Wednesday, December 4, 2024
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बैंकों को निजी हाथों में सौंपने की साजिश कर रही सरकार

  • पंजाब नेशनल बैंक प्रोग्रेसिव एम्पलाइज एसोसियेशन के सम्मेलन में समस्याओं पर हुई चर्चा

जनवाणी संवाददाता |

मुजफ्फरनगर: पंजाब नेशनल बैंक प्रोग्रेसिव एम्पलाइज एसोसियेशन के सम्मेलन में कर्मचारियों हितों पर चर्चा के साथ ही बैंकिंग इण्डस्ट्रीज से जुड़ी समस्याओं को उठाया गया।

रविवार को एटूजेड स्थित महाराज अग्रसेन ​भवन पर पंजाब नेशनल बैंक प्रोग्रेसिव इम्पलाइज एसोसियेशन उत्तर प्रदेश का एक सम्मेलन हुआ।

इसमें बैंक कर्मियों के अखिल भारतीय संगठन, आल इण्डिया पंजाब नेशनल बैंक इम्पलाइज फैडरेशन, जो पंजाब नेशनल बैंक के 90 प्रतिशत कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करती है, के महामंत्री कामरेड पीआर मेहता व अध्यक्ष कामरेड एमपी सिंह मुख्य अतिथि रहे। सम्मेलन में बताया गया कि पीके मेहता पिछले 50 वर्षों से बैंक कर्मियों के हितों की रक्षा के लिए संघर्षरत है।

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वह फेडरेशन के महामंत्री के पद पर 25 वर्षों से सुशोभित हैं तथा छह वर्ष पंजाब नेशनल बैंक के वर्कमेन डायरेक्टर रहे। उनके विचारों को सुनने के लिये सभा में लगभग 300 कर्मचारी उपस्थित हुये। सभी का स्वागत पंजाब नेशनल बैंक के मण्डल प्रमुख विशाल अग्रवाल ने किया तथा पंजाब नेश्नल बैंक के अधिकारियों के संगठन आल इण्डिया पंजाब नैशनल बैंक आफिसर्स एसोसियेशन के सर्किल सचिव गौरव किशोर व अध्यक्ष फतेह सिंह ने भी लाल सलाम पेश करते हुए कामरेड मेहता का स्वागत किया।

सभा में उत्तर प्रदेश के लगभग 15 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। पंजाब नेशनल बैंक प्रोग्रेसिव इम्पलाइज एसोसियेशन के प्रान्तीय अध्यक्ष कामरेड सुभाष कौशिक, महामंत्री कामरेड केके मिश्रा, अनिल जैन, महामंत्री पीएनबीएसए उत्तरांचल ने सभा में अपने विचार रखे।

सभा को सम्बोधित करते हुए कामरेड पीआर मेहता ने बताया कि इस समय बैंकिंग इन्डस्ट्री कठिन दौर से गुजर रही है। पिछले समय में काफी नैशनेलाइज बैंकों का विलय किया गया है तथा कुछ बैंकों को निजी हाथों में सौंपने की साजिश सरकार कर रही है, जिससे वास्तव में देश की जनता का भारी नुकसान हो रहा है।

बैंकों में जमाओं पर ब्याज दर न्यूनतम स्तर पर आ गयी है जिस कारण ब्याज की आमदनी से अपनी जीविका चलाने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारी तथा अन्य देशवासी भुखमरी की कगार पर पहुंच गये हैं। बैंकों में खाता खोलना एक महाभारत हो गया है। बैंकों में कर्मचारियों की संख्या दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है तथा बैंकों में कार्य बढ रहा है, जिससे देशवासियों को बैंकों में अपना कार्य कराने में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। बैंक प्रबन्धन व सरकार सुनाने को तैयार नहीं है।

यदि यही स्थिति रही तो बैंक कर्मचारियों को संघर्ष का रास्ता अखित्यार करना पड़ेगा। वहीं एमपी सिंह ने पत्रकारों से वार्ता में कहा कि बैंकों के निजीकरण के विरोध में हम 1990 से आंदोलन कर रहे हैं। मोदी सरकार ने देश की सर्वोच्च संस्थाओं को अडानी व अंबानी जैसे औद्योगिक घरानों को बेचकर गलत निर्णय किया है। इसके दुष्प्रभाव देश को आगामी दिनों में भुगतने होंगे।

उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर बैंकिंग व्यवस्था ही देशहित में है। विश्व में जब आर्थिक मंदी का दौर आया तो भारत केवल इसी व्यवस्था के कारण मजबूती से टिका रहा। सभा की अध्यक्षता कामरेड तेजराज गुप्ता व संचालन कामरेड अशोक कुमार शर्मा, जिला मंत्री पंजाब नेशनल बैंक प्रोग्रेसिव इम्पलाइज एसोसियेशन ने किया। सभा में उपस्थित सभी अतिथियों का धन्यवाद कामरेड आरपी शर्मा अध्यक्ष यूपी बैंक इम्पलाइज यूनियन ने किया।

इस दौरान कंचन, प्रियंका व आकांक्षा आदि महिला बैंक कर्मियों ने अतिथियों के सम्मान में गीत प्रस्तुत किया। संगठन के पूर्व पदाधिकारियों दिवंगत डीपी चडढा, एचएल परवाना और एसके जैन के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सभा में राजीव जैन, प्रदीप मलिक, मुकेश भार्गव, विनय अग्निहोत्री, आरसीसी लक्ष्मण सिंह, बीके सूर्यवंशी, डीके बंसल, संजीव जैन, आशीष भटनागर, रविन्द्र सिंह, नरेन्द्र कुमार, आरके मिश्रा, सौरभ गुप्ता, विपिन पूनिया, धर्मप्रकाश, संजय त्रिवेदी, निश्चल अग्रवाल, आरपी शर्मा, दीपक चौधरी, मोनू कुमार और सुरेन्द्र कुमार सहित पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारियों के अतिरिक्त सभी स्थानीय बैंकों के यूनियन पदाधिकारियों व कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।

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