नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। मंगलवार का दिन भारतीय सोना बाजार के लिए सुनहरा इतिहास रच गया, जब सोने की कीमतों ने आसमान छूते हुए 10 ग्राम के लिए 1 लाख रुपये का जादुई आंकड़ा पार कर लिया! मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर जैसे ही कारोबार की शुरुआत हुई, सोना रॉकेट की रफ्तार से उड़ा और 99,000 रुपये के पार पहुंच गया।
लेकिन असली चमक तो स्थानीय बाजारों में देखने को मिली, जहां 24 कैरेट सोने ने जीएसटी और मेकिंग चार्ज के साथ 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का ताज पहन लिया। यह सिर्फ एक कीमत नहीं, बल्कि उस सुनहरे जादू की कहानी है, जो सदियों से दिलों को लुभाता आया है।
आखिर क्या है इस चमचमाती उछाल का राज?
वैश्विक तनाव, कमजोर अमेरिकी डॉलर और दुनिया भर की उथल-पुथल ने सोने को चांद पर पहुंचा दिया है। मगर सवाल यह है- क्या यह चमक हमेशा बरकरार रहेगी, या फिर यह एक सुनहरा सपना है, जो जल्द टूट जाएगा? चलिए, इस रोमांचक सुनहरे सफर में डुबकी लगाएं और जानें कि क्यों आज हर कोई सोने की बात कर रहा है!
टैरिफ वॉर और ट्रेड टेंशन
सोने की कीमतों में इस उछाल का सबसे बड़ा कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किया गया टैरिफ युद्ध है। उनके प्रशासन ने कई देशों पर आयात शुल्क बढ़ाने की घोषणा की, जिससे वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ गया।
यह ट्रेड वॉर निवेशकों के बीच अनिश्चितता का कारण बन रहा है, जिसके चलते वे सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। सोना, जिसे हमेशा से सुरक्षित निवेश माना जाता है, इस स्थिति में निवेशकों की पहली पसंद बन गया है। वैश्विक बाजारों में इस अनिश्चितता ने सोने की मांग को और बढ़ा दिया, जिसका असर कीमतों पर साफ दिखाई दे रहा है।
कमजोर अमेरिकी डॉलर
सोने की कीमतों में तेजी का एक अन्य प्रमुख कारण अमेरिकी डॉलर का कमजोर होना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें डॉलर के साथ उल्टा संबंध रखती हैं। जब डॉलर की कीमत गिरती है, तो सोने की कीमतें बढ़ने लगती हैं।
हाल के महीनों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में बदलाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते डॉलर की कीमत में कमी आई है। इसका सीधा फायदा सोने को मिला, और इसकी कीमतें आसमान छूने लगीं। भारतीय बाजार में भी डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति ने सोने की कीमतों को और बल दिया।
भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं
वैश्विक स्तर पर बढ़ती भू-राजनीतिक अस्थिरता भी सोने की कीमतों में तेजी का एक बड़ा कारण है। मध्य पूर्व में तनाव, रूस-यूक्रेन संघर्ष, और अन्य क्षेत्रीय मुद्दों ने निवेशकों को जोखिम भरे एसेट्स से दूर रहने के लिए प्रेरित किया है।
ऐसी स्थिति में सोना एक सुरक्षित ठिकाना बनकर उभरा है। भारत जैसे देशों में, जहां सोना न केवल निवेश बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व भी रखता है, इसकी मांग और बढ़ गई है। खासकर शादी-विवाह और त्योहारी सीजन के दौरान सोने की खरीदारी में तेजी देखने को मिलती है।
घरेलू बाजार में प्रभाव
भारत में सोने की कीमतों पर वैश्विक कारकों के साथ-साथ स्थानीय कारक भी असर डालते हैं। जीएसटी, आयात शुल्क, और मेकिंग चार्ज जैसे अतिरिक्त खर्च सोने की कीमत को और बढ़ा देते हैं। मंगलवार को स्थानीय सर्राफा बाजार में 24 कैरेट सोने की कीमत 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच गई, जो आम उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बन गया है।
हालांकि, निवेशकों के लिए यह तेजी एक सुनहरा अवसर लेकर आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक अनिश्चितताएं और डॉलर की कमजोरी बरकरार रहने पर सोने की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं।