- आवासीय छात्र बताकर कर ली लाखों रुपए की सरकारी धन की बंदरबांट !
- शिक्षा माफिया के खिलाफ मुख्यमंत्री से शिकायत, कार्रवाई की मांग
- शिक्षा माफिया कर चुका है कई बार रिकॉर्ड में हेराफेरी !
जनवाणी संवाददाता |
सरूरपुर: जसड़ सुल्तान नगर में एक शिक्षा माफिया द्वारा मदरसों की आड़ में एक बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। इस फर्जीवाड़े को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों ने आरटीआई के तहत किए गए खुलासे के बाद मुख्यमंत्री व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अफसरों से जांच कर सख्त कार्रवाई करने की मांग उठाई है। शिकायत में आरोप है कि मदरसा संचालक द्वारा फर्जी मदरसों की आड़ में हर वर्ष सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाकर सरकारी पैसे को हजम किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार जसड़ सुल्तान नगर में एक ही परिसर में मदरसा इंडियन हाई स्कूल, मदरसा इंडियन लिलबनात, मदरसा जामिया अब्दुल हमीद और इंडियन हाई स्कूल के नाम से चार संस्थाएं संचालित हैं। इन मदरसों के संचालक और शिक्षा माफिया उम्मेद अली के खिलाफ पहले से ही और ईओडब्लयू व अन्य विभागों में जांच चल रही है। आरोप है कि मदरसा संचालक द्वारा पहले भी कई बार रिकॉर्ड में हेराफेरी कर करोड़ों रुपए का गबन किया जा चुका है।
आरोप है कि इन संस्थाओं में नाम मात्र के छात्र हैं और मदरसा संचालक फर्जी तरीके से छात्रों के छात्रवृत्ति आवेदन पत्र भरवा कर छात्रवृत्ति हड़प कर जाता है। वर्ष 2010-11 भारत सरकार की अल्पसंख्यक प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत इंडियन हाई स्कूल जसड़ सुल्तान नगर में कक्षा 6 से 10 तक के लगभग 70 छात्रों को आवासीय (आवासीय) छात्र दर्शाकर दस हजार रूपये प्रति छात्र के नाम से छात्रवृत्ति प्राप्त कर हड़पने का आरोप है। जबकि वर्ष 2010 में इस स्कूल की मान्यता भी नहीं थी। शिक्षा माफिया व मदरसा संचालक तीनों मदरसों में मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत लगभग नौ शिक्षकों का वेतन भी प्राप्त कर रहा है।
जबकि मदरसा संचालक उम्मेद अली स्वयं भी मदरसा जामिया अब्दुल हमीद में शिक्षक है। मदरसा संचालक मदरसों में मदरसा पोर्टल पर पंजीकृत शिक्षकों से इतर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों से सांठगांठ करके वेतन प्राप्त कर रहा है, यानी जो शिक्षक मदरसा पोर्टल पर पंजीकृत हैं वो अलग है और जिन शिक्षकों को वेतन मिल रहा है उनके नाम अलग हैं।
शिकायत पत्र में मदरसा संचालक को कटघरे में खड़ा करते हुए बताया गया कि एक ही परिसर में तीन मदरसों की मान्यता किस उद्देश्य से ली गई है। किसी भी शिक्षण संस्थान में जब छात्रों की संख्या मे बढ़ोतरी होती है, तो संस्थान नई मान्यता ना लेकर कक्षा कक्षों का निर्माण करता है। लेकिन, इन मदरसों में तो छात्रों की संख्या में भी कोई बढ़ोतरी नहीं हो रही है।
आईटीआई में हुए खुलासे के बाद सवालों को घेरे में लेते हुए शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि एक ही परिसर में तीन मदरसों की मान्यता लेने का उद्देश्य सरकारी पैसे की बंदरबांट करके शिक्षकों के नाम से वेतन प्राप्त किया जा सके। शिकायती पत्र में यह भी सवालिया निशान लगाया गया है कि उक्त स्थान पर इंडियन हाई स्कूल संचालित है फिर मदरसे की मान्यता लेने का कोई औचित्य नही है।
ऐसे कौन से छात्र हैं जो मदरसों में भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और स्कूल में भी। बड़े फर्जीवाड़े में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की भी भूमिका संदिग्ध मानी गई है। शिकायत पत्र में इस बड़े फर्जीवाड़े की उच्च स्तरीय जांच करा कर दोषियों के विरुद्ध उचित कानूनी कार्यवाही की मांग करते हुए परिसर में संचालित समस्त मदरसों की मान्यता समाप्त की जाए।