- प्रदेश सरकार की नीतियों पर सपा का हल्ला बोल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी एवं किसानों की समस्याओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान पर सोमवार को सपा छात्रसभा ने डीएम आफिस पर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शन के दौरान कई बार पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई, लेकिन सपाइयों की संख्या बल ज्यादा होने के कारण कलक्ट्रेट घिरा नजर आया।
दरअसल, किसानों की बदहाली, निजीकरण पर रोक, भ्रष्टाचार एवं बेरोजगारी को लेकर सैकड़ों की संख्या में सपा कार्यकर्ता कलक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन सौंपा।
सपा नेता सम्राट मलिक ने कहा कि यूपी की सरकार न तो युवाओं के भविष्य के बारे सोच रही है और न ही किसानों के। हालात यह है कि युवा बेरोजगार होता जा रहा है।
समाजवादी पार्टी किसानों की व युवाओं की बेरोजगारों की लड़ाई लड़ रही है। दूसरा प्रदर्शन सपा युवजन सभा के अध्यक्ष दीपक गिरी का रहा। ये प्रदर्शन कमिश्नरी पर किया गया, जिसमें भी बड़ी तादाद में यूथ शामिल हुआ।
दीपक गिरी ने कहा कि अगर सरकार ने बहुत जल्द गन्ना किसान, अवैध खनन, बढ़ते अपराध, बेराजगार युवा समेत कई अन्य मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो पार्टी पूरे उत्तर प्रदेश में सड़क से लेकर जेल तक आंदोलन करेगी।
इस दौरान दीपक गिरी, देवेश राणा, प्रदीप कसाना, खनवाज, गौरव चौधरी, तरुण मलिक, हारुन मलिक, मोहित गिरी, प्रदीप गिरी, मनोज कंसल आदि युवा प्रदर्शन में शामिल हुए।
छात्रनेता देवेश राणा ने कहा कि सरकार ने वादें तो बड़े बड़े किए थे, लेकिन उन पर अमल नहीं किया गया। आज युवा बेरोजगार है और युवाओं की सुनने वाला कोई नहीं है।
किसानों व युवाओं का उत्पीड़न नहीं सहेंगे। वहीं, प्रदीप कसाना ने कहा कि यह सरकार युवाओं व किसानों के खिलाफ ही कार्य करती है।
वहीं, दूसरी ओर सपा छात्रसभा के जिलाध्यक्ष राजदीप विकल ने विरोध प्रदर्शन में कहा कि सरकार जिस तरह से बेरोजगारी को नजरअंदाज कर रही है और एक लंबी नींद सोए हुए है, उसी वजह से देश व प्रदेश में बेरोजगारी का स्थान चरम सीमा पार कर चुका है। बढ़ती बिजली के दामों ने किसान की कमर तोड़ दी।
योगी सरकार दलित विरोधी सरकार है और गरीब विरोधी सरकार है। इस मौके पर विपिन भड़ाना, हैविन खान, अनुजा जावला, आनंद प्रकाश सिद्धार्थ, आकाश भड़ाना, आदेश प्रधान, विजय राठी, राहुल वर्मा, अनुज भड़ाना आदि मौजूद रहे।
विरोध करो, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का रखो ध्यान
एक तरफ शहर में तेजी से संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर अनलॉक-4 में प्रदर्शनों की होड़ भी देखने को मिल रही है।
यही नहीं प्रदर्शन करते समय प्रदर्शनकारी सरकार की किसी भी गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे हैं। इससे खुद के जान जोखिम में तो डाल ही रहे हैं, वहीं बाकी लोगों के लिए भी खतरा बन रहे हैं।
शहर में संक्रमण के हालांत बद से भी बदतर होते जा रहे हैं। ऐसे में प्रदर्शन के दौरान कौन संक्रमित हो इसकी पहचान तक कर पाना संभव नहीं है।
कमिश्नरी और कलक्ट्रेट में रोजाना कई प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। जिनमें राजनीतिक पार्टियों से लेकर सामाजिक संगठन भी बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के देखे जा रहे हैं।
हालाकि प्रदर्शन करना और अपनी आवाज उठाना सभी का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन इस दौरान नियमों का पालन न करना भी कोई बहादुरी का काम नहीं है।
संक्रमण की चपेट में आने के पश्चात एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि उसका पूरा परिवार भी इसका खामियाजा भुगत सकता है। मेरठ में रोजाना संक्रमण के मरीजों की संख्या 200 का आंकड़ा पार कर चुकी है।
अगर यही हालांत रहे तो भविष्य में शहर कम्युनिटी ट्रांसमिशन की ओर बढ़ सकता है। ऐसे में सभी प्रदर्शनकारियों की भी जिम्मेदारी बनती है कि अपनी आवाज उठाते या मांगे रखते समय शासन की गाइडलाइंस का भी पालन करे। जिससे खुद और बाकी लोगों की भी जान जोखिम में न डाले।