- ईद की नमाज की जिम्मेदारी कमेटी पर डाली प्रशासन ने
- शहर काजी के अपील न करने से साइड लाइन कर दिया कमेटी ने
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ईद उल फितर की नमाज सड़कों पर न हो इसके लिये प्रशासन कई दिनों से मशक्कत कर रहा है। अलविदा जुमे पर दिखाई गई सख्ती का असर भले दिखा था, लेकिन ईद के दिन ईदगाह और उसके आसपास दो लाख से अधिक लोग नमाज सड़कों पर न पढ़े इसके लिये प्रशासन ने शहर काजी प्रो. जैनुल साजिद्दीन से लोगों को अपील करने को कहा था, लेकिन शहरकाजी ने इसमें असमर्थता जाहिर की।
सोमवार को प्रशासन और ईदगाह इंतजामिया कमेटी के बीच हुई वार्ता में तय किया गया कि कमेटी ही पूरी व्यवस्था देखेगी और प्रयास यह रहेगा कि सड़कों पर नमाज अदा न की जाए। इस पूरी व्यवस्था से शहरकाजी को दरकिनार कर दिया गया है। सोमवार को एडीएम सिटी दिवाकर सिंह, एसपी सिटी विनीत भटनागर समेत तमाम पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के अलावा कमेटी के सदस्यों की हुई बैठक में तय किया गया कि ईद की नमाज सड़कों पर न हो।
इसके लिये शहर काजी की तरफ से अपील कराने का निर्णय लिया गया था, लेकिन शहर काजी इसके लिये राजी नहीं हुए। बाद में यह तय किया गया कि सुबह पौने आठ बजे ईदगाह में नमाज होगी। इसके बाद आठ बजे फैज-ए-आम डिग्री कालेज के मैदान में होगी। कमेटी ने यह भी निर्णय लिया कि ईदगाह और फैज-ए-आम कालेज के अंदर ही लाउडस्पीकर निर्धारित मानक के अनुसार ही बजेंगे।
सड़कों पर लगे लाउडस्पीकरों को इजाजत नहीं दी गई है। इसके अलावा नूर नगर और बाले मियां की मजार पर नमाज अदा की जाएगी। डीएम दीपक मीणा और एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने सभी सीओ और थानेदारों को सख्त निर्देश दिये हैं कि सड़कों पर किसी भी कीमत पर नमाज न हो पाए। मोहल्लों की मस्जिदों में ही नमाज पढ़ने को कहा जाए।
सफाई कराई गई
एडीएम सिटी ने नगर निगम के अधिकारियों को ईदगाह और फैज-ए-आम में सफाई व्यवस्था कराने के निर्देश दिये थे। इसके बाद दोपहर तक सफाई कर्मचारियों ने दोपहर तक दोनों स्थानों पर सफाई करा दी थी।