- उपेक्षा का दंश झेल रहा माधवपुरम, क्षतिग्रस्त सड़क, जल निकासी
- कूड़ा और गंदगी की समस्या से परेशान, उठ रहीं सड़ांध
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ-दिल्ली मार्ग पर ट्रांसपोर्ट नगर के सामने आवास विकास परिषद की योजना संख्या 10 माधवपुरम कालोनी का निर्माण करीब 35 वर्ष शुरू कराया गया था। योजना के शुरू होने के करीब पांच वर्ष बाद इस क्षेत्र में आबादी बसने लगी और इस कालोनी में काफी संख्या में लोग रहने लगे।
इतने वर्षों के बाद भी यहां के लोग क्षतिग्रस्त सड़क, जल निकासी, कूड़ा और गंदगी की समस्या से परेशान है। ग्रीन बेल्ट में कूड़े का अंबार, क्षतिग्रस्त सड़कें और रास्तों पर जल भराव और नाला जाम होने से लोगों में बीमारियों के फैलने का भय सदैव ही बना रहता है।
आवास विकास परिषद ने कालोनी को चार सेक्टरों में विभाजित किया है और करीब पांच वर्ष पूर्व इसको नगर निगम को हैंड ओवर कर दिया गया था। बात समस्याओं की करें तो कालोनी में प्रवेश करते ही यहां की सड़कें क्षतिग्रस्त है, कही पर गड्ढा है तो कही पर सड़क ही उखड़ी है। यह हाल सभी सेक्टरों की सड़कों का है। सड़कों की ऐसी दशा होने से आए दिन दो पहिया वाहन चालक गिरकर घायल होते रहते है।
दूषित जल की निकासी के लिए कालोनी में नाला का निर्माण कराया गया है, जो सड़क की सतह से करीब छह इंच ऊपर है, जिससे नाला का गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है। पानी की समुचित निकासी नहीं होने से मुख्य मार्ग पर जलभराव की समस्या बनी रहती है। वहीं कालोनी में ग्रीन बेल्ट के लिए मुख्य मार्ग से अंजुमन पैलेस तक पेड़ पौधे व पार्क बनाने के लिए भूमि छोड़ी गई है, लेकिन वर्तमान में इस स्थान पर नाले का पानी और कूड़े का अंबार लगा हुआ है,
जिससे निकलने वाली दुर्गंध से लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। जलभराव और गंदगी से कालोनी में मच्छर पनप रहे हैं। मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से कालोनी के लोगों में संक्रामक बीमारियों के फैलने का भय है। कालोनी में आवारा पशु खूब हैं, जो खाने की तलाश में ग्रीन बेल्ट में फैले कूड़े को सड़कों फैला देते हैं।
पार्षद शिखा सिंघल के पति अरविंद सिंघल ने बताया कि कालोनी की समस्याओं से वह नगर निगम को कई बार अवगत करा चुके हैं। काफी प्रयास के बाद नगर आयुक्त और उप नगर आयुक्त ने कालोनी का दौरा किया और जल्द ही समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो सका।