Monday, July 1, 2024
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हार के डर से पहले ही हार गए रालोदी

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  • बुलंदशहर से सुनीता शर्मा रालोद प्रत्याशी घोषित
  • मेरठ-गाजियाबाद से धीरज उज्जवल के नाम पर लग सकती है मुहर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: एमएलसी चुनाव में रालोद के बड़े नेताओं ने मैदान छोड़ दिया। चुनाव लड़ने से पहले ही हार मान बैठे हैं। लगता है रालोद नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर से डर गए हैं। क्योंकि जो रालोद नेता विधानसभा चुनाव में टिकट पाने के लिए खूब मारा-मारी कर रहे थे। कई-कई दिनों तक जयंत चौधरी के दिल्ली आवास पर डेरा डाले हुए थे, वर्तमान में वे नेता दावेदारी तो दूर दिल्ली पहुंचकर अपने नेता से कह रहे है कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे।

ये हालत हो गई है रालोद नेताओं की। तीन दिन पहले नाम सामने आया था कि सुनील रोहटा एमएलसी का चुनाव लड़ना चाहते हैं। सुभाष गुर्जर का नाम भी सामने आया था। दोनों ही बड़े चेहरे है रालोद के, लेकिन अचानक इन नेताओं ने चुनाव मैदान में कूदने से पहले ही हाथ खींच लिये। विनोद हरित के भाई विक्रांत हरित भी टिकट मांग रहे थे। अब उनकी भी चर्चा नहीं हो रही हैं। धीरज उज्जवल का नाम भी चला।

धीरज ने नामांकन दाखिल करने के लिए परचा भी खरीदा, मगर उनका नाम भी रालोद राष्टÑीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने घोषित नहीं किया। रविवार की देर रात तक यह इंतजार किया जा रहा था कि रालोद से किसी का नाम आयेगा, लेकिन नाम नहीं आया। बुलंदशहर सीट से सुनीता शर्मा का नाम अवश्य ही घोषित हुआ, लेकिन मेरठ-गाजियाबाद सीट से किसी का नाम घोषित नहीं किया गया।

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि 21 मार्च नामांकन करने का अंतिम दिन हैं, लेकिन देर रात तक रालोद ने प्रत्याशी का नाम घोषित नहीं किया। इससे स्पष्ट है कि रालोद में किस तरह का तूफान उठा हैं। रालोद के बड़े चेहरे हैं, लेकिन चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हैं। चुनाव लड़ने से पहले ही रालोद नेता हार मान गए हैं। ऐसा तब है जब मेरठ जनपद में सात में से चार सपा-रालोद गठबंधन के विधायक हैं।

बड़ी तादाद में प्रधान और बीडीसी भी हैं। नगर पालिका परिषद में सभासद भी मौजूद हैं। इसके बावजूद सपा-रालोद के नेता यहां भयभीत हैं। इससे तो यही लगता है कि रालोद नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर से दहशत खा गए हैं। लड़ने से पहले ही हार मान गए हैं। अब यह भी कहा जा रहा है कि सोमवार की सुबह 10 बजे तक किसी एक रालोद नेता का नाम चुनाव लड़ने के लिए घोषित कर दिया जाएगा। ये रालोद नेता कौन होगा? अभी यह कहना मुश्किल होगा।

सपा के राकेश छोड़ गए मैदान

एमएलसी की मेरठ-गाजियाबाद सीट पर पिछले चुनाव में सपा के राकेश यादव निर्विरोध चुने गए थे। राकेश सपा के मुख्य महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के बेहद खास माने जाते हैं। विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ होने से पहले राकेश यादव एक बार फिर इसी सीट पर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे थे।

इसके चलते लगातार पार्टी के नेताओं से मेरठ, गाजियाबाद व बागपत में राकेश का जनसंपर्क भी जारी था, मगर विधानसभा चुनाव में सपा की करारी हार के बाद पार्टी और राकेश यादव एमएलसी चुनाव लड़ने का साहस नहीं जुटा पाए और भाजपा की सत्ता के सामने घुटने टेकते हुए हर के डर से मैदान छोड़ दिया। राकेश के रण छोड़ देने की वजह से मेरठ सीट को सपा ने रालोद के खाते में डाल दिया है। अब रालोद के सामने अपने ही गढ़ में सम्मान बचाने के लिए प्रत्याशी उतारने का संकट खड़ा हो गया है।

प्रत्याशी न देने पर रालोद को किरकिरी होने का खतरा

स्थानीय नेताओं की दगाबाजी के चलते रालोद पसोपेश में है कि आखिर वह मेरठ सीट पर प्रत्याशी किसे बनाए। यहां उसका अपना क्षेत्र होने के चलते उसे अपनी किरकिरी होने का खतरा सता रहा है। अगर प्रत्याशी नहीं उतारा तो भी राजनैतिक रुप से बड़ी हार रालोद की ही मानी जाएगी। वहीं, कमजोर प्रत्याशी उतारने की स्थिति में पार्टी के जनाधार और मजबूती पर सवाल खड़े होंगे। ऐसे में रालोद मुखिया जयंत चौधरी मंथन में लगे है कि आखिर किस को मेरठ सीट का उम्मीदवार एमएलसी सीट के लिए घोषित किया जाए। बड़ी बात यह है कि बागपत लोकसभा क्षेत्र का पूरी बेल्ट इसी सीट के तहत आती है और बागपत को रालोद और चौधरी परिवार का गढ़ कहा जाता है। ऐसे में उनके सामने हालात करो या मरो के बने हैं।

दो दिन में हो जाएगी मंत्रिमंडल की स्थिति साफ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में वेस्ट यूपी से भी कई लोग शामिल हो सकते हैं, जिनके नाम पर फाइनल मुहर लगना बाकी हैं। कैंट विधायक अमित अग्रवाल, हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक को राज्यमंत्री बनाया जा सकता हैं, उनके नाम की चर्चा आम हो गई हैं। हालांकि दिनेश खटीक पहले भी राज्यमंत्री रह चुके हैं। इस बार भी उनकी मजबूत दावेदारी मानी जा रही हैं।

बागपत से विधायक योगेश धामा या फिर केपी मलिक में से किसी एक का नाम राज्यमंत्री के रूप में आ सकता हैं। योगेश धामा को जाट नेता के रूप में माना जाता हैं, जिसके बाद उनकी प्रबल दावेदारी मानी जा रही हैं। एमएलसी वीरेन्द्र गुर्जर को भी राज्यमंत्री बनाया जा सकता हैं। वेस्ट यूपी से लक्ष्मीनारायण चौधरी को भी फिर से राज्यमंत्री मंडल में स्थान मिल सकता हैं। हालांकि वेस्ट यूपी से किसी को भी कैबिनेट मंत्रालय में जगह नहीं मिलेगी। अब देखना यह है कि किसके नाम पर फाइनल मुहर लगती हैं। पूरे प्रदेश के लोगों की योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल पर ही निगाहें लगी हुई हैं।

आज नामांकन करेंगे बड़े चेहरे

मेरठ-गाजियाबाद एमएलसी सीट पर नामांकन की लड़ाई भी अंतिम दौर में पहुंच गई है। 32 नामांकन पत्र भाजपा-रालोद के दावेदार और निर्दलीय ले गए हैं। सिर्फ एक नामांकन हुआ है। सोमवार को नामांकन का आखिरी दिन है। सोमवार को भाजपा और रालोद समेत तमाम राजनीतिक दल और निर्दलीय दावेदार नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। नामांकन के लिए मारामारी होना तय है।

प्रशासन ने लॉ एंड आॅर्डर बरकरार रखने के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए हैं। उधर, रालोद ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया। धीरज उज्जवल ने पर्चा खरीदा हैं। वह आज नामांकन दाखिल कर सकते हैं। मेरठ-गाजियाबाद एमएलसी सीट पर 15 मार्च को दोबारा नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई। भाजपा के धर्मेंद्र भारद्वाज और रालोद समेत 32 लोग पर्चा खरीदकर ले गए।

बाकी कोई उम्मीदवार नामांकन पत्र जमा करने नहीं आएं। कलक्ट्रेट में नामांकन प्रक्रिया के लिए पुख्ता इंतजार किये गए हैं। अब दावेदारों के पास परचा जमा करने के लिए सिर्फ एक दिन बचा है। 21 मार्च को नामांकन की दौड़ होना तय है। भाजपा और रालोद के उम्मीदवार सोमवार को नामांकन दाखिल करेंगे। इसके अलावा दूसरे राजनीतिक दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी सोमवार को ही अपना पर्चा जमा कर सकेंगे। 21 के बाद मौका नहीं मिलेगा। बता दें कि नौ अप्रैल को मतदान और 12 अप्रैल को मतगणना होगा।

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