- आर्थिक तंगी के चलते कर ली खुदकुशी, एसडीएस ग्लोबल अस्पताल में उपचार के दौरान दोनों ने तोड़ा एक साथ दम
जनवाणी संवाददाता |
दौराला: क्षेत्र के एक गांव में बृहस्पतिवार को आर्थिक तंगी के चलते जोगेंद्र प्रजापति 50 वर्ष पुत्र जुम्मन ने बेटी खुशी 16 वर्ष के साथ सल्फास खा लिया। दोनों को गंभीर हालत में उपचार के लिए मोदीपुरम के एसडीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया। उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना की जानकारी ली। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
चिरौड़ी गांव निवासी जोगेंद्र प्रजापति पत्नी लता के साथ मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता था। जोगेंद्र ने तीन बेटी खुशी 16 वर्ष, शीतल 13, शिवानी 10, शिवम 8 व रजत 5 साल है। बेटी खुशी ने गांव स्थित सरस्वती शिक्षा निकेतन से 10वीं की पढ़ाई पूरी की। मृतक जोगेंद्र किसी तरह मजदूरी कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था, लेकिन यह नाकाफी था। वह लगातार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था और परेशान चल रहा था। बृहस्पतिवार को दंपती मजदूरी के लिए चला गया। दोपहर में जोगेंद्र घर पर खाना खाने आया।
उस दौरान बेटी खुशी ही घर पर मौजूद थी और बाकी बच्चे गांव में खेल रहे थे। दोनों ने आर्थिक तंगी के चलते जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया। दोनों की तबीयत बिगड़ने लगी। इसी बीच पत्नी लता भी घर पहुंची और उसे दोनों के जहरीला पदार्थ खाने की जानकारी हुई तो शोर मचा दिया। शोरशराब होने पर पड़ोसी एकत्र हो गए। आनन फानन में दोनों को मोदीपुरम के एसडीएस अस्पताल लेकर पहुंचे। उपचार के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया।
पिता-पुत्री की मौत की जानकारी मिलते ही दौराला पुलिस अस्पताल पहुंची और घटना की जानकारी ली। पुलिस दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, जोगेंद्र व खुशी की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीण परिवार को सांत्वना देने पहुंचे।
बच्चे हो रहे थे बड़े, घर खर्च में कम पड़ रहे थे मजदूरी के पैसे
चिरौड़ी गांव निवासी जोगेंद्र आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। मृतक जोगेंद्र के बच्चे धीरे-धीरे बड़े हो रहे थे। घर खर्च के अलावा बच्चों की पढ़ाई और उनकी जरूरत पूरी करने में मजदूरी के पैसे कम पड़ रहे थे। ऐसे में थोड़ा सरकारी खाद्यान्न से गुजारा चल जाता था, लेकिन यह भी नाकाफी था। जोगेंद्र अपनी पत्नी लता, बच्चे खुशी, शीतल, शिवानी, शिवम, रजत के साथ रहता था। मजदूरी कर किसी तरह जोगेंद्र घर चला रहा था। घर खर्च में मजदूरी के पैसे कम पड़ने लगे तो पत्नी लता ने भी जोगेंद्र के साथ मजदूरी करनी शुरू कर दी,
लेकिन बच्चे धीरे-धीरे बड़े होने लगे तो जरूरते भी बढ़ने लगी। ऐसे में जोगेंद्र परेशान रहने लगा। बच्चों को आगे कैसे पढ़ाए, घर का खर्च कैसे चले इसको लेकर दंपति परेशान था, लेकिन कभी किसी से मदद नहीं मांगी। जोगेंद्र का राशन कार्ड बना हुआ था और लेकिन सरकारी राशन एजेंसी से मिलने वाला खाद्यान्न भी परिवार के लिए पूरा नहीं हो पा रहा था। जोगेंद्र का एपीएल कार्ड बना हुआ था, जबकि वह बीपीएल कार्ड का पात्र था। हालांकि, आयुष्मान कार्ड भी जोगेंद्र का बना हुआ था। दोनों के शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। प्रशासन जल्द मदद का आश्वासन दे रहा है।
नहीं थी जानकारी, गांव जल्द पहुंचेगी टीम
चिरौड़ी गांव में पिता-पुत्री के आर्थिक तंगी के चलते जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने के मामले में ग्रामीणों ने नायाब तहसीलदार राहुल को जानकारी दी। राहुल कुमार ने बताया कि उन्हें इस तरह के मामले की कोई जानकारी नहीं थी। गंभीर मामला है, इस मामले से उपजिलाधिकारी को अवगत कराया जा रहा है। जल्द टीम गांव पहुंचेगी और मृतक जोगेंद्र के परिजनों से वार्ता कर हर संभव मदद का प्रयास करेगी।
छात्रा ने दी जान, मचा हड़कंप
मेरठ: सिविल लाइन थाना के पांडव नगर निवासी एक छात्रा नंदनी ने जान दे दी। पांडव नगर के जे ब्लॉक निवासी इस छात्रा ने आत्मघाती कदम क्यों उठाया इसको लेकर अभी सभी चुप है। वहीं दूसरी ओर छात्रा की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। उसकी तमाम सहेली व रिश्तेदार भी उसके इस कदम से स्तब्ध हैं।