- यूपी एटीएस की कार्रवाई पर उलेमा ने उठाए सवाल
- दोनों आलिमों को रिहा कर निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग
जनवाणी संवाददाता |
देवबंद: जबरन धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में उत्तर प्रदेश एटीएस द्वारा दो धर्म गुरुओं को गिरफ्तार किए जाने पर उलेमा ने हैरत और चिंता व्यक्त की है। उलेमा ने दो टूक कहा एक हजार से ज्यादा लोगों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराया ही नहीं जा सकता है। उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश एटीएस ने जबरदस्ती धर्मांतरण कराने के आरोप में मौलाना जहांगीर आलम कासमी और मौलाना उमर गौतम को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। उनपर एक हजार लोगों को धर्मांतरण कर मुस्लिम बनाने का आरोप है। यूपी एटीएस की कार्यवाही पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मदरसा जामिया हुसैनिया के उस्ताद मुफ्ती तारिक कासमी ने कहा कि किसी भी धर्म के व्यक्ति को अपने धर्म के प्रचार प्रसार की इजाजत देश का संविधान देता है। ऐसे में मुस्लिम उलेमा पर जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप लगाते हुए उनको गिरफ्तार कर लिया जाना सरासर गलत है।
यूपी एटीएस की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगाते हुए जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक कारी इस्हाक गोरा ने कहा कि इलजाम लगाकर किसी भी गिरफ्तार कर लिया जाना बेहद आसान है। लेकिन उस इलजाम को साबित करना असल बात है। कहा कि दोनों आलिमों पर एक हजार लोगों को जबरन मुसलमान कर लिए जाने का इलजाम लगाया गया है जो खुद समझ से परे है।
कोई भी व्यक्ति इतने लोगों के साथ जबरदस्ती नहीं कर सकता है। कारी इस्हाक ने कहा कि बीते कुछ दिनों से धर्म विशेष के लोगों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। इस तरह की कार्रवाई चुनावी जमीन तैयार करने की कोशिश नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि दोनों आलिमों को तुरंत रिहा करते हुए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए।