- प्रभारी से छीन लिया गया अधिकांश काम, कर्मचारी नेता अपने आदमी सेट करने में जुटे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सेना के जवान के साथ मारपीट के बाद नगर निगम के जन्म-मृत्यु पंजीयन अनुभाग में गुटबाजी भी जगजाहिर हो गई। इस अनुभाग के कर्मचारी दो गुटों में बंटे हैं। एक गुट के कर्मियों को एक अफसर का संरक्षण प्राप्त है, जो अपनी मनमर्जी से कार्य कर रहा था। वहीं, दूसरा गुट भी अपनी मनमानी पर अडिग था। गुटबाजी के चलते इस अनुभाग में कार्य प्रभावित हो रहा था। मारपीट कांड के बाद अनुभाग के तीन कर्मचारियों में दो कर्मचारियों को निलंबित कर हटा दिया गया। वहीं, एक अस्थाई कर्मचारी की सेवा समाप्त कर दी गई। इसके साथ प्रभारी से भी अधिकांश काम छीन लिया गया। उधर, कुछ कर्मचारी नेता अपने गुट के कर्मचारियों को इस अनुभाग में सैट करने गोटी फिट करने में जुटे हैं।
नगर निगम का जन्म-मृत्यु पंजीयन अनुभाग पिछले एक सप्ताह से चर्चा का विषय बना है। इस अनुभाग में जन्म प्रमाण पत्र में नाम संशोधन के लिए चक्कर काट रहे एक सेना के जवान के साथ मारपीट के मामले ने तूल पकड़ा। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत बाजपेई के नगर निगम दफ्तर पहुंचकर सेना के जवान के साथ मारपीट करने को लेकर गुस्से का इजहार किया तो घटना के एक सप्ताह बाद महापौर हरिकांत अहलूवालिया जन्म-मृत्यु पंजीयन अनुभाग पहुंचने के लिए मजबूर होना पड़ा। आनन फानन में मारपीट करने के आरोपी तीन कर्मचारियों में स्थाई दो कर्मचारी राहुल और सलीम को निलंबित कर सीट से हटा दिया गया, जबकि एक अस्थाई कर्मी हरीश की सेवा समाप्त कर दी गई।
हरीश व सलीम को अनुभाग के एक अफसर का संरक्षण प्राप्त होने की चर्चा आम है, जबकि राहुल पर विभाग के दूसरे गुट का संरक्षण मिलने की चर्चा है। इस गुटबाजी के चलते ही विभाग में कार्य प्रभावित हो रहा था। लक्ष्मीकांत बाजपेई द्वारा नाराजगी जताने के बाद प्रभारी डा. गजेन्द्र सिंह से करीब 70 प्रतिशत काम हटा दिया गया। जो कार्य शास्त्रीनगर और कंकरखेड़ा जोन को देने का निर्णय लिया गया। इससे डा. गजेन्द्र का कद भी छोटा हो गया। वहीं, दूसरी ओर विभाग के कुछ कर्मचारी नेता इस अनुभाग में अपने आदमी गुट के कर्मचारियों को उक्त सीटों पर बैठाने के लिए नगरायुक्त से लेकर महापौर तक के चक्कर काट रहे हैं।