- सिंभावली से हस्तिनापुर जा रही थी बरात
- शाहजहांपुर नहर पटरी पर हुआ हादसा
- कार पेड़ से टकराई चाचा की मौत, दुल्हा घायल
जनवाणी संवाददाता |
किठौर: नशे में धुत चाचा की करतूत ने पलभर में शादी की खुशियां मातम में तब्दील कर दीं। दुल्हा बने भतीजे को दहेज की कार में बैठाकर ऐसे दौड़ाया कि वह अनियंत्रित होकर सड़क किनारे खड़े पेड़ से टकरा गई। हादसे में कार क्षतिग्रस्त और चाचा गंभीर घायल हो गया। परिजन घायल को अस्पताल ले गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दुल्हा भी मामूली चोटिल होना बताया गया है।
बुधवार को हापुड़ के सिंभावली थानांतर्गत शरीकपुर निवासी अंकित पुत्र अमर सिंह की शादी थी। बरात परीक्षितगढ़ के दुर्वेशपुर जानी थी। रात का कार्यक्रम होने के कारण शाम करीब 4:30 बजे बरात शरीकपुर से अपने गंतव्य को रवाना हुई। बताया गया कि इस बीच नशे में धुत दुल्हे के चाचा सतेंद्र पुत्र रामकरन ने दुल्हे को उसकी कार से जबरन उतारकर दहेज में मिली वैगनार में बैठाया और वैगनार नहर की पटरी पर दौड़ा दी। वैगनार किठौर थानाक्षेत्र के शाहजहांपुर में अनियंत्रित होकर पटरी किनारे खड़े कीकर के पेड़ से टकरा गई।
इस दर्दनाक हादसे में कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त और सतेंद्र गंभीर घायल हो गया। सूचना पर पुलिस के पहुंचने से पहले ही परिजन घायल को अस्पताल ले गए। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे में दूल्हा भी चोटिल बताया गया है। अचानक मौत से परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। इंस्पेक्टर सुनील सिंह ने बताया कि क्षतिग्रस्त वाहन को थाने लाया गया है। अभी घटना की तहरीर प्राप्त नहीं हुई है।
परिजनों ने किया पोस्टमार्टम से इंकार
सतेंद्र की मौत के बाद अस्पताल पहुंची पुलिस से परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। पंचनामे के बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया।
आनन-फानन में निपटाई शादी
दुर्घटना में मौत की सूचना मिलते ही अंकित की शादी बगैर बैंडबाजे (चढ़त) के आनन-फानन में निपटाई गई। हालांकि दुल्हन को अंतिम संस्कार के बाद ससुराल वाले घर लाया गया। ग्रामींणों ने बताया कि रामकरन के तीन बेटों राजू, जितेंद्र और सतेंद्र थे। इनमें सतेंद्र सबसे छोटा और अविवाहित था।
बेगमबाग में पथराव, दिल्ली का होमगार्ड घायल
मेरठ: लालकुर्ती थाना के बेगमबाग में आज पतंगबाजी को लेकर दो पक्षों में जमकर पथराव हुआ। पथराव के दौरान दिल्ली का एक होमगार्ड भी जख्मी हो गया। वह बेगमबाग में अपनी रिश्तेदारी में आया हुआ था। पथराव की वजह से हालात इतने गंभीर हो गए कि पथराव के दौरान जो लोग छतों पर खडेÞ होकर पतंग उड़ा रहे थे, वो छतों ने तेजी से भाग कर नीचे उतर गए। ऐसा लगा मानों इलाके में दंगा हो गया हो।
इस पूरे घटनाक्रम में लालकुर्ती पुलिस की भूमिका पर सबसे ज्यादा सवाल खडेÞ हो रहे हैं। लोगों ने बताया कि जब पथराव के दौरान कुछ पत्थर उनके घरों में आकर गिरे तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर चौकी इंचार्ज बेगमबाग पहुंचे गए। घायलों को जिला अस्पताल भिजवा दिया, लेकिन जिला अस्पताल में डाक्टरी कराए जाने के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के बजाय पथराव व हंगामे की इस घटना में चौकी इंचार्ज ने न जाने किन कारणों के चलते दोनों पक्षों में समझौता करा दिया।
हैरानी की बात तो यह है कि घटना को लेकर तहरीर भी दी गयी थी। यह हाल तो तब है, जब एडीजी व आईजी तथा एसएसपी ने छोटे से छोटी घटना की लिखा पढ़ी की हिदायत दी हुूई है, लेकिन लगता है कि लालकुर्ती पुलिस पर महकमे के अफसरों की हिदायत का कोई खास असर नहीं पड़ता है।
इंस्पेक्टर नहीं उठाती कॉल
इस घटना को लेकर संवाददाता ने जब एसओ लालकुर्ती का सीयूजी नंबर ट्राई किया तो उन्होंने कॉल ही रिसीव नहीं की। जबकि सीएम योगी की सख्त हिदायत है कि सीयूजी नंबर पर आने वाली कॉल जरूर रिसीव की जाए। यदि संबंधित अधिकारी व्यस्त हैं तो फिर जैसे ही फुर्सत मिले सीयूजी पर आयी काल पर बात की जाए, लेकिन सीएम योगी की हिदायत अमल करना लगता है कि एसओ लालकुर्ती की शान के खिलाफ है।
बाइक टकराने को लेकर बवाल
मेरठ: शहर की घनी मिश्रित आबादी वाले केसरगंज इलाके में भटीपुरा निवासी दो नाबालिगों को हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा बुरी तरह पीट दिए जाने की घटना ने बवाल कर दिया। भटीपुरा निवासी दो किशोर बाइक से जा रहे थे। अचानक उनकी बाइक की टक्कर हो गयी। इस बात को लेकर पहले कहासुनी हुई और फिर देखते ही देखते गाली-गलौज और मारपीट होने लगी। दोनों किशोरों को खुद को हिंदू संगठन का कार्यकर्ता बताने वालों ने बुरी तरह से पीट दिया। उनको पिटते देखकर वहां से गुजर रहे लोग रुक गए।
उन्होंने मारपीट करने वालों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन मारपीट करने वाले कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। इसको लेकर वहां हंगामा हो गया। दोनों ओर से काफी लोग जमा भी हो गए। हंगामे की सूचना पर कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गयी। दोनों पक्षों को पुलिस थाना रेलवे रोड ले आयी। वहां भी काफी देर तक गहमा गहमी चलती रही। बाद में जब पुलिस ने जब कोर्ट कचहरी का गणित समझाना शुरू किया तो एक-दूसरे के खिलाफ आंखें लाल कर बात करने वाले बाद में समझौते के लिए राजी हो गए। पुलिस ने उनके बीच समझौता करा दिया।