Monday, December 16, 2024
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करोड़ो की हेराफेरी उजागर, फर्जीवाड़ा कर बेची गई जमीन, सवालों के घेरे में डीके मोदी

संजय तिवारी |

मोदीनगर: मोदी समूह की मोदी पोन लिमिटेड की अवैध तरीके से भूमि बेचे जाने के बाद अब डीके मोदी समूह के मोदी चेरिटबल फंड सोसाइटी का बड़ा घोटाला सामने आया है। डीएम इंद्र विक्रम सिंह के समक्ष आई शिकायत पर एसडीएम न्यायिक राजेंद्र कुमार शुक्ला ने जांच में तमाम अनियमितताएं पकड़ी हैं।

जांच में अधिग्रहण भूमि की शर्तों का खुला उल्लंघन कर उस पर काम्पलेक्स बनाकर करोड़ो रूपये कमाने वाला डीके मोदी समूह फिर सवालों के घेरे में आ गया है। बिना शासन की अनुमति के बेची गयी भूमि के इस मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी गयी है। जिसे लेकर डीके मोदी समूह के प्रबंधकों से लेकर काम्पलेक्स में दुकान व आफिस के खरीददारों के बीच खलबली मच गयी है।

दरअसल, एमके मोदी समूह को उद्योग लगाने के लिये यूपीएसआईडीसी की ओर से शासन ने भूमि अधिग्रहित कर दी थी, लेकिन मोदी पोन लिमिटेड की मिल बंद होने के बाद उक्त भूमि को वर्ष 2010 के बाद बेचना शुरू कर दिया गया। इस विवादित भूमि के बेचे जाने की तत्कालीन मेरठ कमिश्नर डॉ. प्रभात कुमार ने जांच बैठाई थी। जांच में 250 करोड़ से अधिक की भूमि का घोटाला पकडा और भूमि की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी थी। उक्त कंपनी के नाम की सैकड़ों बीघा भूमि को नगर पालिका की सुपुर्दगी दे दिया गया था।

इस समय उस भूमि का स्वामित्व जिला प्रशासन का है। इसी क्रम में अब शिकायतकर्ता श्रमिक नेता नरेश शर्मा, सुशील त्यागी व विनोद कुमार ने डीएम इंद्रभूषण सिंह से शिकायत की कि मोदी चेरिटबल फंड सोसाइटी को वर्ष 1941 से 47 के बीच सरकार ने तकरीबन 140 बीघे भूमि(टीचर कॉलोनी से होते हुये राजचौपले तक) अधिग्रहण कर दी थी। जिस पर भूमि अधिग्रहण को लेकर रखी गयी शर्तों के मुताबिक मोदी इंटर कॉलेज से लेकर डिग्री कॉलेज व दोनों कॉलेज के खेल मैदान का निर्माण किया गया था।

उक्त सोसाइटी के अध्यक्ष इन दिनों डॉ. डीके मोदी हैं। आरोप लगा है कि डीके मोदी ने अवैध धन अर्जित करने के लिये शासन के नियमों को दरकिनार कर मोदी इंटर कॉलेज के खेल के मैदान की भूमि के हिस्से पर कब्जा कर जहां अपने पिता के नाम स्व. केएन मोदी के नाम व्यवसायिक काम्पलेक्स का बड़े स्तर पर निर्माण करा लिया। काम्पलेक्स निर्माण के बाद पीछे का भी खेल मैदान का हिस्सा बेचना शुरू कर दिया और तो और मोदी डिग्री कॉलेज के मैदान के गेट पर ताला लगाकर कब्जा कर कॉलेज के खिलाड़ियों को खेलने व व्यायाम करने से रोक दिया।

श्रमिक नेताओं के लगाये गये इन आरोपों की जांच के लिये डीएम इंद्रविक्रम सिंह ने एसडीएम न्यायिक राजेंद्र कुमार शुक्ला को जांच सौंपी। जांच के तहत शिकायतकर्ता व आरोपी सोसाइटी के प्रबंधकों को नोटिस जारी कर तलब किया गया। डीके मोदी की ओर से बने काम्पलेक्स को लेकर शासन की अनुमति का पत्र नहीं दिखाया जा सका। जांच में अधिग्रहण भूमि की शर्तों का खुला उल्लंघन पाया गया। मोदी पोन लिमिटेड की भूमि की तर्ज पर डीके मोदी की सोसाइटी की ओर से बरती गयी अनियमितताओं के तहत काम्पलेक्स बनाये जाने को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। काम्पलेक्स की दुकानों के खरीददारों के बीच खलबली मच गयी है। पूरे प्रकरण की रिपोर्ट जिला प्रशासन की ओर से शासन को भेजी जानी है।

क्या कहते हैं अधिकारी

शिकायतकर्ताओं के लगाये गये आरोपों की जांच में यह बात सामने आई है कि मोदी चेरिटबल फंड सोसाइटी को स्कूल, कॉलेज व खेल मैदान के लिये यह भूमि शर्तों एक्ट 44-ए के तहत जरिये 99 वर्ष के लिये लीज पर दी गयी। बाकायदा सोसाइटी व सरकार के बीच सहमति बनी। शिकायतकर्ताओं की ओर से प्रमाण पत्र भी सहमति के सामने आये हैं। सोसाइटी को बाकायदा काम्पलेक्स निर्माण के लिये एक्ट के प्रावधानों के तहत शासन से अनुमति लेनी चाहिये थी जो कि गलत किया गया है। इस संबंध में उनकी ओर से जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेज दी गयी है।
राजेंद्र कुमार शुक्ला, एसडीएम न्यायिक, मोदीनगर

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