्ट्रीय गीत और उससे जुड़े ऐतिहासिक महत्व पर विस्तृत चर्चा हुई। लोकसभा में चर्चा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। उन्होंने अपने संबोधन में स्वतंत्रता संग्राम के वीर सपूतों को नमन किया और वंदे मातरम के इतिहास को याद करते हुए कहा कि इस गीत ने आजादी की लड़ाई में लोगों के भीतर राष्ट्रभक्ति और संघर्ष की नई चेतना जगाई।
प्रधानमंत्री ने बताया कि अंग्रेजी शासन के दौरान जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा था, उस समय बंकिमचंद्र चटोपाध्याय द्वारा रचित वंदे मातरम ने लोगों के भीतर उम्मीद और साहस का संचार किया। यह गीत क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों के लिए प्रेरणा का प्रमुख स्रोत बना। अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में मौजूद विपक्षी सदस्यों की ओर भी रुख किया और एक सांसद से उनकी सेहत के बारे में सवाल किया।
पीएम मोदी ने वरिष्ठ तृणमूल सांसद सौगत राय से पूछा
पीएम मोदी ने जब वरिष्ठ तृणमूल सांसद सौगत राय से पूछा कि आपकी तबीयत कैसी है? तो सदन में ठहाके गूंजे। वंदे मातरम का इतिहास बताने के दौरान पीएम मोदी ने कई बार बांग्ला भाषा में कथनों का उल्लेख किया। इस दौरान विपक्षी सांसदों की तरफ से की गई टिप्पणी पर प्रधानमंत्री ने आभार प्रकट किया। इसी बीच उन्होंने तृणमूल सांसद सौगत रॉय से एक बार फिर कहा, ‘आपको तो दादा कह सकता हूं न? या उसमें भी एतराज हो जाएगा…’।
प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी के बाद चर्चा शुरू
लोकसभा में प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी के बाद चर्चा शुरू हो गई कि उन्होंने ऐसा किसके लिए कहा। हालांकि, पीएम के पूर्व भाषणों और वरिष्ठ नेताओं के साथ व्यक्तिगत संबंधों को देखते हुए माना जा रहा है कि उन्होंने सौगत रॉय से ही ये बातें कही हैं। बता दें कि पीएम मोदी लोकसभा में इससे पहले के भाषणों में अधीर रंजन चौधरी जैसे बंगाल से निर्वाचित सांसदों और नेताओं से भी ऐसे संवाद करते रहे हैं।

