- ग्रैप के नियमों की अनदेखी, जिले में हर जगह सड़कों पर उड़ रही धूल लोगों की फूल रहीं सांसें, कुंभकर्णी नींद में निगम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रदूषण से खराब हुई हवा लोगों की सांसें फूला रही है। हाट स्पाट में शामिल होने से ग्रैप-4 लागू होने के बाद भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य विभागों के अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण नहीं कर पा रहे। कागजों में ही योजना तैयार हो रही हैं। धरातल पर उनका कोई असर नहीं दिख रहा। मलियाना पुल पर नगर निगम कर्मियों ने सड़क पर फैली मिट्टी इकट्ठा कर ढेर लगा दिया, शायद इन मिट्टी के ढेरों को उठाना भूल गए हैं।
नगर निगम ने बोर्ड द्वारा दिए गए आदेशों का अनुपालन नहीं किया। टूटी सड़कों से दिनभर धूल उड़ती रहती है। शुक्रवार को मलियाना पुल और डिवाइडर किनारे भी काफी मात्रा में धूल एकत्र दिखाई दी। शहर में बीते कई दिनों से एक्यूआइ 400 से अधिक पाया जा रहा था, जो जनस्वास्थ्य के नजरिए से चिंताजनक है। वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए विभागों को जिम्मेदारी दी गई हैै, लेकिन नगर निगम ने बोर्ड के दिशा-निर्देशों का अनुपालन नहीं किया। हालांकि, जिले की हवा 205 एक्यूआइ के साथ संतोषजनक श्रेणी में रही।
ग्रैप के पहले चरण के नियम लागू हो गए थे। इसके बाद भी कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। मुख्य सड़क पर गड्ढे और धूल-मिट्टी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। गाड़ियों के चलने पर यहां दिनभर धूल उड़ती रहती है। आरोप है कि इस रोड पर लंबे समय से सफाई और पानी का छिड़काव नहीं हो रहा है। इसकी कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं देते हैं। नागरिकों ने बताया कि सड़क की सफाई नहीं होने की वजह से सड़क के दोनों तरफ फुटपाथ और डिवाइडर पर डस्ट जमा हो गई है।
ऐसे में गाड़ियों के गुजरने पर धूल उड़ती रहती है। यहां आसपास दुकानों में काम करने वाले और मलियाना पुल से गुजरने वाले राहगीर हर समय धूल से परेशान रहते हैं। आंखों में जलन आम बात हो गई है। बावजूद इसके न तो सड़क की सफाई हो रही है और नहीं पानी का छिड़काव। लोगों का कहना है कि सड़क के साथ बने फुटपाथ पर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। इसकी वजह से पैदल चलने वाले लोग फुटपाथ की जगह सड़क पर चलने को मजबूर हैं।
स्मार्ट रोड को लापता ठेकेदार का इंतजार
मेरठ: मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल गांधी आश्रम चौराहे से लेकर तेजगढ़ी चौराहे तक स्मार्ट रोड यानी ग्रीन रोड के निर्माण करने वाला ठेकेदार ढाई माह में कार्य शुरू नहीं कर पाया। इसकी वजह है नगर निगम के अधिकारियों की उदासीनता। इस रोड के निर्माण का लाभ गिनाने वाले जनप्रतिनिधि भी मुंह मोड़े हैं और इसका खमियाजा गड्ढों से छलनी रोड से रोजाना गुजरने वाले हजारों लोगों को भुगतना पड़ रहा है। ग्रीन रोड बवनाने का सब्जबाग दिखाकर नगर निगम के अधिकारी गड्ढे तक भरवाने को तैयार नहीं।
मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम में प्रदेश के 17 नगर निगमों में प्रदेश की पहली मेरठ नगर निगम की गांधी आश्रम चौराहे से तेजगढ़ी चौराहे की सड़क को शामिल किया गया। इस सड़क निर्माण के लिए लगभग 47 करोड़ स्वीकृत हुए। इस सड़क के चौड़ीकरण के साथ रोड से सभी बिजली का खंभा और ट्रांसफार्मर को हटाया जाएगा, यानी सड़क पर न तो खंभा नजर आएगा और न ही कोई ट्रांस्फार्मर। ट्रांसफार्मरों को सड़क से हटाकर गलियों व अन्य रास्ता पर शिफ्ट किया जाएगा। नाले दिखाई नहीं देंगे, उन्हें पाट दिया जाएगा।
बिजली के तारों के साथ साथ टेलीफोन या अन्य किसी भी तरह के तार अंडरग्राउंड किए जाएंगे। पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ का निर्माण किया जाएगा। डिवाइडरों का चौड़ीकरण करके उनमें पौधे लगाए जाएंगे, ताकि सड़क सुंदर नजर आए। सड़क से कुछ पेड़ों को भी हटाया जाएगा। सड़क बनने के बाद कोई भी विभाग रोड कटिंग यानी सड़क में तोड़फोड़ नही ंकर पाएगा। सड़क निर्माण का ठेका जीत कंट्रक्शन कंपनी को दिया गया था। ठेकेदार को 15 माह में कार्य निपटने का समय दिया गया है। सड़क बेहद मजबूत बनाई जाएगी। इस सड़क निर्माण का शुभारंभ 11 सितंबर को प्रदेश के उर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर के हाथों किया गया था।
लगभग ढाई माह बीतने के बाद भी ठेकेदार ने इस रोड पर कोई भी कार्य शुरू नहीं किया। इस सड़क निर्माण की वजह से करीब दो वर्षांे से तेजगढ़ चौराहे से लेकर हापुड़ अड्डा चौराहे तक सड़क गड्ढों से छलनी है। नगर निगम के अधिकारी ग्रीन रोड का निर्माण होने का सब्जबाग दिखाकर न तो इस रोड के गड्ढे भर रहे और न ही गांधी आश्रम से हापुड़ अड्डा चौराहे तक की सड़क का निर्माण कर रहे। ऐसे में लोगों को वहां से गुजरने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
शीघ्र शुरू होगा सड़क निर्माण: देवेन्द्र
नगर निगम के निर्माण अनुभाग के मुख्य अभियंता देवेन्द्र कुमार का कहना है कि गांधी आश्रम से लेकर तेजगढ़ी चौराहे तक की सड़क का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि. को ट्रांसफार्मरों को शिफ्ट करने को पत्र भेजा गया। शीघ्र सड़क निर्माण शुरू कराया जाएगा।