- भारत छोड़ो आंदोलन में निभाई थी अहम् भूमिका
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: महज 14 साल की उम्र में अंग्रेजों के सामने सीना तानकर आजादी के लिए अपनी शिक्षा तक दांव पर लगाने वाले स्वतंत्रता सेनानी अमरनाथ गुप्ता का निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे। देश को आजाद कराने के लिए चले भारत छोड़ो आंदोलन में अहम् भूमिका निभाने वाले सदर बाजार, तिलक पार्क निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमरनाथ गुप्ता कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे।
परिजनों ने पहले एक उनको एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था, लेकिन स्वास्थ्य में कोई लाभ न होने पर स्वास्थ्य लाभ न होने पर उन्हें लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जहां रविवार दोपहर बाद करीब उन्होंने अंतिम सांस ली। शाम के समय सूरजकुंड पर वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान डीएम दीपक मीणा व एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
स्व. अमरनाथ गुप्ता के परिवार में दो बेटे हैं, उनके बड़े बेटे विजय गुप्ता ने मुखाग्निी दी। अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन के समय उनकी उम्र मात्र 14 साल की थी, लेकिन इस किशोरावस्था में ही अमरनाथ गुप्ता ने नौ अगस्त 1942 को सीएबी स्कूल पर लगे अंग्रेजों के झंडे को उखाड़ फेंका था। इसकी सजा के तौर पर 1946 तक उन्हें शहर के किसी स्कूल में दाखिला नहीं मिला।
वे अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन करते रहे। आजादी के साथ 1947 में मेरठ कालेज में उन्हें सीधे 10वीं में प्रवेश दिया गया था। प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उन्होंने राष्ट्रगान से सिंध शब्द हटाकर किसी अन्य प्रांत के नाम शामिल करने की मांग भी उठाई थी। गौरतलब है कि विभाजन के बाद सिंध प्रांत भारत के बजाय पाकिस्तान के हिस्से में चला गया था।