जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर के भोपा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर श्विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियानश् और ‘घर-घर दस्तक अभियान’ का भव्य शुभारंभ किया गया। बिजनौर लोकसभा क्षेत्र के माननीय सांसद चंदन चौहान जी ने फीता काटकर इस महत्वपूर्ण अभियान का विधिवत आगाज़ किया। इसी के साथ उन्होंने सीएचसी भोपा पर नवनिर्मित एक्स-रे कक्ष का भी उद्घाटन किया, जिससे स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद चंदन चौहान ने कहा कि यह अभियान चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की जनता से उन्हें जो प्यार मिल रहा है उसके लिए वह बहुत आभारी हैं। जनता ने उन्हें पहले विधायक बनाया और अब सांसद बनाकर जो जिम्मेदारी दी है, उसका वह पूरी तरह से निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा भोपा को एफआरयू बनवाया गया, जिससे जनता को स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से मिल सकें। उन्होंने कहा कि संचारी रोगों से बचाव के लिए जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने स्वच्छता, स्वच्छ पेयजल के उपयोग और व्यक्तिगत साफ-सफाई पर विशेष जोर दिया।
जिला पंचायत अध्यक्ष डा. वीरपाल निर्वाल ने कहा कि संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो अभियान चलाया जा रहा है, उससे क्षेत्र की जनता को कहीं न कहीं राहत जरूर मिलेगी, क्योंकि बरसात के दिनों में संचारी रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील तेवतिया ने इस अभियान की जानकारी देते हुए बताया कि ‘विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान’ 1 जुलाई से 31 जुलाई 2025 तक चलेगा, जबकि इसके अंतर्गत ‘घर-घर दस्तक अभियान’ 11 जुलाई से 31 जुलाई 2025 तक केंद्रित रहेगा। इन अभियानों का मुख्य उद्देश्य ‘स्वस्थ व्यवहार अपनाना है – संचारी रोगों को हराना है’ के सूत्र वाक्य को जन-जन तक पहुंचाना है, ताकि मौसमी और वेक्टर जनित रोगों पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके। उन्होंने बताया कि यह अभियान ‘7 का वार’ (सात प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान) पर केंद्रित है, जिसमें शामिल हैं, जिसमें घरों के आसपास साफ-सफाई रखना, केवल स्वच्छ पेयजल पीना, व्यक्तिगत साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना, कृषकों और पशुपालकों को एन्सेफेलाइटिस (दिमागी बुखार) की रोकथाम के प्रति विशेष ध्यान दिलाना ,आस-पास पानी जमा न होने देना, मच्छरों से बचाव के लिए दिन में भी पूरी बांह वाली कमीज और फुल पैंट पहनना ,मस्तिष्क ज्वर का टीका 9 माह से 12 माह और 16 माह से 24 माह के बच्चों को नियमित टीकाकरण के अंतर्गत अवश्य लगवाना शामिल हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. अलका ने संचारी रोग कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जिसमें रोगों के प्रकार, बचाव के तरीके और उपचार के प्रोटोकॉल शामिल थे। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत ‘बुखार में देरी पड़ेगी भारी’ का संदेश दिया जा रहा है। लोगों को सलाह दी गई है कि बच्चों को बुखार होने पर तत्काल बिना किसी देरी के सरकारी अस्पताल ले जाएं, क्योंकि कोई भी बुखार दिमागी बुखार का रूप ले सकता है। आपातकालीन स्थिति में 108 नंबर पर कॉल करने की सुविधा भी उपलब्ध है। दस्त रोग के उपचार के लिए ओआरएस घोल के बार-बार उपयोग के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। उन्होंने बताया कि दस्तक अभियान के अंतर्गत आशा कार्यकत्रियां प्रत्येक घर का भ्रमण करेंगी और डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, दिमागी बुखार, क्षय रोग (टीबी), कुष्ठ रोग और कालाजार जैसे संचारी रोगों के लक्षणयुक्त रोगियों की पहचान कर उनकी सूची बनाएंगी, ताकि उन्हें समय पर जांच और उपचार मिल सके।
कार्यक्रम का संचालन डा. आरडी गौड ने किया। इस अवसर पर एमओआईसी डॉ. प्रणव तेवतिया, वीबीडी कंसलटेंट अहतेशाम, आयुष्मान कोर्डिनेटर शोयब जैदी, सन्नी चौधरी, एचईओ उमेश कुमार, एआरओ दीपक कुमार तोमर, बीसीपीएम विजय शर्मा, बीएएम अंगद प्रसाद, खालिद, आफाक, रामअवतार, आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे। अभियान को सफल बनाने के लिए सभी विभागों से समन्वय स्थापित करने का आह्वान किया गया।