- मनचाहे जिला और स्कूल में ट्रांसफर के लिए अफसरों के सामने साबित करनी होगी काबलियत
- फर्जी डिग्रियों की रुकी हुई जांच फिर शुरू होने की आहट से मचा है हड़कंप
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: गुरुजी को अपनी काबलियत साबित करने के लिए शिक्षा विभाग के अफसरोें के सामने अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा। दरअसल, ये अग्नि परीक्षा उनके लिए हैं, जो मनमाफिक जनपद ही नहीं बल्कि मनमाफिक सरकारी स्कूलों में अपनी पोस्टिंग चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग में इन दिनों आमूल व क्रांतिकारी परिवर्तन का दौर चल रहा है। इसी क्रम में ऐसे शिक्षकों को मौके मुहैय्या कराए जा रहे हैं,
जो शिक्षा विभाग के अफसरों के सामने खुद को साबित करने की कूबत रखते हैं। इसी क्रम उन गुरुजी को मौका फरहाम किया जा रहा है जो अपनी पसंद के जनपदों व स्कूलों में ट्रांसफर या पोस्टिंग चाहते हैं। इसके लिए बाकायदा मानक तय किए गए हैं। यदि मानकों पर खरे उतरे और जो कायदे कानून या दूसरी प्रक्रिया तय की गयी हैं। उनको सफलता से पार कर लेते हैं तो मनपसंद जनपद व स्कूल में ट्रांसफर पा लेंगे।
सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस नए नियम के आने के बाद शिक्षा विभाग में मनमाफिक जनपद व स्कूल पाने के लिए होड़ मची गयी है। ज्यादातर का प्रयास है कि भले ही गृह जनपद नहीं, लेकिन गृह जनपद के आसपास कहीं भी ट्रांसफर कर लिया जाए ताकि आसानी से प्रतिदिन घर आ जा सकें।
जांच से मचा है हड़कंप
महानिदेशक शिक्षा के उस आदेश से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जिसमें टीचरों के प्रमाण पत्रों की जांच की बात कही गयी है। विभागीय सूत्रों ने जानकारी दी है कि यह कार्य दो साल पहले शुरू किया गया था, लेकिन बीच में यह प्रक्रिया धीमी पड़ गयी बाद में रुक गयी, लेकिन महानिदेशक के आदेश आने के बाद यह एक बार फिर शुरू होने जा रही है। जनपद की बेसिक शिक्षा अधिकारी आशा चौधरी ने इसकी पुष्टि भी की है।
उन्होंने बताया कि महानिदेशक के आदेशानुसार इस संबंध में कमेटी का गठन किया जाएगा। प्रशासन से भी इस संबंध में बात कर शीघ्र ही कमेटी का गठन कर दिया जाएगा। इस सारी प्रक्रिया की जानकारी तमाम टीचरों को भी मिल रही है। इसको लेकर जो खबरें आ रही हैं उन खबरों में स्कूलों के तमाम स्टाफ की नींद उड़ी हुई है।