जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लोहियानगर में कूड़े के पहाड़ में शनिवार को एक बार फिर लगी आग पर काबू पर रविवार की शाम तक काबू नहीं पाया जा सका। धुएं के गुबार से लोहियानगर, जागृति विहार एक्सेंटशन और आसपास के करीब आधा दर्जन गांवों के लाखों लोगों का सांस लेना दूभर हो रहा है। ऐेसे में एक बार फिर क्षेत्रवासियों ने नगर निगम के अफसरों, महापौर व पार्षदों और अन्य जनप्रतिनिधियों पर कूड़े के पहाड़ को कम करने के लिए उनमें नियमित आग लगाकर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने कूड़े के पहाड़ों हटवाने के लिए एक बार फिर आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी।
लोहियानगर में हापुड़ रोड से सटे नगर निगम के डंपिंग यार्ड में करीब 11 लाख टन कूड़ा पड़ा है। यहां कूड़े के पहाड़ बने हुए हैं। नगर निगम द्वारा कूड़े का उचित निस्तारण न करने से यहां दिनों दिन कूड़े के पहाड़ ऊंचे होते जा रहे हैं, जिससे लोहियानगर, शास्त्रीनगर एल ब्लॉक, जागृति विहार एक्सटेंशन के कई सेक्टरों और काजीपुर, घोसीपुर, अल्लीपुर, जाहिदपुर, नरहेड़ा में वायु प्रदूषण के साथ साथ भूजल प्रदूषित हो रहा है और क्षेत्र के लोग बीमार हो रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रदूषण के चलते 18 लोगों की कैंसर से मौत हो चुकी है। ग्राम जाहिदपुर के पं. बख्शी दास इंटर कालेज में छात्रों और शिक्षकों व अन्य स्टाफ का सांस लेना दूभर हो गया है। वे पढ़ नहीं पा रहे। उन्होंने डीएम को ज्ञापन देकर कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने की मांग की। उन्होंने कूड़े के पहाड़ खत्म न होने की स्थिति में उनका कालेज कहीं अन्यत्र शिफ्ट करने की मांग की, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। कूड़े के पहाड़ को कम करने के लिए उसमें आय दिन आग लगा दी जाती है। एक बार आग लगने पर 10-15 दिन से पहले आग नहीं बुझ पाती। पन्द्रह दिन पूर्व करीब सात दिनों तक कूड़े के पहाड़ों में आग लगी रही। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी आग पर काबू पाने में नाकाम रहीं। आखिरकार तेज बारिश होने पर ही आग बुझ पायी थी, लेकिन अब एक बार फिर कूड़े के पहाड़ों में आग धधक रही है। करीब 36 घंटे में भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका। कूड़े के पहाड़ों धुआं निकलना बंद नहीं हुआ। ऐसे में लोगों को सांस लेना मुश्किल हो गया है। कूड़े के पहाड़ों को हटवाने के लिए आंदोलन चलाने वाले काजीपुर निवासी गौरव गुर्जर का कहना है कि नगर निगम के अधिकारी, महापौर, पार्षद और अन्य जनप्रतिनिधि कूड़े के निस्तारण के बजाए कूड़े में आय दिन आग लगवा रहे हैं। जिससे कई कालोनी व करीब आधा दर्जन गांवों के लाखों लोगों का सांस लेना दूभर हो गया।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण के चलते उनके गांव में 18 लोग कैंसर से ग्रसित होकर मौत की आगोश में पहुंच गए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट लेने के लिए झूठे आश्वासन देते हैं, पर इसके बाद जनता किस तरह घुटकर मर रही है, पलटकर नहीं देखते। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों पर सांठगांठ करके कूड़े के निस्तारण के नाम पर करोड़ों का घोटाला करने का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि एक बार फिर वह क्षेत्र की जनता को लेकर आंदोलन करेंगे। वह आमरण अनशन करेंगे।