Thursday, May 8, 2025
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सैलून संचालिका समेत आठ को नहीं मिली जमानत, भेजा जेल

  • मेडिकल थाना क्षेत्र के मंगलपांडे नगर स्थित द सीजर यूनिसेक्स फेमिली सैलून पर मारा था छापा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: मेडिकल थाना क्षेत्र तहत मंगलपांडे नगर स्थित द सीजर यूनिसेक्स फेमिली सैलून पर मारे गए छापे में पकड़े गए छह युवक व संचालिका को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया। जबकि मुख्य संचालिका आयशा खान अभी फरार है। अभियुक्तों की ओर से जमानत की अर्जी दायर की गयी लेकिन उस पर कोई फैसला अभी कोर्ट ने नहीं दिया। संचालिका समेत सभी को जेल भेजने का आदेश दिया गया।

सोमवार दोपहर बाद संचालिका आहाना खान व छापे में सैलून में मौके पर मिले कांशीराम कॉलोनी के खालिद, जेपी स्ट्रीट रोहटा रोड टीपीनगर के सुरेंद्र और सौरभ, भूमिया का पुल ब्रह्मपुरी के समीर, गांव अजराड़ा मुंडाली के हयात और शादाब व बड़ागांव फलावदा के उबैज को मेडिकल पुलिस स्पेशल सीजेएम शैलेश पांडे की कोर्ट में लेकर पहुंची। जहां मामले की फाइल पढ़ने के बाद सभी को जेल भेजने का आदेश दिए गया। पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया गया है।

कोर्ट से निकलते ही बिलखने लगे

जेल भेजे जाने के नाम पर कुछ अभियुक्त कोर्ट से बाहर आते ही बिलखने लगे। उन्होंने खुद को बेकसूर बताया। पुलिस वाले जब उन्हें जेल के लिए ले जा रहे थे तो उनसे एक ने मिन्नतें की कि उन्हें जेल ना भेजा जाए। उसकी लाइफ बर्बाद हो जाएगी। कॅरिअर खराब हो जाएगा, लेकिन पुलिस वालों ने कोर्ट के आदेश के पालन करने की बात कहते हुए समझाया कि जल्दी जमानत पर रिहा हो जाओगे। इस दौरान संचालिका अहाना खान निवासी सरधना पूरी तरह से शांत नजर आयीं।

उल्लेखनीय है कि रविवार को कार्रवाई के बाद मौके से गिरफ्तार की गयी लड़कियों को बयान दर्ज करने के बाद महिला थाने पहुंचे उनके परिजनों के साथ भेज दिया गया। आरोप है कि पार्लर में दिल्ली, नोएडा से महिला व युवतियों को लाकर देह व्यापार से मोटी कमाई की जाती रही है। सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी ने बताया कि फरार दूसरी संचालिका की तलाश की जा रही है।

इसके अलावा सैलून का रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। जो सीसीटीवी डीवीआर जब्त की है। उसकी जांच की जा रही है। वहीं, सूत्रों की मानें तो जब्त की गई डीवीआर में तमाम कारगुजारियां बेपर्दा करने को पर्याप्त हैं। काफी कुछ आपत्तिजनक भी बताया जा रहा है। हालांकि मेडिकल पुलिस का कहना है कि अभी जांच की जा रही है। अधिकृत रूप से अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

स्पा के नाम पर तेजी से फैल रहा जिस्मफरोशी का धंधा

आरटीआई के तहत मांगी गयी जानकारी में शहर के थानेदारों ने अपने क्षेत्र में स्पा सेंटरों की मौजूदगी से इंकार किया है, लेकिन इसके इतर पूरे शहर में कुकरमुक्तों की मानिंद जिस्मफरोशी के ठिकाने बन चुके स्पा सेंटर की आड़ में चल रहे हैं। जानकारों की माने तो तमाम स्पॉ सेंटरों में संगठित गिरोह की तर्ज पर जिस्मफरोशी का धंधा फल-फूल रहा है। इस प्रकार के तमाम ठिकानों को या तो सफेदपोश या फिर इलाके के थाने का संरक्षण हासिल है। शहर के पॉश इलाकों में ऐसा धंधा तेजी से पैर पसार रहा है। आबूलेन, बेगमपुल, लालकुर्ती, कंकरखेड़ा, पल्लवपुरम, गंगानगर, मेडिकल, शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट, दिल्ली रोड, रेलवे रोड के अलावा शहर में तमाम प्रमुख इलाकों में स्पा सेंटर नजर आए जाएंगे।

स्पा सेंटरों को लेकर आरटीआई के तहत मांगी गयी जानकारी में तमाम थानेदारों ने अपने इलाके में स्पा की मौजूदगी से इंकार किया है। मंगलपांडे नगर में भले ही स्पा पर जिस्मफरोशी पायी गयी हो, लेकिन आरटीआई में मेडिकल थाना ने भी इलाके में किसी स्पा सेंटर के होने से इंकार किया है। आरटीआई एक्टिविस्ट मनोज चौधरी ने सूचना का अधिकार के तहत मांगी जानकारी में ज्यादातर थानेदारों का दावा है कि उनके यहां एक भी स्पा सेंटर नहीं चल रहा है, जबकि जमीनी हकीकत इससे एकदम इतर है।

जो थानेदार क्षेत्र में स्पा सेंटर होने न होने का दावा कर रहे हैं, मनोज चौधरी ने बताया कि उन्होंने ऐसे थानेदारों को उनके इलाके में स्पा सेंटर होने के बाकायदा चित्रों के साथ साक्ष्य मुहैया कराए हैं। आयुर्वेदिक और मसाज की सेवा देने के नाम पर खोले गए ये स्पा सेंटर दरअसल, अब जिस्मफरोशी के अड्डों में तब्दील हो गए हैं। मिजाज में रंगीनियां रखने वाले इनके ग्राहक बनते जा रहे हैं। कुल मिलाकर स्थिति यह है कि ज्यादातर स्पा सेंटर तेजी से जिस्मफरोशी के अड्डों में तब्दील होते जा रहे हैं।

ऐसे होती है शुरुआत

स्पा सेंटर में काउंटर पर बैठी लड़की मसाज के लिए आॅफर बताती हैं और 1000 से 1500 रुपये तक फीस वसूली जाती है। स्पा सेंटर में ग्राहक की पसंद और नापसंद का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। कई बार कस्टमर लड़की उपलब्ध करवाने के लिए कहता है तो उसके वाट्सऐप पर लड़कियों की फोटो भेजी जाती है और लड़की पसंद करवाई जाती है। फिर आॅन डिमांड होटल में भेजी जाती है।

इसके लिए एक्स्ट्रा चार्ज लिया जाता है। मनपसंद लड़कियों के ज्यादा चार्ज लिए जाते हैं। शहर में चल रहे स्पा सेंटरों में कुछ लड़कियां तो अपनी मनमर्जी से आती है, लेकिन कई लड़कियों की मजबूरियों का फायदा उठाया जाता है। काम की तलाश में घूम रही मजबूर लड़कियों को इस काम में धकेला जाता है।

संगठित गिरोह की तर्ज पर संचालन

शहर के तमाम स्पा सेंटर जो पॉश कालोनियोें या फिर बेगमपुल सरीखे इलाकों में संचालित किए जा रहे हैं, ये सभी संगठित गिरोह की तर्ज पर चल रहे हैं। मसलन, जिस्मफरोशी करने वाली लड़कियों का इंतजाम एक शख्स करता है। स्पा को मैनेज करने का काम किसी अन्य के जिम्मे होता है। स्पा के लिए ग्राहकों की तलाश करने का काम किसी अन्य के कंधे पर होता है। स्पा चलाने के लिए सेटिंग-गेटिंग का काम आमतौर पर संचालक स्वयं देखता है। सुनने में आया है कि इसके लिए या तो मीडिटर की मार्फत थाने से सेटिंग की जाती है या फिर बैकग्राउंड में मजबूत सफेदपोश होता है।

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