Tuesday, November 28, 2023
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आगामी सत्र में 60 नहीं,72 कुंतल के सट्टाधारक माने जायेंगे कृषक

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  • कृषक हितों के दृष्टिगत किए कई बदलाव, गन्ना कृषकों की बढ़ रही उपज के दृष्टिगत प्रति हेक्टेयर सट्टे की सीमा में सार्थक की गई बढ़ोत्तरी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने पेराई सत्र 2023-24 के लिए गन्ने के सट्ट एवं आपूर्ति नीति जारी कर दी गई है। गन्ना आपूर्ति नीति के आधार पर ही प्रदेश के गन्ना कृषकों को गन्ने की पचियों के निर्गमन सहित आपूर्ति हेतु विस्तृत निर्देश चीनी मिलों को दिये हैं। सट्टा एवं आपूर्ति नीति के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि पेराई सत्र 2023-24 के लिये सट्टा एवं आपूर्ति नीति में कृषक हितों के दृष्टिगत कई बदलाव किये गये हैं,

जिनमें मुख्य रूप से गन्ना कृषकों की बढ़ रही उपज के दृष्टिगत प्रति हेक्टेयर सट्टे की सीमा में सार्थक बढ़ोत्तरी की गई है।
इस वर्ष की आपूर्ति नीति में प्रति कृषक गन्ना सट्टे की सीमा सीमान्त कृषक (1 हेक्टेयर तक) के लिए अधिकतम 850 कुंतल से बढ़ाकर 900 कुंतल लघु कृषक (2 हेक्टेयर तक) के लिये 1700 कुंतल से बढ़ाकर 1800 कुंतल तथा सामान्य कृषक (5 हेक्टेयर तक) के लिये 4250 कुंतल से बढ़ाकर 4500 कुंतल की गई।

उपज बढ़ोत्तरी की दशा में सट्टे की अधिकतम सीमा सीमान्त, लघु एवं सामान्य कृषक के लिए क्रमश: 1350 कुंतल से बढ़ाकर 1400 कुंतल 2700 कुंतल से बढ़ाकर 2800 कुंतल तथा 6750 कुंतल से बढ़ाकर 7000 कुंतल निर्धारित की गई है। गन्ना विकास विभाग ने आपूर्तिकर्ता कृषकों की अधिकतम गन्ना आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए गत दो वर्ष तीन वर्ष एवं पाच वर्ष की औसत गन्ना आपूर्ति में से अधिकतम औसत गन्ना आपूर्ति को पेराई सत्र 2023-24 के लिए बेसिक कोटा माने जाने के निर्देश दिये हैं।

इससे न केवल कृषकों की गन्ना आपूर्ति में बढ़ोत्तरी होगी, बल्कि चीनी मिलों को भी अधिक गन्ना प्राप्त हो सकेगा। उक्त के साथ ही जो कृषक पेराई सत्र 2022-23 में नये सदस्य बने हैं, तथा एक वर्ष ही गन्ना आपूर्ति किए हैं, उनके एक वर्ष की गन्ना आपूर्ति को ही बेसिक कोटा माना जायेगा। गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने बताया कि ड्रिप इरीगेशन पद्धति अपनाने वाले कृषकों को उन्हें अतिरिक्त सट्टे में प्राथमिकता दी जाएगी।

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अतिरिक्त सट्टे में अस्वीकृत गन्ना प्रजातियों को सम्मिलित नहीं किया जाएगा। कृषकवार ग्रामवार सर्वे सट्टा सूचियों का प्रदर्शन 20 जुलाई से 30 अगस्त तक किया जायेगा। प्री-कैलेंडर का आॅनलाइन वितरण एक सितम्बर से 10 सितम्बर तक किया जायेगा। तथा समिति स्तरीय सट्टा प्रदर्शन 11 सितम्बर से 30 सितम्बर तक किया जायेगा।

मवाना में रिकॉर्ड 211.72 लाख कुंतल गन्ने की पेराई

उप गन्ना आयुक्त राजेश मिश्र ने बताया कि सोमवार को मवाना शुगर मिल में पेराई सत्र 2022-23 का समापन किया गया। इस अवधि में मिल ने 192 दिन के सत्र में 211.72 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की। यह मिल की स्थापना वर्ष 1947 से लेकर आज तक का सर्वाधिक पेराई रिकॉर्ड बना है। सत्र में एक लाख 10 हजार 270 कुंतल प्रति दिन पेराई का औसत रहा है। इससे पहले पेराई सत्र 2017-18 में 207 लाख कुंतल गन्ने की पेराई का रिकॉर्ड रहा है।

उन्होंने मिल प्रबंधक के हवाले से बताया कि इस अवधि में मवाना मिल ने 20 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन किया है। वहीं मेरठ परिक्षेत्र की सभी 16 मिलों में अब तक 1599.69 लाख कुंतल गन्ने की पेराई की गई। जिससे 160.69 लाख कुंतल चीनी का उत्पादन किया गया। साथ ही इथनॉल बनाने के लिए 74.41 लाख लीटर शीरे का उत्पादन किया गया। सोमवार को मवाना और मोहिउद्दीनपुर समेत अभी तक 14 मिलें बंद हो गई हैं। अब केवल बागपत और रमाला मिल में पेराई शेष है।

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