नमस्कार दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। बॉलीवुड अभिनेता विद्युत जामवाल अपनी एक्टिंग और एक्शन से जाने जाते हैं। वहीं अभिनेता अपनी फिटनेस को लेकर भी आए दिन सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं। दरअसल, आज अभिनेता अपना 43वां जन्मदिन मना रहे हैं। लेकिन वह किसी और के साथ नहीं बल्कि अकेले हिमालय अपना बर्थडे मनाने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी कुछ तस्वीरे शेयर की है जो कि आपको हैरान कर देंगी।
अभिनेता ने अपना बर्थडे कुछ खास अंदाज में मनाया है। जहां वह बिल्कुल अकेले हैं। उनकी लेटेस्ट पोस्ट में वह खाना पकाते, नहाते नजर आ रहे है। लेकिन अलग बात यह है कि, उनकी सारी तस्वीरें बिना कपड़ों की हैं। इसके बाद यह पोस्ट तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
पोस्ट शेयर करते हुए विद्युत ने कैप्शन भी लिखा
इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर करते हुए विद्युत ने कैप्शन भी लिखा है। इस दौरान उन्होंने लिखा है कि हिमालय पर्वतमाला में मेरी वापसी – “परमात्मा का निवास” 14 साल पहले शुरू हुई थी। इससे पहले कि मुझे एहसास होता, हर साल 7-10 दिन अकेले बिताना मेरे जीवन का अभिन्न अंग बन गया।
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विलासिता और प्रशंसा के जीवन से जंगल
आगे विद्ययुत ने लिखा कि विलासिता और प्रशंसा के जीवन से जंगल में आकर, मुझे अपना एकांत ढूंढना और “मैं कौन नहीं हूं” जानने के महत्व को महसूस करना पसंद है, जो “मैं कौन हूं” जानने का पहला कदम है और साथ ही शांति में खुद की रक्षा करना भी है। प्रकृति द्वारा प्रदत्त विलासिता।
मैं अपने कम्फर्ट जोन के बाहर सबसे अधिक
आगे अभिनेता लिखते हैं कि, मैं अपने कम्फर्ट जोन के बाहर सबसे अधिक आरामदायक हूं
मैं प्रकृति की प्राकृतिक आवृत्ति के साथ तालमेल बिठाता हूं, और मैं खुद को सैटेलाइट डिश एंटीना के रूप में कल्पना करता हूं – जो खुशी और प्यार के कंपन प्राप्त और उत्सर्जित कर रहा है।
विद्युत कहते है कि, मैं करुणा की आवृत्ति पर कंपन
विद्युत कहते है कि, मैं करुणा की आवृत्ति पर कंपन करता हूं। मैं निर्धारण की आवृत्ति पर कंपन करता हूं। मैं उपलब्धि की आवृत्ति पर कंपन करता हूं। मैं क्रिया की आवृत्ति पर कंपन करता हूं। यहीं पर मैं वह ऊर्जा पैदा करता हूं, जिसके साथ मैं खुद को घेरना चाहता हूं और घर वापस आना चाहता हूं, अपने जीवन में एक नए अध्याय का अनुभव करने के लिए तैयार हूं – पुनर्जन्म। साथ ही उन्होंने लिखा कि यह भी साझा करना पसंद करूंगा कि यह एकांत मन के लिए अकल्पनीय है, लेकिन जागरूकता में होने पर ही अनुभवात्मक होता है।