Tuesday, June 17, 2025
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मौसम के मिजाज से हर कोई हैरान

  • तापमान ने लगाई डुबकी, सर्द हुआ मौसम, दूसरे दिन भी होती रही रिमझिम बारिश, तापमान में आयी गिरावट
  • 10 साल में सबसे ठंडी रही एक मई, अभी पांच मई तक गर्मी से रहेगी राहत, तापमान रहेगा कम

जनवाणी संवाददाता |

मोदीपुरम: पिछले 10 साल मेंं एक मई का दिन सबसे सर्द रहा है। तापमान में गिरता रहा और मौसम बदलता रहा। बारिश का दौर दो दिन से रुक-रुककर चल रहा है। जिस कारण से मौसम में नमी बढ़ती जा रही है। अभी दो दिन और आगे भी बारिश के आसार है।

बदलते मौसम के साथ सोमवार को भी मौसम सुबह खुशनुमा हो गया। बारिश का दौर दो दिन से रुक-रुक कर चल रहा है। जिस कारण से गर्मी से राहत है और तापमान भी रिकॉर्ड स्तर तक डुबकी लगा गया, जिस कारण से मौसम सर्द हो गया। सर्दी का असर सोमवार को अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा दिखाई दिया। मौसम कार्यालय पर दिन का अधिकतम तापमान 22.2 डिग्री व रात का न्यूनतम तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

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अधिकतम आर्द्रता 94 व न्यूनतम 83 प्रतिशत दर्ज की गई। बारिश 5.9 मिमी रिकॉर्ड की गई। मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि अभी दो-तीन दिन आगे भी बारिश के आसार बने हुए है। मौसम के तेवर अभी ऐसे ही रहेंगे, गर्मी से राहत रहेगी और हल्की से माध्यम बारिश होगी। पांच मई तक दिन का तापमान 30 डिग्री के आसपास ही रहेगा।

प्रदूषण 100 से नीचे आया

बारिश के चलते मेरठ और आसपास का प्रदूषण भी साफ हो गया। मेरठ का एक्यूआई सोमवार को कम रहा है। एक्यूआई 58, गाजियाबाद में 74, बागपत में 66 दर्ज किया गया। जबकि जयभीमनगर में 38, गंगानगर में 45 और पल्लवपुरम में 74 दर्ज किया गया। पिछले एक महीने में यह दूसरी बार सबसे कम दर्ज किया गया। हवा और बारिश के चलते आगे भी कम ही रहेगा।

बारिश से सड़कों पर जलभराव, पसरी कीचड़

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शहर में लगातार दो दिन से कभी हो रही हल्की बूंदाबांदी तो कभी तेज बारिश के चलते सड़कों कीचड़ पसर गई और कई जगहों पर जलभराव की समस्या भी पैदा हो गई। इस दौरान मार्गों से होकर गुजरने वाले राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सोमवार को भी दिन में रुक-रुककर बारिश होती रही जोकि समाचार लिखे जाने तक जारी थी। लगातार कई दिनों से पड़ रही गर्मी से भी लोगों को बारिश से थोड़ी राहत मिली, लेकिन किसानों के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा।

बारिश के कारण महानगर की सड़कों पर पसरी कीचड़ के बीच दोपहिया वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं, दूसरी तरफ जलभराव के बीच से जो वाहन चालक गुजरे उनके कपड़े आदि पर दूषित पानी की छींटे पड़ने से कपडेÞ खराब हो गये। कुछ जगहों पर बारिश से पहले ही जलभराव की समस्या सड़कों पर बनी हुई थी, वहां पर बारिश के बाद हालात और खराब हो गये।

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उधर, सोमवार को बेमौसम हुई मूसलाधार बारिश ने सरधना को टापू बना दिया। पूरा सरधना जलभराव की चपेट में आ गया। बारिश का पानी लोगों की दुकानों और घरों में भर गया। बारिश के कारण विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। कई जगह लाइन में फाल्ट आने के कारण बिजली नहीं मिल सकी।

अन्नदाता पर मौसम की मार…बरकरार

मौसम की बदमिजाजी ने किसान की पेशानी पर फिर चिंता की लकीर खींच दी है। हवा के साथ दो दिन से रह-रहकर हो रही बारिश ने गेहूं की फसल और बागवानी को काफी क्षति पहुंचाई है। बारिश से फसल गिरने के साथ कटाई पर तो ब्रेक लगा ही खेतों में कटा गेहूं और पड़ा भूसा भी जलमग्न हो गया। कंगाली में पहुंचे किसान के समक्ष चारे की समस्या भी मुंह बाए खड़ी है।

शुक्रवार को मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के बाद ऊहापोह में पड़े किसान को रविवार तड़के से शुरू हुई बारिश ने तबाही के कगार पर पहुंचा दिया है। वजह बेमौसम बरसात से गेहूं की खड़ी फसल धाराशाई होने के साथ कटाई थम गई है। वहीं गहाई के बाद खेतो में पड़ा भूसा जलमग्न होने से गलने के आसार हैं। मार्च में बरसात में गिर चुकी 40 फीसदी गेहूं की फसल का भूसा भी बेकार हो गया है।

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जिससे किसान को चारे की समस्या उत्पन्न होने के साथ पशुओं के भूखों मरने और दूध उत्पादन घटने की चिंता सता रही है। बारिश से गन्ना बुवाई के अलावा निराई-गुड़ाई भी पिछड़ रही हे। जिससे आगामी गन्ना फसल प्रभावित होने की प्रबल संभावना है। तेज हवा और बारिश से बागवानी को भी काफी नुकसान हुआ है। भारी तादाद में आम की कैरी, कच्चे नाशपाती व लीची गिरने से उत्पादन घटने के आसार नजर आ रहे हैं।

किसान फिर बेजार

मौसम की बेरुखी ने अन्नदाता को पिछले चार महीने से बेजार कर रखा है। शुरू फरवरी में अचानक बढ़े तापमान से मटर की फसल को भारी नुकसान हुआ। अगेती-पछेती मटर एकसाथ तैयार हो गई। उत्पादन घटने के बावजूद मंडी में आवक बढ़ी और मटर का रेट धाराशाई हो गया। लागत भी न लौटने से औंधे मुंह गिरे किसान को आलू से भी राहत नही मिली। उत्पादन खासा रहने पर भी आलू औने-पौने दामों में बिका। अंत में गेहूं से उम्मीद लगाए बैठे धरतीपुत्र पर फिर मौसम की मार पड़ गई। बार-बार मौसम की मार से किसान बेजार दिख रहा है।

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वहीं, रोहटा में सोमवार को हुई बेमौसम की बारिश में गेहूं की खेतों में कटी पड़ी फसल को खराब कर के रख दिया। गेहूं की फसल को नहीं समेट पाने और बारिश द्वारा बर्बाद करने के बाद किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। किसानों ने बताया कि रविवार और सोमवार को हुई बारिश ने गेहूं की कटी पड़ी खेत में फसल को एक तरह से बर्बाद करके रख दिया है। फसल जहां काली पड़ने के साथ गल गई। वहीं गेहूं अब काफी दिन में सूखने के बाद मशीन में निकालने होंगे जिसके बाद थ्रेसिंग में किसान को खासी दिक्कत होगी तो वहीं भूसा भी खराब हो चला है।

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