Saturday, January 4, 2025
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नगर निगम कार्यकारिणी में भाजपा के चार व सपा के दो सदस्य जीते

  • मुस्लिम लीग के प्रत्याशी को मिली हार, दो वोट नहीं पड़े, छह वोट निरस्त

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: नगर निगम की कार्यकारिणी के छह सदस्यों के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने चार सीट और समाजवादी पार्टी ने दो सीटें जीतीं। मुस्लिम लीग के प्रत्याशी को हार मिली। दो वोट नहीं पड़े, जबकि छह वोट निरस्त हुए। चुनाव परिणाम आने के बाद एक बार फिर नगर निगम कार्यकारिणी में भाजपा के सदस्यों की संख्या पुन: आठ हो गई और सपा के सदस्यों की संख्या भी फिर तीन हो गई।

नगर निगम की कार्यकारिणी में कुल 12 सदस्य होते हैं। कार्यकारिणी सदस्यों का कार्यकाल दो वर्ष होता है। नियमानुसार बोर्ड के गठन के बाद पहली बार बनी कार्यकारिणी में से दो वर्ष बाद छह सदस्यों को बाहर किया जाता है, जबकि छह सदस्यों का कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया जाता है। कार्यकारिणी से छह सदस्यों को आउट करने के लिए पर्चिंयां निकाली जाती हैं, जिनके नाम की पर्ची निकलती है, वे आउट हो जाते हैं। जो पार्षद दोबारा कार्यकारिणी सदस्य बनना चाहते हैं तो उन्हें दोबारा चुनाव जीतना होता है।

25 नवंबर से पूर्व कार्यकारिणी में भाजपा के आठ सदस्य थे, इनमें राजीव गुप्ता काले, संजय सैनी, पूनम गुप्ता, विक्रांत ढाका, विमला वाल्मीकि, पवन चौधरी, दीपक वर्मा, रेखा सिंह शामिल थे, जबकि सपा के तीन सदस्य कुलदीप कीर्ति घोपला, नाजरीन शाहिद व राहत जहां तथा एआईएमआईएम से फजल करीम थे। 25 नवंबर को पर्चियां निकलने के बाद भाजपा के राजीव गुप्ता काले, विक्रांत ढाका, दीपक वर्मा, रेखा सिंह आउट हुए थे, जबकि समाजवादी पार्टी से नाजरीन शाहिद अब्बासी तथा कुलदीप कीर्ति घोपला आउट हुए थे।

अब भाजपा के संजय सैनी, पूनम गुप्ता, विमला वाल्मीकि, पवन चौधरी कार्यकारिणी में शामिल हैं, जबकि सपा की राहत जहां तथा एआईएमआईएम से फजल करीम शामिल हैं। इन सभी के कार्यकाल एक वर्ष और बढ़ गया। गुरुवार को नगर निगम की कार्यकारिणी सदस्यों के छह रिक्त पदों के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के ब्रहस्पति भवन में हुए चुनाव में भाजपा से संदीप कुमार रेवड़ी, अनिल कुमार, नरेश कुमार कश्यप, दीपिका शर्मा और दिगविजय ने नामांकन किया, जबकि समाजवादी पार्टी से इकरामुद्दीन सैफी और कुलदीप कीर्ति तथा एआईएमआईएम समर्थित मुस्लिम लीग से रिजवान चुनाव मैदान में उतरे थे।

ऐन मौके पर दिगविजय ने नामांकन वापस ले लिया। कार्यकारिणी सदस्य के चुनाव में 90 पार्षदों के साथ-साथ सांसद अरुण गोविल, राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेई, शहर विधायक रफीक अंसारी, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, मेरठ दक्षिण से विधायक डा. सोमेन्द्र तोमर, एमएलसी अश्वनी त्यागी और एमएलसी धर्मेन्द्र भारद्वाज पदेन सदस्य होने के नाते उनका भी वोट है। सुबह 11:30 बजे नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई। दोपहर 12:30 से एक बजे तक नामांकन पत्रों की जांच की गई। एक बजे से डेढ़ बजे तक नामांकन पत्र वापस हुई, जिसमें भाजपा से दिग्विजय ने नामांकन वापस लिया।

डेढ़ से दो बजे के बीच बैलेट पेपर तैयार किए गए। दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक मतदान हुआ। कुछ 98 वोटों में से 96 वोट पड़े। इनमें भाजपा के एमएलसी धर्मेन्द्र भारद्वाज वोट देने नहीं आ सके। वार्ड-87 से पार्षद शरीफ भी वोट देने नहीं पहुंचे। जबकि सांसद अरुण गोविल, राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, मेरठ दक्षिण विधायक डा. सोमेन्द्र तोमर, एमएलसी अश्वनी त्यागी ने वोट डाले। सपा के शहर विधायक रफीक अंसारी ने मतदान किया। शाम साढ़े चार बजे मतगणना हुई।

96 वोटों में से छह वोट निरस्त कर दिए गए। हालांकि दो अन्य वोट पर संदेह था, लेकिन सभी प्रत्याशियों के कहने पर उन्हें निरस्त नहीं किया गया। भाजपा के अनिल कुमार को 17 वोट मिलने पर विजयी घोषित किया गया। संदीप रेवड़ी को 17 वोट मिलने पर विजयी घोषित किया गया। भाजपा के नरेश कुमार कश्यप को 14 वोट मिलने पर विजयी घोषित किया गया। भाजपा की दीपिका शर्मा को 14 वोट मिलने पर उन्हें विजयी घोषित किया गया। सपा से इकरामुद्दीन सैफी को 13 वोट मिलने पर विजयी घोषित किया गया।

सपा के कुलदीप कीर्ति घोपला को आठ वोट मिलने पर विजयी घोषित किया गया। मुस्लिम लीग के रिजवान को मात्र सात वोट मिले। वह चुनाव हार गए। चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, भाजपा के पार्षदों व समर्थकों ने विजयी सदस्यों का स्वागत किया और जश्न मनाया। सपा के वरिष्ठ नेता अब्दुल फहीम एडवोकेट व सपा के पार्षदों ने विजयी सदस्यों का स्वागत किया।

कहकशां ने ली वार्ड-76 के पार्षद की शपथ

वार्ड-76 श्यामनगर की पार्षद का 10 माह पूर्व निधन हो गया था। उक्त पद पर पिछले माह चुनाव हुआ था, जिसमें निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सपा के पूर्व पार्षद दल नेता और पार्षद पद का कई बार चुनाव जीतने वाले शाहिद अब्बासी ने अपनी पुत्र वधु कहकशां पत्नी जीशान को चुनाव में उतारा था। कहकशां ने एआईएमआईएम प्रत्याशी को भारी मतों से हराया था।

गुरुवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के बृहस्पति सभागार में कार्यकारिणी सदस्यों के मतदान से पूर्व कहकशां को पार्षद पद की शपथ दिलाई गई। मंच पर महापौर ने हिंदी में लिखे शपथ पत्र को पढ़ना शुरू किया। कहकशां का उनके साथ शपथ पत्र पढ़कर शपथ लेनी थी, लेकिन एमए अंग्रेजी की पढ़ाई कर चुकी कहकशां ने अंग्रेजी में शपथ ली और शपथ लेने के बाद, जय भारत और जय राष्ट्रवाद और जय संविधान का नारा लगाया।

भाजपा की रणनीति फेल, पांचवें प्रत्याशी को बैठाया

नगर निगम की कार्यकारिणी के चुनाव में इस बार भाजपा की रणनीति फेल साबित हुई। भाजपा में मची भीतरघात के चलते पार्टी ने ऐन मौके पर पांचवें प्रत्याशी का नामांकन वापस कराकर चुनाव मैदान से बाहर कर दिया। नगर निगम की कार्यकारिणी में कुल 90 पार्षद सदस्य हैं और आठ जनप्रतिनिधि पदेन सदस्य हैं। पार्षदों में भाजपा के चुनाव चिह्न पर निर्वाचित 42 पार्षद हैं, जबकि सात निर्दलीय पार्षद चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे। सपा के 13 पार्षद, बसपा के 11 पार्षद, एआईएमआईएम के 10 पार्षदों में तीन पार्षद पार्टी से अलग हो गए थे।

कांग्रेस के पास तीन पार्षद हैं। रालोद से तीन और मुस्लिम लीग से एक पार्षद हैं। एआईएमआईएम से अलग हुए तीन पार्षद निर्दलीय के रूप में हैं। छह उम्मीदवार चुनाव में खड़े होने पर कार्यकारिणी सदस्य बनने के लिए प्रत्याशी को 16 वोट लेने का लक्ष्य था, लेकिन सात प्रत्याशी खड़े होने पर 14 वोट लेने का लक्ष्य हो गया। ऐसे में भाजपा ने पांच प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे। भाजपा ने रणनीति बनाई थी कि 56 वोट उसकी पार्टी की हैं और तीन वोट रालोद की हैं। अब पांचवें प्रत्याशी को जिताने के लिए भाजपा को 11 वोट की जरूरत थी।

भाजपा ने सात वोट बाहर से जुटा लीं, लेकिन चार वोट जुटने में कामयाब नहीं हो पाई। इसके अलावा पार्टी को अपने जयचंदों से खतरा था। ऐसे में भाजपा बैकफुट पर आ गई और ऐन मौके पर पांचवे प्रत्याशी दिग्विजय का नामांकन वापस दिलाया। इस चुनाव में कई भाजपा पार्षदों के निशाने पर उनकी पार्टी के नगर निगम की राजनीति में अग्रेणी रहने वाले एक जनप्रतिनिधि पर निशाना साधा। चार मतदाताओं ने अपनी वोट खराब कर डाली।

छह माह बाद देशभर की वक्फ संपत्तियां केन्द्र की हो जाएगी: लक्ष्मीकांत

संभल में पुलिस चौकी बनाने को लेकर केन्द्र सरकार पर हमलावर एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर गुरुवार को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेई ने पलटवार किया। वाजपेई ने कहा कि जिस भूमि पर पुलिस चौकी बन रही है, उसे ओवैसी वक्फ की बता रहे हैं। छह माह बाद देशभर की वक्फ संपत्तियां केन्द्र सरकार की हो जाएगी। चौधरी चरण सिंह विश्व विद्यालय के ब्रहस्पति सभागार में नगर निगम की कार्यकारिणी सदस्यों के चुनाव में वोट डालने के बाद पत्रकारों से बातचीत में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेई ने कहा कि संभल में जामा मस्जिद के सामने की भूमि जिस पर पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है,

उसकी प्रशासन ने जांच की। इसके बाद ही निर्माण शुरू किया गया। उस जगह को ओवैसी वक्फ की बताकर विवाद खड़ा करना चाहते हैं। ओवैसी समझ रहे हैं कि उनके विवाद खड़ा करने से चौकी का निर्माण रुक जाएगा, ऐसा नहीं होगा। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन सही कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि ओवैसी अभी रुक जाइये। छह माह बाद देशभर की वक्फ संपत्तियां केन्द्र सरकार की हो जाएंगी। लक्ष्मीकांत ने कहा कि ओवैसी केन्द्र मुस्लिमों को भड़काने का काम करते हैं। वह विवादित बयानबाजी करते हैं। ऐसे लोगों से सभी को सचेत रहने की जरूरत है।

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