नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। कल सोमवार को आषाढ़ माह की पूर्णिमा का दिन है। दरअसल, इस दिन को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। साथ ही गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था।
बताया जाता है कि महर्षि वेद व्यास जी ने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था, इसलिए महर्षि वेदव्यास जी को प्रथम गुरु माना जाता है।
सनातन धर्म के अनुसार गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि गुरु ही भगवान के बारे में बताते हैं और भगवान की भक्ति का मार्ग दिखाते हैं। इसलिए हर साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा यानि गुरु पूर्णिमा के तौर पर बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। तप चलिए जानते इस पूर्णिमा के बारे में कुछ महत्व बातें
आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि
हिन्दू केलिन्डर के अनुसार इस वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 2 जुलाई 2023 को रात में 8 बजकर 21 मिनट से हो रही है।
इस तिथि का समापन अगले दिन 3 जुलाई, 2023 शाम 5 बजकर 08 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार इस साल गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई 2023, सोमवार के दिन मनाई जाएगी।
पूजा-अर्चना विधि
हमें पूजन करते समय गुरु पूर्णिमा वाले दिन गुरु की पूजा करनी चाहिए।
सुबह सबसे पहले स्नानादि के बाद साफ कपड़े पहनें।
फिर अपने घर के पूजा स्थल में लगे देवी-देवताओं की प्रतिमा को प्रणाम करते हुए उनकी विधिवत रूप से
ऐसे करें पूजा करें
इसके बाद पूजा स्थल पर रखें अपने गुरु की तस्वीर को माला फूल अर्पित कर उनका तिलक करें।
पूजन के बाद अपने गुरु के घर जाकर उनका पैर छूकर आशीर्वाद जरूर लें।