Sunday, June 30, 2024
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बेबी केयर सेंटर कितने सुरक्षित ?

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BALWANI


किसी भी क्रैच या बेबी केयर सेंटर का एक प्रमुख उद्देश्य बच्चों को एक ऐसा सुरक्षित वातावरण प्रदान करना होना चाहिए, जिसमे बच्चा शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से स्वयं को सुरक्षित महसूस करे, तभी बच्चे का प्राकृतिक रूप से स्वाभाविक तथा सर्वांगीण विकास हो सकेगा। ऐसे में अभिभावकों द्वारा क्रैच को दिए जाने वाला शुल्क, भले ही ज्यादा ही क्यों न हो, खलेगा नहीं क्योंकि वे आश्वस्त रह सकेंगे कि उनका बच्चा सुरक्षित हाथों में है।

आज जहां एक ओर संयुक्त परिवार की अवधारणा समाप्त होने के कगार पर है, वहीं दूसरी ओर एकल परिवारों (न्यूक्लियर फैमिली) की अवधारणा एक आम बात बात बन चुकी है। बढ़ती महंगाई और जरूरतों ने एकल परिवारों में पति और पत्नी दोनों को नौकरी करके परिवार की आर्थिक आमदनी को बढ़ाने के लिए मजबूर कर दिया है। ऐसा उन परिवारों में अधिक देखा गया है, जहां पति और पत्नी दोनों शिक्षित हैं। उनका मानना होता है कि जब हमने इतनी पढ़ाई की है तो उसका लाभ क्यों न उठाया जाए। उनका तर्क बिलकुल सही नजर आता है। परंतु माता पिता दोनों के नौकरी का खमियाजा छोटे बच्चों को भुगतना पड़ता है।

बच्चों को अभिभावकों का समय और मार्गदर्शन दोनो ही नहीं मिल पाते और ऐसे में बच्चों के मार्ग से भटकने की शंका बनी ही रहती है। देखभाल के लिए दूसरों के सहारे छोड़े गए बच्चों का व्यक्तित्व विकास वैसा नहीं हो पाता, जैसा की अपनों के साथ रहकर होता है। नौकरीपेशा अभिभावकों के लिए भी छोटे बच्चों की देखभाल और उनको संभालना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होता और ऐसे में उनकी आशा की किरण बनते हैं ‘बेबी केयर सेंटर’ या ‘डे केयर सेंटर’ या फिर क्रैच।

उपरोक्त वर्णित सेंटर्स या क्रैच, जहां अभिभावक अपने नन्हे-मुन्ने बच्चों को दिन के दौरान छोड़ जाते हैं और यदि बच्चा स्कूल में पढ़ता है तो वह स्कूल से छूटने के बाद क्रैच में आ जाते हैं। यहां पर संचालक या संचालिका बच्चों के नहलाने धुलाने से लेकर खाना खिलाना, उसको प्रारंभिक शिक्षा देना, अगर बच्चा स्कूल जाता है तो उसका गृह कार्य करवाना जैसी जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हैं।

अब प्रश्न उठता है कि क्या बच्चे इन बेबी केयर सेंटर या क्रैच में सुरक्षित हैं? क्या संचालक अभिभावकों की अपेक्षाओं को पूरा कर पा रहे हैं? कुछ ऐसे भी समाचार पढ़ने सुनने को मिलते रहते हैं, जहां एक अकुशल और अव्यवसायिक बेबी केयर सेंटर संचालिका अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वाह नहीं करते तथा बच्चों और अभिभावकों को उनके लापरवाही का खमियाजा भुगतना पड़ता है। कई बार तो बच्चों की जान तक पर बन आती है। अत: ऐसे में आवश्यक हो जाता है कि माता-पिता अपने बच्चों को किसी भी बेबी केयर सेंटर या क्रैच में आंख बंद करके भर्ती न करवाएं, भर्ती करवाने से पहले कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखें, भले ही उन्हें एक अच्छा डे केयर सेंटर खोजने में कुछ समय लगे।

एक अच्छा डे केयर सेंटर का चुनाव करते समय निम्नलिखित बातों पर जरूर गौर करें। एक माता-पिता के रूप में, आपके बच्चे की सुरक्षा और भलाई को जानने से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है। माता-पिता के रूप में, किसी विशेष डे केयर सेंटर पर निर्णय लेने से पहले डे केयर सुरक्षा जांच सूची से गुजरना महत्वपूर्ण है। डे केयर सेंटर की चमक दमक पर मत जाइए, उस में उपलब्ध सुविधाओं और स्टाफ से जरूरी यह जांचना है कि डे केयर सेंटर आपके बच्चों के लिए शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से सुरक्षित है या नहीं।

बेबी केयर सेंटर या क्रैच की मान्यता/संबद्धता का महत्व

ऐसी संस्थाओं का ही चुनाव करें, जो मान्यता प्राप्त हों या कम से कम जिन्हें राज्य सरकार की ओर से इस कार्य हेतु लाइसेंस दिया गया हो। लाइसेंस शिक्षा की गुणवत्ता, न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता, कार्यक्रमों की उचित और नियमित निगरानी को सुनिश्चित करता है। अत: अभिभावकों को सभी दस्तावेजों की पुन: जांच करनी चाहिए।

बच्चों के लिए सुरक्षित और संरक्षित स्थान बने

बच्चों की शारीरिक, मानसिक और भावात्मक सुरक्षा अभिभावकों की प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए। सुरक्षा के कुछ मुख्य बिंदुओं पर विचार किया जाना आवश्यक है-जैसे क्लोज सर्किट कैमरों की उचित व्यवस्था, केंद्र का नियमित स्वच्छता निरीक्षण, सुरक्षित खेल के मैदान और खेल के सामान का होना, खिड़की दरवाजों पर चाइल्ड प्रूफ लॉक का होना, उचित संख्या में स्टाफ की उपलब्धता, अजनबियों के प्रवेश की पाबंदी, सभी विद्युत उपकरणों का बच्चों से उचित दूरी पर होना, सभी विद्युत तारों का सुरक्षा कवच से ढका होना, फर्नीचर नुकीला न हो, सीढ़ियों पर बच्चों की सुरक्षा के लिए हैंड रेल का होना आवश्यक है। माता-पिता को दिन की देखभाल के लिए बाहरी और आंतरिक सुरक्षा को ध्यान में रखना होगा।

बच्चों का स्वास्थ्य प्राथमिकता बने

प्रत्येक बच्चे के व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाना बेबी केयर सेंटर की प्राथमिकता सूची में होना चाहिए। विशेष कर आकस्मिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधा का होना अति आवश्यक है। बेबी केयर सेंटर को बच्चों के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए हर माता-पिता को निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए। जैसे सुरक्षित स्टॉक की गई फर्स्ट एड किट जो जरूरत पड़ने पर आसानी से उपलब्ध हो सके। डॉक्टर द्वारा प्रेस्क्राइब की गई दवाओं को उचित लेबलिंग के साथ चाइल्ड प्रूफ कंटेनर में संग्रहीत किया जाता है। कर्मचारियों और शिक्षकों को बच्चों के किसी भी खाद्य संबंधी एलर्जी के विषय में पता होना चाहिए।
                                                                                                   -राजेंद्र कुमार शर्मा


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