गुस्से के कारण नियंत्रण से बाहर हो जाता है अगर आपका बच्चा भी तो जरूर अपनाएं ये टिप्स…
साप्ताहिक राशिफल | Weekly Horoscope | 22 May To 28 May 2022 | आपके सितारे क्या कहते है
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अन्य किसी भी मानव भावनाओं की तरह गुस्सा होना भी स्वाभाविक भावना है, इसे ज्यादा तूल देना या अपने बच्चे को गुस्सा होने के लिए पनिश करना बात बिगाड़ सकता है। अगर आप अपने बच्चे को किसी बात के लिए डांटते हैं तो वह उस रिजल्ट के लिए होना चाहिए जो आपको झेलना पड़ा, उनकी भावनाओं के लिए आपको उन्हें कोई सजा या फरमान नहीं सुनाना चाहिए।
भावनाओं के उतार-चढ़ाव को नियंत्रित कर पाना हर किसी के लिए आसान नहीं होता, खासकर बच्चे जिनके लिए यह सब काफी हद तक नया होता है। वे अपने इमोशन्स पर कंट्रोल रख पाने में, उन्हें समझ पाने या अपने सामाजिक जीवन के साथ उनका सामंजस्य बैठा पाने में असहज महसूस करते हैं। यह सब उन बच्चों के लिए खासा मुश्किल होता है जिन्हें आप स्वभाव से क्रोधी या गुस्सैल कह सकते हैं। जो काफी जल्दी इरिटेट हो जाते हैं या जिनमें अन्य बच्चों की अपेक्षा सहनशीलता की कमी होती है।
नियंत्रण में रहना हो जाता है मुश्किल
आपने देखा होगा कुछ बच्चे अचानक से गुस्सा हो जाते हैं, बगैर माहौल को समझे,अपने माता-पिता की बात को नजर अंदाज करते हुए वे अचानक से एंग्री रूप में आ जाते हैं। उस समय उन्हें समझना या खुद उनकी बात को समझना काफी जटिल हो जाता है। हम इस बात से पूरी तरह सहमत हैं कि जब आपका बच्चा सभी के बीच अचानक गुस्सा हो उठता है आपकी बात को समझे बिना अप्रत्याशित तरीके से क्रोधित हो उठता है तो उस समय एक पेरेंट होने के नाते आप भी खुद को नियंत्रण में नहीं रखते।
ताकि वो कमजोर ना पड़ें
उस समय या तो आप आप अपने बच्चे पर चिल्ला बैठते हैं और अगर स्थिति ज्यादा बिगड़ी हो तो उनपर हाथ भी हाथ भी उठाया देते हैं। तो क्यों ना इस गुस्से को शांत करने की, अपने गुस्सैल बच्चे को नियंत्रण में रखने की कोशिश घर पर ही प्रारंभ कर दें। जिन टिप्स की हम आगे बात करने जा रहे हैं वे ना सिर्फ आपके बच्चे को शांत और पीसफुल बनाएंगे बल्कि उनके भीतर एक ऐसा आत्मा विश्वास भी भरेंगे जो उन्हें कभी भविष्य में भी कमजोर नहीं पड़ने देगा।
सहानुभूति रखें
हो सकता है आपके लिए जो चीज या घटना बिल्कुल भी जरूरी नया हो वह आपके बच्चे के लिए काफी महत्वपूर्ण हो। उदाहरण के तौर पर, आपके बच्चे को नीली जुराब डालनी है और आप उसे लाल जुराब डाल देते हैं। आपके लिए यह बेहद सामान्य है, लेकिन आपके बच्चे के लिए यह बात काफी मायने रखती है। आपको उनकी तत्कालीन भावनाओं और आवश्यकताओं को समझना होगा, अगर उनके लिए कोई चीज मायने रखती है तो आपको भी उनकी फीलिंगस के साथ सहानुभूति रखनी होगी।
स्पेस दें लेकिन अकेला नया छोड़ें
जब आपका बच्चा गुस्सा होता है या किसी बात को लेकर आपसे नाराज होता है तो आप उसे थोड़ा स्पेस दें, उसे अपना समय समय लेने दें, लेकिन इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं कि आप उसे अकेला छोड़ दें। आप उन्हें समझाएं और वह किस बात पर नाराज हैं उसे समझने का भी प्रयत्न करना चाहिए। अगर आपका बच्चा यह समझता है कि अपनी फीलिंगस के साथ वह अकेला है और उसके अभिभावकों को इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता तो वह कभी भी अपनी नकारात्मक भावनाओं को खुद से दूर नहीं रखा पाएगा।
आई कॉन्टैक्ट रख उनकी बात सुनें
अगर आपको लगता है कि आपकी बात सुनी जानी चाहिए, तो आपके बच्चे की भावनाएं भी कुछ ऐसी ही हैं। अपने बच्चे की बात सुनते समय आपको हमेशा उनके साथ आई कॉन्टैक्ट रखना चाहिए। अगर आप उनसे बात करते समय अपनी नजरें कहीं और रखते हैं तो उन्हें अटेन्शन की कमी महसूस होती है। उन्हें यह महसूस बिल्कुल नया करवाएं कि उनकी समस्याएं आपके लिए महत्व नहीं रखती।
ओवर रिएक्ट न करें
आप जितना शांत रहेंगे, आपका बच्चा उतनी जल्दी अपने गुस्से की स्थिति से बाहर आएगा। एक तरफ वह गुस्सा हैं या अग्रेसीव बिहेव कर रहे हैं उसके साथ ही साथ आप भी उनपर चिल्लाने लगते हैं तो निश्चित तौर पर बात बिगड़ सकती है। शांत रहकर या अपने बच्चे की बात को समझकर आप मामले को जल्दी और आसानी से शांत कर सकते हैं।
गुस्सा होना स्वाभाविक प्रक्रिया है
अन्य किसी भी मानव भावनाओं की तरह गुस्सा होना भी स्वाभाविक भावना है, इसे ज्यादा तूल देना या अपने बच्चे को गुस्सा होने के लिए पनिश करना बात बिगाड़ सकता है। अगर आप अपने बच्चे को किसी बात के लिए डांटते हैं तो वह उस रिजल्ट के लिए होना चाहिए जो आपको झेलना पड़ा, उनकी भावनाओं के लिए आपको उन्हें कोई सजा या फरमान नहीं सुनाना चाहिए।