Tuesday, May 13, 2025
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लारेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की दोस्ती, जरायम की दुनिया का कैसे बना दिया बादशाह!, पढ़िए चकित कर देने वाली पूरी कहानी

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। बात साल 2010 की है। चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में दो युवा पढ़ने आए। एक कबड्डी के दांव-पेंच में माहिर था तो दूसरा एथलीट बनने के लिए पसीना बहा रहा था। खेल के मैदान में अभ्यास करते हुए दोनों मिल गए। बातचीत दोस्ती में बदली और सपने साझा होने लगे। लेकिन, कुछ ऐसा हुआ कि खेल का मैदान पीछे छूट गया और दोनों ही खिलाड़ी जरायम की दुनिया में कूद गए। इस आपराधिक दुनिया में उन्होंने ऐसा खूनी खेल खेला कि उनके खौफ के शिकंजे में बड़े-बड़े धराशायी होने लगे। आज की तारीख में व्यापार से लेकर बॉलीवुड तक में उनके डर का काला साम्राज्य फैला हुआ है।

जी हां, आज हम बात कर रहे हैं गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और कनाडा में जा बसे उसके दोस्त सतिंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ की। 12 फरवरी 1992 में पंजाब के फजिल्का जिले की अबोहर तहसील दुतरांवाली में लॉरेंस बिश्नोई का जन्म हुआ था। लॉरेंस के पिता किसान और मां घर के काम संभालती थी।

एक भाई है जो लॉरेंस से छोटा है, वो यूएसए में रहता है। लॉरेंस की शुरुआती पढ़ाई अबोहर के ही एजंप्शन कॉन्वेंट स्कूल में हुई। साल 2005 में लॉरेंस ने वहां से 10वीं की परीक्षा पास की और वह आगे की पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ आ गया। यहां उसने सेक्टर 15 के डीएवी पब्लिक स्कूल में दाखिला लिया।

12वीं की परीक्षा के बाद उसने पंजाब यूनिवर्सिटी में एलएलबी की पढ़ाई के लिए दाखिला ले लिया। यूनिवर्सिटी आने के बाद लॉरेंस ने साल 2009 में छात्र राजनीति में हाथ आजमाने शुरू किए और स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (सोपू) को जॉइन कर लिया। इसी यूनिवर्सिटी में साल 2010 में उसकी गोल्डी बराड़ से मुलाकात हुई। मुक्तसर की पुलिस कालोनी में रहने वाले गोल्डी के पिता पुलिस में थे। वह यूनिवर्सिटी में इवनिंग क्लासेज में बीए की पढ़ाई कर रहा था।

गोल्डी कबड्डी का बेहतरीन खिलाड़ी था। वह क्लास के बाद रोज शाम को खेल के मैदान में कबड्डी की प्रैक्टिस करता था। इसी मैदान में लॉरेंस एथलीट बनने के सपने देख रहा था। लॉरेंस से दोस्ती बढ़ने के बाद गोल्डी ने इवनिंग क्लासेज के बजाए नॉर्मल क्लासेज में एडमिशन ले लिया।

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इस बीच राजनीति में हाथ आजमा रहे लॉरेंस के विरोधी यूनियन पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट एसोसिएशन (पुसू) से जुड़े लोगों से झगड़े बढ़ने लगे। उसके खिलाफ पहली एफआईआर चंडीगढ़ के सेक्टर 11 के थाने में दर्ज हुई। उस पर पुसू के प्रेजिडेंट उदय पर फायरिंग करने के आरोप थे।

इस मामले में लॉरेस गिरफ्तार हुआ और उसे 45 दिन चंडीगढ़ जेल में रहना पड़ा। जेल से बाहर निकलने के बाद लॉरेंस ने गोल्डी बराड़ के साथ ग्रुप बनाया। छात्र राजनीति में वर्चस्व कायम करने के लिए उन दोनों ने चंडीगढ़ के कॉलेज-कॉलेज घूमकर विरोधियों के साथ मारपीट और हमले शुरू कर दिए।

देखते ही देखते लॉरेंस के खिलाफ 13 आपराधिक मामले दर्ज हो गए और वह शहर में चर्चा का विषय बन गया। दो से तीन केस में गोल्डी का भी नाम सामने आया। लेकिन उसके पिता पुलिस में थे, तो उन्होंने उसके नाम मुकदमों से हटवा दिए।

गोल्डी के पिता ने उसे झगड़ों और मारपीट से दूर करने के लिए पढ़ाई के बहाने कनाडा भेज दिया। वहीं पुलिस केस में फंसे लॉरेंस ने भी अपने परिवार से दूरी बना ली और अलग-अलग ठिकाने बनाकर ग्रुप के दोस्तों के साथ रहने लगा।

गोल्डी के पिता ने भले ही उसे कनाडा भेज दिया था लेकिन उसकी और लॉरेंस की दोस्ती में दूरी बढ़ने के बजाए और नजदीकियां हो गईं। गोल्डी के जाने के बाद लॉरेंस पूरी तरह से अपराध की दुनिया में कूद पड़ा। पंजाब यूनिवर्सिटी में लॉरेंस का सीनियर रहा विक्रमजीत सिंह खुलर उर्फ मिडूखेड़ा उसकी पैसों से मदद करता था। लॉरेंस और गोल्डी दोनों ही मिडूखेड़ा को बहुत मानते थे।

साल 2014 में लॉरेंस अपने साथी जावेद झिंजा के साथ सालासार जा रहा था। इसी दौरान उसकी कार एक बस से टकरा गई। झगड़ा बढ़ा तो लॉरेंस और जावेद ने उनके पास मौजूद नाइन एमएम पिस्टल और .30 की पिस्टल से हवाई फायरिंग कर दी। जिस पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर सीकर जेल भेज दिया।

जेल में रहने के दौरान लॉरेंस के चचेरे भाई अमनदीप की उसके विरोधी गैंग छोटू भाट ने हत्या कर दी। भाई की हत्या का बदला लेने के लिए साल 2015 में लॉरेंस पुलिस कस्टडी से भाग निकला। लेकिन, कुछ समय बाद ही उसे पुलिस ने फजिल्का से ड्रग्स, हथियारों के साथ एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया।

पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में दर्ज अलग-अलग मुकदमों के चलते उसकी जेल बदलती रहीं और अपराध जगत में उसका नेटवर्क बढ़ने लगा। जेल में रहने के दौरान ही उसने अपने नए और पुराने साथियों के बदले के लिए कई हत्याएं करवाईं। जिसके चलते पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में लॉरेंस के नाम की दहशत बढ़ने लगी। उसने शराब और दूसरे गैरकानूनी धंधों में लगे लोगों से रंगदारी वसूलना शुरू कर दिया। इस बीच अक्टूबर 2020 में लॉरेंस के विरोधी गैंग दविंदर बांबिहा ने गोल्डी बराड़ के चचेरे भाई गुरलाल बरार की हत्या कर दी।

गुरलाल साल 2017 से गोल्डी के साथ कनाडा में ही रहता था। इस वारदात के बाद गोल्डी भी खुलकर अपराध की दुनिया में उतर गया। उसने लॉरेंस से बातचीत के दौरान भाई की हत्या का बदला लेने की कसम खाई और लॉरेंस ने उसकी हरसंभव मदद करने का पूरा भरोसा दिया।

गुरलाल की हत्या का बदला लेने के लिए गोल्डी और लॉरेंस ने रंजीत सिंह राना की हत्या कराई। इस बीच लॉरेंस को भरतपुर से अजमेर जेल ट्रांसफर कर दिया गया, जहां फोन काम नहीं करते थे। जब वह अजमेर में था तो गोल्डी ने सफी और कीरा पर फायरिंग की।

जून 2021 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने लॉरेंस को मकोका के तहत गिरफ्तार कर लिया। इस बीच दाविंदर बांबिहा के गैंग ने लॉरेंस के करीबी मिड्डूखेड़ा की मोहाली में हत्या कर दी। इसी हत्याकांड में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के मैनेजर संगनप्रीत का नाम सामने आया, जिसके बाद लॉरेंस और गोल्डी ने सिद्धू मूसेवाला से बदला लेने की कसम खाई।

सिद्धू मूसेवाला की हत्या से करीब आठ माह पहले भी तीन शूटर शाहरुख, डैनी और अमन उसके गांव के पास के गांव में करीब एक सप्ताह तक रुके रहे थे। लेकिन उसकी सुरक्षा के चलते इसे अंजाम नहीं दे पाए थे।

बाद में तय हुआ कि ज्यादा से ज्यादा शूटर्स का इंतजाम करके इसे अंजाम दिया जाएगा। इसके बाद गोल्डी बराड़ ने छह शूटर रूपा, मनप्रीत, अंकित, प्रियव्रत, दीपक मुंडी और कशिश को भेजा। उनके रुकने का इंतजाम, गाड़ियों की व्यवस्था की। इसके लिए लॉरेंस ने गोल्डी को हवाला के जरिए करीब 60 लाख रुपये भिजवाए।

आखिर में 29 मई 2022 को लॉरेंस और गोल्डी के शूटर्स ने सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या करवा दी। लॉरेंस इस समय फिल्म अभिनेता सलमान खान को धमकी देने के चलते भी चर्चा में है।

बीते करीब दो साल से लॉरेंस यूपी के अपराध जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है। फिर चाहे अतीक-अशरफ हत्याकांड में शूटर्स द्वारा इस्तेमाल की गई जिगाना और गिरसान पिस्टल कनेक्शन की बात हो या फिर माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या में उसके शूटर राजन जाट के शामिल होने का मामला। विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान अयोध्या के बाहुबली सपा विधायक भी लॉरेंस गैंग के निशाने पर थे। राजन के भांजे सचिन बिश्नोई समेत कई शूटर अयोध्या में डेरा डाले रहे थे। हालांकि वे अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए थे।

खबर है कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मास्टरमाइंड गैंगस्टर गोल्डी बराड़ की अमेरिका में मौत हो गई है। एक अमेरिकी न्यूज चैनल ने दावा किया कि अमेरिका के फेयरमोंट और होल्ट एवेन्यू में मंगलवार (30 अप्रैल) शाम 5:25 बजे गोल्डी बराड़ को गोलियां मारी गईं।

गोल्डी बराड़ अपने एक साथी के साथ घर के बाहर गली में खड़ा था। इसी दौरान कुछ बदमाश आए और गोलियां मारकर भाग गए। एक चैनल को अमेरिकी पुलिस अधिकारी लैसली विलियम्स ने बताया कि 2 व्यक्तियों को अस्पताल में दाखिल करवाया गया था, जिसमें से एक की मौत हो चुकी है।

बराड़ के विरोधी गैंगस्टर अर्श डल्ला और लखबीर ने गोल्डी की हत्या की जिम्मेदारी ली है। दोनों ने दावा किया है कि गोल्डी पर उन्होंने दुश्मनी के चलते गोलियां चलवाई हैं। फिलहाल लॉरेंस या अन्य किसी भी गैंगस्टर की इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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पढ़ाई के दौरान गोल्डी के चचेरे भाई की हत्या हुई

गोल्डी बराड़ पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब का रहने वाला था। उसका जन्म साल 1994 में हुआ, माता पिता ने सतविंदर सिंह नाम रखा था। पिता पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे। बेटे को भी पढ़ा-लिखा कर काबिल बनना चाहते थे, लेकिन सतविंदर उर्फ गोल्डी ने अपनी अलग राह चुन ली।

गोल्डी बराड़ के चचेरे भाई गुरलाल बराड़ की चंडीगढ़ में हत्या हो गई थी। गुरलाल को इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 स्थित एक क्लब के बाहर 11 अक्टूबर 2020 की रात गोली मारी गई। वह पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) का छात्र नेता था।

गुरलाल बराड़ लॉरेंस बिश्नोई का सबसे करीबी था। गुरलाल बराड़ और लॉरेंस स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) से जुड़े रहे। गुरलाल बराड़ की हत्या के बाद लॉरेंस गैंग ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि अब नई जंग की शुरुआत है, सड़कों पर खून नहीं सूखेगा।

हत्या का बदला लेकर कनाडा भाग गया

इस हत्या का बदला लेने के लिए गोल्डी ने क्राइम का रास्ता चुना। गोल्डी गैंगस्टर्स के संपर्क में आया। जग्गू भगवानपुरिया और लॉरेंस बिश्नोई से भी इसकी मुलाकात हुई। फिर गोल्डी ने अपने भाई के कत्ल के आरोपी जिला यूथ कांग्रेस अध्यक्ष गुरलाल सिंह पहलवान की फरीदकोट में 8 फरवरी 2021 को गोली मारकर हत्या कर दी। इस हत्या के बाद गोल्डी गुपचुप तरीके से स्टूडेंट वीजा पर कनाडा भाग गया।

पुलिस के मुताबिक गोल्डी चेहरा बदल-बदलकर कनाडा में रहता था, ताकि पकड़ में ना आ सके। पुलिस के पास इसकी 5 अलग-अलग तस्वीरें हैं। गैंगस्टर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी हुआ था।

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पंजाब-हरियाणा के शूटर से मूसेवाला की हत्या कराई

29 मई 2022 को मानसा के गांव जवाहरके में मशहूर पंजाबी सिंगर शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला का कत्ल कर दिया गया। पहले लॉरेंस गैंग ने इसकी जिम्मेदारी ली। फिर गोल्डी बराड़ ने एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू देकर कहा कि मूसेवाला को उसने मरवाया है।

उसने मूसेवाला पर लॉरेंस के कॉलेज फ्रेंड विक्की मिड्‌डूखेड़ा के कत्ल में शामिल होने के आरोप लगाए। गोल्डी ने दावा किया था कि पुलिस ने मूसेवाला के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की तो मजबूर होकर उसे मर्डर करना पड़ा। गोल्डी ने हरियाणा और पंजाब के 6 शूटर भेजकर मूसेवाला की हत्या करवाई।

कनाडा से अमेरिका भागा था गोल्डी

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के बाद से गोल्डी बराड़ को पकड़ने के लिए भारत सरकार कनाडा के अधिकारियों से संपर्क साध रही थी। खुद को फंसता हुआ देख वह कनाडा से अमेरिका गया था। जहां उसकी कोशिश राजनीतिक शरण लेने की थी।

UAPA के तहत आतंकी घोषित है गोल्डी

गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने UAPA के तहत आतंकी घोषित किया जा चुका है। उसके खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से कनेक्शन सामने आए थे। गोल्डी बराड़ को कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का राइट हैंड बताया जाता रहा है। वह पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के कत्ल के बाद सुर्खियों में आया था।

गोल्डी बराड़ पंजाब पुलिस के रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर का बेटा है। वह भाई के कत्ल के बाद गैंगस्टर बन गया। अब वह चेहरे बदल-बदलकर क्राइम करवाता रहता रहा है।

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