जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: गांधी आश्रम में जमीन की नीलामी के ‘खेल’ का चक्रव्यूह तो टूट गया, लेकिन अब माफियाओं पर प्रशासन शिकंजा कस सकता हैं। एसडीएम संदीप भागियों को खादी ग्रामोद्योग के निदेशक राजेश श्रीवास्तव ने महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराये हैं। इसमें ऐसे दस्तावेज एसडीएम को सौंपे, जिसके आधार पर जमीन को बेचा ही नहीं जा सकता है। क्योंकि बॉयलॉज के अनुसार गांधी आश्रम की तमाम जमीन को बिना आयोग की अनुमति से कुछ भी नहीं किया जा सकता हैं।
अब दोनों पक्षों को जानने के बाद प्रशासनिक अफसर तय करेंगे कि गांधी आश्रम समिति के पदाधिकारियों ने जिस षडयंत्र के तहत जमीन की नीलामी की कोशिश की, उन पर भी प्रशासन कार्रवाई कर सकता हैं। तमाम तथ्यों की जांच पड़ताल प्रशासन ने आरंभ कर दी हैं। प्रारंभिक जांच पड़ताल में यह तथ्य भी सामने आया है कि इस जमीन को गांधी आश्रम समिति नहीं बेच सकती। इसलिए इसमें बड़ी कार्रवाई भी संभव हो सकती हैं। दो दिन पहले ऐतिहासिक गांधी आश्रम की जमीन को बेचने के लिए नीलामी की गई थी। नीलामी का विज्ञापन कलकत्ता से प्रकाशित एक समाचार पत्र में प्रकाशित कराया गया।
क्योंकि पूरा खेल गुपचुप तरीके से चल रहा था, इसलिए यहां के समाचार पत्रों में विज्ञापन भी नहीं निकलवाया गया। इसी से गांधी आश्रम समिति के पदाधिकारी संदेह के दायरे में आते हैं। यदि इसमें कुछ भी गलत नहीं था तो फिर कलकत्ता के समाचार पत्र में नीलामी का विज्ञापन क्यों दिया गया? यही वजह है कि जमीन को हड़पने का बड़ा खेल गांधी आश्रम समिति और नीलामी में हिस्सा लेने वालों के बीच चल रहा था। नीलामी में कौन-कौन बोली लगाने पहुंचे थे? इसकी भी प्रशासन को छानबीन करनी चाहिए। दो करोड़ पांच लाख का ड्राफ्ट किस व्यक्ति ने बैंक से बनवाया था?
उसका पता कर प्रशासन कार्रवाई कर सकता हैं। खादी ग्रामोद्योग के निदेशक राजेश श्रीवास्तव ने एसडीएम संदीप भागियों को गांधी आश्रम की जमीन से जुड़े दस्तावेजों की फाइल बनाकर दी हैं। इसमें करीब सौ से अधिक पृष्ठ शामिल हैं। इसमें बायलॉज क्या कहता हैं? वो भी दिया गया हैं। इस तरह से प्रशासन के पास इस समय पूरे प्रमाण पहुंच गए हैं। प्रशासन इसमें एक-एक बिन्दु को लेकर छानबीन करेगा तथा इसमें कार्रवाई करने से पहले विधिक राय भी ली जाएगी। इसके बाद ही नीलामी में हिस्सा लेने वालों व गांधी आश्रम समिति के बीच जो सेटिंग का खेल चल रहा था, उसमें कार्रवाई की जा सकती हैं।
निदेशक छुट्टी पर गए
खादी ग्रामोद्योग आयोग के निदेशक राजेश श्रीवास्तव जिस दिन नीलामी का बवाल हुआ, उससे अगले दिन से ही छुट्टी पर चले गए हैं। बताया यह जा रहा है कि राजेश श्रीवास्तव भोपाल में विभाग से संबंधित कोई मीटिंग है, उसमें हिस्सा लेने के लिए गए हैं।
गुरुवार को उनके लौटने की बात कही जा रही हैं। डिप्टी डायरेक्टर दीक्षित भी अवकाश पर चले गए हैं। बताया जा रहा है कि वह अपने निजी कार्य से छुट्टी पर गए हैं। जब गांधी आश्रम की जमीन का हॉट मामला चल रहा है, ऐसे में अधिकारियों के छुट्टी पर जाने से चर्चा खूब चल रही हैं।