Saturday, August 16, 2025
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कन्या पूजन से मां भगवती होती है प्रसन्न: शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम

जनवाणी ब्यूरो |

हरिद्वार: शारदीय नवरात्र की महानवमी पर श्रवणनाथ आनंद मठ में गंगा तट पर कन्याओं का विधि विधान के साथ पूजन किया गया। पूजन के पश्चात देवी रूपी कन्याओं से आशीर्वाद लिया और उन्हें उपहार भेंट किया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और अखिल भारतीय सनातन परिषद के संस्थापक अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कन्या पूजन किया।

इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि कन्या पूजन से मां भगवती बेहद प्रसन्न होती है। नवरात्र में की जाने वाली उपासना से मां भगवती मनवांछित फल प्रदान करती हैं। कहा कि आज समाज में फैली बेटा-बेटी में भेदभाव की कुरीति को समाप्त करने का संकल्प वास्तव में सभी को लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि देवताओं और दोनों का युद्ध आज से नहीं बल्कि अनादि काल से चला रहा है। अच्छाई और बुराई का संघर्ष अनादि काल से चला रहा है।

उन्होंने कहा कि भगवान राम ने भी जब लंका में विजय प्राप्त करने के लिए पहले नवरात्र पर मां भगवती की आराधना की और उसके बाद उन्होंने रावण पर विजय प्राप्त की। हमारे सभी देवी देवता सर्वशक्ति के आराधक हैं। इसीलिए सभी देवी देवताओं पर सशस्त्र है।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्महंत रविंद्रपुरी महाराज ने बेटियां मां का साक्षात अवतार हैं। प्रत्येक क्षेत्र में बढ़-चढ़कर बेटियां देश का नाम रोशन कर रही है। जो भारत के लिए गर्व की बात है। मठ-मंदिर, अखाड़े अपनी परंपरा के अनुसार भारत की आध्यात्मिक चेतना को एक सूत्र में बांधते आए हैं।

उन्होंने कहा कि नवमी के इस पावन पर्व सभी को एक आदर्श पूर्ण जीवन व्यतीत करने का संकल्प लेना चाहिए। मर्यादा, करूणा, सौम्यता, दया और विनम्रता के अवतार भगवान राम शक्ति को लोकहित में प्रयोग करना ही अपना धर्म मानते थे और उनके नाम में इतनी उर्जा और चेतना है कि पत्थर भी पानी में तैरने लगते हैं।

महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने कहा कि सनातन परंपरा को प्रत्येक व्यक्ति में जागृत करना संत समाज का उद्देश्य है। भारत के पुनर्जागरण एवं आध्यात्मिक उत्थान में संत महापुरुष का बहुत अहम योगदान है। प्रत्येक व्यक्ति में जागृत करना संत समाज का उद्देश्य है।

महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि नवरात्र पर्व दुर्गा पूजा के साथ अपने उत्कर्ष को प्राप्त होती है। इस दिन किया गया कन्या पूजन सहस्त्र गुना पुण्य फलदाई होता है जो कभी निष्फल नहीं जाता। व्यक्ति को अलौकिक ऊर्जा के साथ सुख समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख पदम सिंह ने कहा कि भारत के पुनर्जागरण एवं आध्यात्मिक उत्थान में संत महापुरुषों का बहुत अहम योगदान है। इसी वजह से भारत पूरे विश्व में एक अलग स्थान रखता है।

इस अवसर पर आरएसएस के विभाग प्रचारक चिरंजीव, पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी,मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी स्वामी राजगिरी, महंत रवि पुरी, मुख्तियार रघुवन, एसएम जे एन पीजी कॉलेज प्रबंध समिति के सदस्य आर के शर्मा, प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार बत्रा, रामानंद इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर वैभव शर्मा,महंत जगदीशानंद, महंत केशवानंद,अखिल भारतीय सनातन परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री पुरुषोत्तम शर्मा आदि मौजूद रहे।

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