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ट्रक, कार, स्कूटी के नंबरों पर दौड़ रहे ई-रिक्शा

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  • ट्रैफिक पुलिस के चालान घर पहुंचने पर हुए सनसनीखेज खुलासा
  • शहर के 50 हजार ई-रिक्शाओं में महज 16 हजार ही हैं वैध

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शहर की यातायात के लिए मुसीबत की बड़ी वजह बने करीब 50 हजार ई-रिक्शाओं में केवल 16 हजार ही वैध है बाकी ई-रिक्शा ट्रक, कार या स्कूटी व बाइकों के नंबरों पर अवैध रूप से संचालित किए जा रहे हैं। इस बात का खुलासा मंगलवार को एसपी टैÑफिक के साथ शहर की यातायात की समस्या के निदान के लिए चर्चा को बुलायी गयी बैठक में हुआ। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन मेरठ के अध्यक्ष गौरव शर्मा ने इस कारगुजारी का खुलासा किया। उन्होंने जानकारी दी कि उनका जिस नंबर का ट्रक यहां से माल लेकर इंदौर गया था।

उनका वह ट्रक इंदौर में खड़ा था, लेकिन जिस नंबर को ट्रक इंदौर में मौजूद था, उस ट्रक के नंबर पर शहर में ट्रैफिक पुलिस का चालान उनके यहां पहुंचा तो और उसकी जांच पड़ताल की तो हकीकत सामने आने पर माथा पीट लिया। गौरव शर्मा ने बताया कि दरअसल हुआ यह था कि मेरठ में किसी स्थान पर पुलिस ने ई-रिक्शा का चालान किया था। जिस ई-रिक्शा का चालान किया गया था उस पर जो नंबर अंकित था वह उनके ट्रक का था।

अवैध ई-रिक्शाओं को वैध साबित करने का खेल

दरअसल हो ये रहा है कि शहर में अवैध रूप से संचालित किए जा रहे करीब 35 हजार ई-रिक्शाओं को चालान व पुलिस की आंखों में धूल झांकने के लिए अवैध ई-रिक्शा का संचालन करा रहे माफियाओं ने शहर में वैध नंबर पर चल रहे दूसरे वाहनों के नंबरों पर ही ई-रिक्शाओं को संचालन शुरू कर दिया है। ट्रक, लग्जरी गाड़ियों, कार व बाइक तथा स्कूटी आदि के नंबरों को कहीं से भी राह चलते वाहन से लेकर उसकी नंबर प्लेट बनाकर ई-रिक्शा पर लगा दी जाती है।

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कौन करेंगा कार्रवाई ?

शहर में ट्रक, लग्जरी गाड़ियों, कार व बाइक तथा स्कूटी आदि के नंबरों की नकल कर उन नंबरों पर अवैध रूप से चलायी जा रही ई-रिक्शाओं की धरपकड़ कौन करेगा यह अभी तय नहीं है, लेकिन इतना जरूर तय है कि इस प्रकार की ई-रिक्शाओं की वजह से पूरा शहर जाम की चपेट में है। व्यापारी नेता गौरव शर्मा व सामाजिक कार्यकर्ता विपुल सिंहल का कहना है कि इसके लिए प्रशासन को आरटीओ, यातायात पुलिस व संबंधित थाना पुलिस की टीम बना कर संगठित रूप से अभियान चला कर धरपकड़ करनी होगी।

उनका कहना है कि केवल ऐसी ई-रिक्शाएं सीज करने भर से काम नहीं चलने वाला धरपकड़ करने के अलावा जिस भी माफिया ने इस प्रकार की ई-रिक्शाएं शहर की सड़कों पर उतारी हैं, उनके खिलाफ भी संज्ञेय धाराओं में मामला दर्ज किया जाना चाहिए। अन्यथा प्रति दिन शहर की सड़कों पर नयी-नयी जिनमें बड़ी संख्या अवैध ई-रिक्शाओं की मानी जा रही है, की भीड़ ऐसे ही बढ़ती चली जाएगी।

यातायात प्रबंधन ने की एसपी ट्रैफिक के साथ वार्ता

शहर के यातायात प्रबंधन को लेकर मंगलवार को व्यापारी नेताओं ने एसपी ट्रैफिक राघवेन्द्र मिश्रा के साथ वार्ता की। इस दौरान यातायात प्रबंधन समिति के गठन व शहर में चल रही ई-रिक्शा द्वारा आ रही ट्रैफिक समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया। प्रत्येक रेड लाइट पर किस प्रकार यातायात सुचारू रूप से चल सके। इस पर विचार-विमर्श हुआ। सड़क पर खड़ी गाड़ियों को जोकि यातायात को अवरुद्ध करती हैं, उनको टो करने की व्यवस्था पर भी जोर दिया गया।

इस मौके पर प्रवर्तन आरटीओ आरके सिंह, एआरटीओ प्रवर्तन अमिताभ चतुर्वेदी, मिशिका सोसायटी से अमित नागर, यूपी मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन मेरठ जोन अध्यक्ष अमरजीत पिंकी चिन्योटी, राज शर्मा, संजीव मिश्रा, मोहनलाल वर्मा, विनोद अग्रवाल, महेश कौशिक, नवीन अग्रवाल आदि मौजूद रहे। पिंकी चिन्योटी ने बताया कि एसपी ट्रैफिक शहर की यातायात की समस्या से निजात दिलाने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं।

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