Monday, July 8, 2024
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गंगनहर की विकरालता से हार गया लाचार पिता

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  • बेटे मिराब का शव तो मिल गया था, बेटी कैनन समा गई गंगनहर में
  • हत्या के आरोप में तीन महिलाओं समेत छह जेल में बंद

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: अपने आशिक से नाजायज संबंधों को और अधिक मजबूत करने के लिये खैरनगर की जिस कलियुगी मां ने बेटे और बेटी की हत्या करवा कर शव को गंगनहर में फिंकवाया था। उस गंगनहर की विकरालता ने बेटे का शव तो बरामद करवा दिया, लेकिन छह साल की बेटी कैनन का शव ढूंढने में लाचार पिता ने एक महीने से अधिक समय से दिन रात एक कर दिया, लेकिन बेटी का कहीं पता नहीं चला। हार थक कर पिता शाहिद अपने काम धंधे पर लौट आया। वहीं जेल में इस दोहरे हत्याकांड के आरोप में हत्यारोपी मां समेत छह लोग जेल में बंद हैं।

देहलीगेट क्षेत्र के खैर नगर इलाके से गुरुवार को दो बच्चों के गायब होने की सूचना से हड़कंप मच गया था। 10 साल का बेटा मिराब और छह साल की बेटी कैनन घर के बाहर खेलते वक्त अचानक गायब हो गए थे। जिसके बाद बच्चों की बरामदगी को लेकर दिनभर हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। पुलिस मामले की छानबीन की तो हकीकत पर से पर्दा उठ गया। बच्चों की मां निशा और इलाके के पूर्व पार्षद सऊद फैजी के नाजायज संबंध सामने आए। दोनों बच्चों की गला घोट कर हत्या की गई।

हत्या के बाद दोनों को पेटी में डालकर वैगनआर कार से सलावा की गंगनहर में बहा दिया गया। हत्यारोपी मां निशा तांत्रिक का भी काम करती है। इसके पहले भी रहस्यमय परिस्थितियों में निशा के तीन बच्चों की मौत हो चुकी है। पुलिस का मानना है कि उन 3 बच्चों को भी उनकी मां ने ही मारा था। फिलहाल पुलिस गंग नहर में से बेटे मिराब का शव बरामद कर लिया है और कैनन के शव की तलाश में पिता शाहिद पुलिस और गोताखोरों को लेकर दिन रात बेटी को ढूंढता रहा।

इस कारण उसका दुकान में जाना लगभग बंद हो गया था। पुलिस की 10 टीम अलग-अलग जगहों पर पीएसी के गोताखोरों के साथ गंगनहर में बच्चों की तलाश में जुटी रही। गंगनहर में कई किमी तक बेटी की तलाश की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। बताया जा रहा है कि बच्चों की मां ने दो अन्य महिलाओं को यह कहते हुए अपराध में शामिल किया कि वह तंत्र-मंत्र का काम करती है। अगर वे साथ नहीं देंगी तो उनके बच्चों पर मुसीबत आ जाएगी। वहीं, लाचार पिता शाहिद ने बताया कि उसकी सारी उम्मीदें अब खत्म हो चुकी है। जिंदगी में पहले दुख पत्नी निशा ने दिया फिर बेटी का चेहरा तक नहीं देख पाया।

प्रशासन का फैसला, भूस्वामी सेवादार काटेंगे शिवसदन फार्म में फसल

किठौर: शिवसदन कृषि फार्म के सेवादारों के बीच गेहूं की फसल के स्वामित्व को लेकर चल रही रार का प्रशासन ने समाधान कर दिया। डीएम के आदेश पर एसडीएम ने सत्यापन के बाद भूस्वामी सेवादारों को ही अपनी फसल काटने का आदेश दिया है। मंगलवार को राजस्व टीम की उपस्थिति में फसल काटी जाएगी। जो फसल कट चुकी प्रशासन उसे फसल स्वामी को दिलाने का प्रयास करेगा। जिस फसल के स्वामी का सत्यापन नही होगा वह कुर्क की जाएगी।

किठौर के भगवानपुर खादर स्थित शिवसदन कृषि फार्म में खड़ी करीब 200 एकड़ गेहूं की फसल के स्वामित्व को लेकर सेवादारों में गुटबाजी चल रही है। फार्म संस्थापक बाबा विरसा सिंह मैमोरियल टस्ट के सदस्य जहां फसल पर समिति का हक जता रहे हैं वहीं बाबा विरसा सिंह का भाई विक्रमजीत सिंह उक्त फसल पर अपने स्वामित्व का दावा करते हुए लगभग 110 एकड़ गेहूं फसल काट ले गया।

समिति सचिव चर्चिल सिंह चड्ढा ने डीएम दीपक मीणा से शिकायत कर बताया सालौर रसूलपनाह, तेजपुरी समेत खादर के आधा दर्जन गांवों में शिवसदन फार्म की कृषिभूमि है। जो सेवादारों के नाम है और सेवादार ही उस पर कृषि कर रहे हैं, लेकिन विक्रमजीत उर्फ बिक्कर सिंह स्थानीय लोगों के सहयोग से जबरन उनकी गेहूं की फसल काट रहा है। जिस पर डीएम ने एसडीएम मवाना को तुरंत कटाई रुकवाने और भूस्वामी सेवादारों के सत्यापन का आदेश दिया।

बताया कि चर्चिल सिंह ने एक दर्जन से अधिक भूस्वामी सेवादार एसडीएम के समक्ष पेश करते हुए बयान दर्ज कराए। सेवादारों के सत्यापन के बीच सोमवार को नायब तहसीलदार नितेश सिंह के नेतृत्व में राजस्व टीम ने फार्म का निरीक्षण किया। मंगलवार को राजस्व टीम भूस्वामी सेवादारों का मौके पर सत्यापन करते हुए फसल कटवाएगी। एसडीएम अखिलेश यादव का कहना है कि भूस्वामी सेवादार ही फार्म में फसल काटेंगे।

जिन सेवादारों की फसल पहले दूसरे पक्ष द्वारा काटी जा चुकी है उसे वापस दिलाने का प्रयास किया जाएगा। वापस नही मिलने पर भूस्वामी संबंधित थाने में एफआईआर करा सकता है। वहीं जिस फसल का स्वामी न होगा उसे प्रशासन द्वारा कुर्क किया जाएगा।

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