Thursday, January 9, 2025
- Advertisement -

नासमझी

Amritvani 21

दो बंदर एक दिन घूमते-घूमते एक गांव के समीप पहुंच गए और उन्होंने वहां सुंदर व मीठे प्रतीत होने वाले फलों से लदा हुआ एक पेड़ देखा। एक बंदर ने दूसरे से चिल्लाकर कहा, ‘इस पेड़ को देखो! ये फल कितने सुंदर दिख रहे हैं। ये अवश्य ही बहुत स्वादिष्ट होंगे! चलो हम दोनों पेड़ पर चढ़कर फल खाएं।’ दूसरा बंदर बुद्धिमान था। उसने कुछ सोचकर कहा, ‘नहीं, नहीं। एक पल के लिए सोचो। यह पेड़ गांव के इतने समीप लगा है और इसके फल इतने सुंदर और पके हुए हैं, लेकिन यदि ये अच्छे फल होते तो गांव वाले इन्हें ऐसे ही क्यों लगे रहने देते? लोगों ने इन्हें अवश्य ही तोड़ लिया होता! लेकिन ऐसा लगता है कि किसी ने भी इन फलों को हाथ भी नहीं लगाया है। इन्हें मत खाओ। मुझे विश्वास है कि ये फल खाने लायक नहीं हैं।’ पहले बंदर ने कहा, ‘कैसी बेकार की बातें कर रहे हो! मुझे तो इन फलों में कुछ बुरा नहीं दिख रहा। मैं तो फल खाने के लिए पेड़ पर चढूंगा।’ बुद्धिमान बंदर ने कहा, ‘जैसी तुम्हारी इच्छा, मैं खाने के लिए कुछ और ढूंढता हूं।’ पहला बंदर पेड़ पर चढ़कर फल खाने लगा और उसने जीभर के फल खाए। लेकिन वे फल उसका अंतिम भोजन बन गए, क्योंकि फल स्वादिष्ट तो थे, परंतु जहरीले थे। दूसरा बंदर जब कहीं और से खा-पीकर आया तो उसने पेड़ के नीचे अपने मित्र को मरा हुआ पाया। उसे यह देखकर बहुत दु:ख हुआ, लेकिन वह तो पहले ही अपने मित्र को सावधान कर चुका था। इसलिए कहते हैं कि हर चमकने वाली चीज सोना नहीं होती।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Rasha Thandani: क्या राशा थडानी कर रही है इस क्रिकेटर को डेट? क्यो जुड़ा अभिनेत्री का नाम

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

Latest Job: मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ने इन पदों पर निकाली भर्ती, यहां जाने कैसे करें आवेदन

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट में आपका हार्दिक स्वागत...
spot_imgspot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here