जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: वैश्विक परिदृश्य में भारत के बढ़ते प्रभाव का ही असर है कि दुनिया के कई देशों की रुचि भारत में बढ़ी है। इसके चलते आगामी कुछ महीने में दुनिया के कई राष्ट्राध्यक्ष और राजनेता भारत का दौरा करेंगे।
इनमें जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज का नाम प्रमुख है। इन नेताओं के दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना, ऊर्जा, व्यापार, तकनीक, रक्षा उत्पादन, हेल्थ केयर क्षेत्र में परस्पर सहयोग को बढ़ावा देना है।
गौरतलब है कि इन नेताओं का भारत दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है, जब यूक्रेन युद्ध के कारण पूरी दुनिया में खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा प्रभावित हो रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, जर्मन चांसलर शोल्ज फरवरी के अंत में भारत का दौरा कर सकते हैं। वहीं ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मार्च में भारत आएंगे। फ्रांसीसी राष्ट्रपति का दौरा भी मार्च में हो सकता है लेकिन अभी तक उनके दौरे की तारीखें तय नहीं हुई हैं।
इनके अलावा मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी भी इसी महीने भारत आएंगे और गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। जी-20 देशों के विदेश मंत्री भी एक और दो मार्च को नई दिल्ली में विदेश मंत्रियों की एक अहम बैठक में शामिल होने भारत पहुंचेंगे।
साथ ही दो और चार मार्च को ‘रायसीना डायलॉग’ का आयोजन होना है, जिसमें शामिल होने के लिए भी कई विदेश मंत्री भारत आएंगे। इनके अलावा नेपाल के पीएम पुष्प कुमार दहल, सऊदी अरब के युवराज और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद भी आगामी कुछ महीनों में भारत आ सकते हैं।
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज की बतौर राष्ट्राध्यक्ष यह भारत की पहली यात्रा होगी। प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी मुलाकात में हिंद प्रशांत महासागर में चीन की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है।
ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के राष्ट्राध्यक्षों के साथ भी चीन की चुनौती से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। विदेश नीति से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि ऑस्ट्रेलियाई पीएम के साथ बातचीत में दोनों देशों के साथ व्यापार और समुद्री सुरक्षा के लिए सहयोग बढ़ाने पर बातचीत होगी।
फ्रांस के साथ भी रक्षा और रणनीतिक सहयोग बढ़ाने पर बातचीत हो सकती है। ऐसी भी खबरें हैं कि इमैनुएल मैक्रों के भारत दौरे पर भारत और फ्रांस के बीच राफेल जेट के मरीन वर्जन की खरीद पर भी बातचीत हो सकती है हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर इसे लेकर कुछ नहीं कहा गया है।