जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: आज मंगलवार को राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के घर ईडी के छापेमारी हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई देशभर में चर्चित 2,850 करोड़ रुपये के पीएसीएल चिटफंड घोटाले से जुड़ी है।
Raid के समय सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई
इस दौरान ईडी की टीम सुबह प्रताप सिंह के सिंधी कैंप क्षेत्र स्थित आवास पर पहुंची और तलाशी अभियान शुरू किया। छापेमारी के दौरान आवास के बाहर सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई। बता दें ईडी अधिकारियों के साथ एक डिजिटल फॉरेंसिक टीम भी मौजूद है, जो दस्तावेजों, मोबाइल व लैपटॉप जैसे डिजिटल उपकरणों को खंगाल रही है।
जाने क्या है मामला?
यह मामला पीएसीएल लिमिटेड (PACL Ltd.) नामक कंपनी से जुड़ा है। जिसे सेबी (SEBI) ने 2014 में अवैध रियल एस्टेट योजनाएं चलाने के आरोप में बंद करवा दिया था। इस घोटाले में देश के 5.85 करोड़ से अधिक लोगों ने करीब 49,100 करोड़ रुपये का निवेश किया था, जिनमें से राजस्थान के 28 लाख निवेशकों का पैसा लगभग 2,850 करोड़ रुपये बताया गया है। घोटाले का पहला केस 2011 में जयपुर के चौमू थाने में दर्ज हुआ था। जिसके बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हो गया।
इस case में क्या है प्रताप सिंह की भूमिका?
मिली रिपोर्ट्स के अनुसार तो प्रताप सिंह खाचरियावास की भागीदारी लगभग 30 करोड़ रुपये की बताई जा रही है। जांच एजेंसी को शक है कि पीएसीएल के पैसों में से कुछ हिस्सा प्रताप सिंह के पास भी पहुंचा, जिसकी पुष्टि बैंक ट्रांजैक्शन्स और संपत्ति खरीद से जुड़ी फाइलों से की जा रही है।
प्रताप सिंह, जो अशोक गहलोत सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रह चुके हैं, इस पूरे मामले में अब तक कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है।