- रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का हुआ दहन
- प्रभु श्रीराम के जयघोष से गूंजा वातावरण, आतिशबाजी रही आकर्षण का केंद्र
जनवाणी संवाददाता |
हरिद्वार: असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व धर्मनगरी और देहात क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया गया। जगह-जगह रावण और कुंभकरण के पुतले दहन किए गए। इस मौके पर लोगों ने एक-दूसरे को दशहरे की शुभकामनाएं दी। मंगलवार को दशहरा पर्व पर जगह जगह विशाल रावण एवं कुंभकरण के पुतले सजाए गए थे। जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।
रावण दहन से पहले से जगजीतपुर फुटबॉल ग्राउंड पूरी तरह से भर गए। शाम को भगवान श्रीराम ने अग्नि बाण चलाकर अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की विजय स्वरूप पुतलों का दहन किया। इसके अलावा भूपतवाला स्थित शनि देव मंदिर के सामने मैदान, रोडी बेलवाला मैदान दशहरा मैदान भीमगोडा पंतदीप, भेल सेक्टर एक, सेक्टर चार, दक्ष मंदिर, ऋषिकुल मैदान, कृष्णा नगर, जगजीतपुर फुटबॉल ग्राउंड, जमालपुर, जटवाड़ा पुल, बहादराबाद पीठ बाजार आदि स्थानों पर रावण के पुतले का दहन हुआ।
पुतले के दहन से पहले राम-रावण युद्ध, अहिरावण, हनुमान संवाद, मकर ध्वज, हनुमान भेंट जैसे प्रसंगों को मेले के मैदान पर मंचन किया। इस दौरान आकर्षक अतिशबाजी का नजारा भी देखने को मिला। इसके बाद राम ने रावण का वध किया और आसमान आतिशी नजरों और श्री राम के जयकारों से गूंज उठा। मेला स्थल मैदान से भगवान श्रीराम अपनी सेना के साथ युद्ध के लिए मैदान में पहुंचते है और अंगद को शांति दूत बनाकर रावण को समझाने का प्रयास कराते हैं।
रावण के नहीं मानने पर युद्ध शुरू हो जाता है मेघनाथ, कुंभकरण इत्यादि महारथी योद्धाओ के साथ भगवान श्रीराम की सेना का युद्ध होता है। मेघनाथ, कुंभकरण सहित अन्य योद्धाओं को श्रीराम की सेना मार देती है। यह देख लंकापति रावण स्वयं युद्ध करने के लिए मैदान में आते है मैदान में राम व रावण में भयंकर युद्ध होता है।
अग्निवाण से रावण धू-धूकर जलने लग ता है इस पर भगवान राम के जयकारों की गूंज से दशहरा मैदान का माहौल धार्मिकमय हो गया। इस दौरान मेला देखने आए लोगों ने रावण दहन के बाद मेले में लगी दुकानों पर जमकर खरीदारी की वहीं बच्चों ने झूले का आनंद लिया और खिलौनो की खरीदारी की भारी पुलिस व्यवस्था के बीच मेले का समापन हुआ।