Thursday, December 5, 2024
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जान जोखिम में फिर भी पढ़ना है जरूरी

  • शहर में ये हाल है, गांव देहात में कैसे जाते होंगे स्कूल ?

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शहर का सिविल लाइन इलाका जहां पुलिस प्रशासन के आला तमाम न्यायिक अधिकारी व उच्च पदस्थ दूसरे अफसर बैठते हैं, उसी सिविल लाइन में नौनिहालों को जान जोखिम में डालकर यदि स्कूल जान पडेÞ तो फिर सिस्टम को चलाने वालों पर सवाल तो बनता है। सिविल लाइन के मोहनपुरी इलाके में स्थित सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षित होने के लिए जान को जोखिम में डालने की कीमत चुकानी पड़ रही है। दरअसल आसपास के बच्चे जो सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए जाते हैं उनके लिए यह रास्ता नाले पर अस्थायी पुल पर बनाया हुआ है।

हालांकि स्कूल जाने के लिए दूसरा रास्ता भी है, लेकिन वो रास्ता नन्हें पांवों के लिए काफी दूर पड़ता है, इसलिए इस छोटे लेकिन जोखिम भरे रास्ते को तय कर बच्चे पढ़ाई के लिए जाया करते हैं। मासूमों को यह तो पता नहीं कि उन्हें कब तक यूं ही जान जोखिम में डालकर स्कूल जाना होगा, लेकिन उनकी इतनी गुजारिया जरूर सिस्टम चलाने वालों से है कि जहां इतना खर्चा किया जा रहा है। उसमें से थोड़ा सा खर्च यहां पुलिया बनाने में भी कर दिया जाए तो पढ़ने के लिए स्कूल जाने में फिर जोखिम मोल लेने की जरूरत नहीं पडेÞगी।

सिटी स्टेशन के यार्ड के चार स्लीपर हुए खराब

मेरठ: सिटी स्टेशन के यार्ड में मेन लाइन नंबर-एक के कांटे के चार स्लीपर खराब हो गए। शनिवार को इन स्लीपरों को बदलने में घंटों रेलवे कर्मचारी जुटे रहे। इस कार्य के चलते उत्तरांचल एक्सप्रेस को लाइन नंबर-तीन से गुजारा गया। इस दौरान यात्रियों को प्लेटफार्म बदलने के लिए परेशानी हुई। रेलवे पथ के निरीक्षण के दौरान शनिवार को सिटी स्टेशन के यार्ड में खंभा नंबर-1016 के पास कांटे के नीचे के चार स्लीपर खराब पाए।

उन्होंने इसकी सूचना सिटी स्टेशन पर दी। वहां से दिल्ली डीआरएम कार्यालय को सूचित किया गया। इसके बाद चारों स्लीपरों को बदला गया। इस कार्य में रेलवे कर्मचारियों को करीब तीन घंटे लगे। इस दौरान ओखा से देहरादून जाने वाली 19565 उत्तरांचल एक्सप्रेस को प्लेटफार्म नंबर-तीन पर रोका गया। इसकी सूचना मिलने पर इस ट्रेन से सफर करने पहुंचे यात्रियों को फुट ओवर ब्रिज पर चढ़कर प्लेटफार्म नंबर-तीन पर पहुंचना पड़ा।

डा. अशोक कटारिया ने संभाला सीएमओ का चार्ज

मेरठ: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश मोहन शनिवार को रिलीव हो गए। उनके स्थान पर जिला अस्पताल के सीएमएस डा. अशोक कटारिया ने आज सीएमओ का चार्ज संभाल लिया है। उन्होंने अपने कार्यालय का निरीक्षण किया और सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को समय से दफ्तर आने और समय पर कार्य निपटाने के निर्देश दिए। मेरठ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश मोहन का गाजियाबाद तबादला हो गया। उनके स्थान पर जिला अस्पताल के सीएमएस डा. अशोक कटारिया को सीएमओ बनाया गया। उन्होंने सीएमओ का चार्ज संभाल कर कार्यालय की व्यवस्था को देखा।

उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को समय पर कार्यालय आकर अपना कार्य निष्ठा और ईमानदारी से करने के निर्देश दिए। उन्होंने लंबित कार्यांे को भी शीघ्र से शीघ्र निपटाने के निर्देश दिए। पत्रकारों से बातचीत में डा. अशोक कटारिया ने कहा कि उनकी प्राथमिकता जिले के हर व्यक्ति को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की है। देहात के अनेक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा सेवाएं लचर होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह स्वयं सभी सीएचसी व पीएचसी का निरीक्षण करेंगे, यदि कहीं कोई कमी होगी तो उसे प्राथमिकता पर दूर किया जाएगा।

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