जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: किसानों का तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन और तेज होता नजर आ रहा है। रविवार को यूपी गेट पर बुलाई गई महापंचायत में किसानों ने पांच अप्रैल यानि सोमवार को देशभर में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) कार्यालयों के सामने घेराव कर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
आक्रोशित किसान कल एफसीआई कार्यलय के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कहा गया है कि इस दिन को ‘एफसीआई बचाओ’ दिवस के रूप में चिन्हित करते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्री के नाम एक ज्ञापन पत्र दिया जाएगा।
Tomorrow, on April 5, Farmers will protest in front of FCI offices across the country by gherao. Marking this day as FCI Bachao Divas, a memorandum letter will be given in the name of the Minister of Consumer Affairs: Samyukta Kisan Morcha
— ANI (@ANI) April 4, 2021
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के काफिले पर अलवर में हुए हमले से किसान आक्रोशित हैं। इसे लेकर आज यूपी गेट पर एक बार फिर महापंचायत बुलाई गई थी। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत भी यूपी गेट पर महापंचायत में शिरकत करने पहुंचे। उनके साथ ही कई खाप के चौधरी भी मौजूद रहे।
माना जा रहा है कि अलवर में टिकैत के काफिले पर हुए हमले का असर यूपी के पंचायत चुनाव पर भी पड़ सकता है। आज की महापंचायत में कृषि कानूनों का विरोध तेज करने का फैसला संभावित है। विपक्ष इसमें अपना राजनीतिक फायदा देख रहा है। इसके मद्देनजर उसने एजेंडा बना लिया है। दूसरी ओर घटना के बाद अंदरूनी तौर पर चिंतित भाजपा खुले तौर पर ‘सब ठीक’ बताने की तैयारी में जुट गई है।
पश्चिमी यूपी का किसान और जाट समुदाय खेती-बाड़ी के मामलों में अपनी आवाज उठाने के लिए भाकियू के साथ है, जबकि राजनीतिक दलों को समर्थन में उनमें एक राय नहीं है। हालांकि भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत कह चुके हैं कि संगठन का चुनाव से लेना-देना नहीं है। पंचायत चुनाव में मतदाता अपनी पसंद के प्रत्याशी को वोट करें।