हर गुजरते साल के साथ, कॉलेज की फीस बढ़ रही है। आप भारत में यदि किसी भी निजी कॉलेज के तहत पढ़ना चाहते हैं या विदेश में कोर्स करना चाहते हैं, लेकिन कॉलेज की बढ़ती फीस के कारण स्वंय को पीछे खिंच लेते है। विश्वविद्यालयों, संस्थानों की बढ़ती फीस के कारण कई होनहार छात्र दाखिला नहीं ले पाते। अपनी आर्थिक स्थिति के कारण वो अच्छे कॉलेज में दाखिला लेने से वंचित रह जाते हैं। लेकिन इससे आपको हताश होने की कोई आवश्यकता नहीं है। भारत और विदेशों दोनों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए शिक्षा ऋण एक बहुत ही सामान्य सुविधा आज आपके सामनेहै। भारत में स्नातक इंजीनियरिंग कोर्स की फीस 5-10 लाख रुपये से कुछ अधिक भी हो सकती है, जबकि निजी कॉलेज में मेडिकल डिग्री 30 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक की हो सकती है। एमबीए की अच्छी डिग्री के लिए प्रबंधन शुल्क 10 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक हो सकता है। अपनी शिक्षा की लागतों को कवर करने के लिए, सबसे अच्छी बात यह है कि सही शिक्षा ऋण का चुनाव करना। आज आप सही शिक्षा ऋण के जरिए अपने सपनों की उड़ान भर सकते हैं। ना केवल पेशेवर कोर्सों के लिए यह ऋण उपलब्ध है बल्कि आपके कौशल के लिए भी शिक्षा ऋण उपलब्ध है। शिक्षा ऋण के जरिए आप अपने पंसदीदा कोर्सों में दाखिला ले सकते हैं।
एक शिक्षा ऋण निम्नलिखित चीजों को पूरा करता है:
-ट्यूशन शुल्क
-छात्रावास और बोर्डिंग शुल्क
-किताबें और आपूर्ति
-परीक्षा और पुस्तकालय शुल्क
-यात्रा व्यय (यदि विदेश में अध्ययन कर रहे हैं)
-रहने का खर्च
-स्वास्थ्य बीमा (यदि विदेश यात्रा है)
शिक्षा ऋण के लिए पात्रता
-स्नातक / परास्नातक / डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले 16 से 35 वर्ष के बीच के भारतीय इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।
-यूजीसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय जो प्रवेश पत्र की पुष्टि करता हो।
-सभी पूर्णकालिक कार्यक्रमों के लिए सह-आवेदक अनिवार्य है। सह-आवेदक माता-पिता, भाई-बहन या जीवनसाथी हो सकते हैं।
-ऋण के लिए 7.5 लाख से अधिक तृतीय पक्ष गारंटर की आवश्यकता होती है। यदि आप इससे कम का ऋण लेते हैं तो गारंटी की आवश्यकता नहीं होती।
शिक्षा ऋण का आकार पाठ्यक्रम और कॉलेज पर निर्भर करता है। अगर आपने आईआईएम जैसे प्रीमियर मैनेजमेंट संस्थानों में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स का विकल्प चुना है, तो बैंक 20 लाख तक का लोन देते हैं। हालांकि, औसत ऋण 2 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच है।
शिक्षा ऋण की ब्याज दरों का तुलनात्मक अध्ययन
बैंक आॅफ इंडिया
7 लाख रु तक के ऋण पर-आधार दर 3 प्रतिशत (प्रति वर्ष)
7 लाख से ऊपर के ऋण पर -आधार दर 2.5 प्रतिशत (प्रति वर्ष)
ऐक्सिस बैंक
4 लाख रुपये तक -16.50 प्रतिवर्ष (प्रति वर्ष)
4 लाख और 7.5 लाख रुपये से अधिक के ऋण पर-17.50 प्रतिवर्ष (प्रति वर्ष)
7.5 लाख से अधिक ऋण- 15.50 प्रतिवर्ष (प्रति वर्ष)
पीएनबी
4 लाख तक का ऋण-आधार दर 2 प्रतिवर्ष (प्रति वर्ष)
4 लाख और 7.50 लाख रुपये से अधिक के ऋण-आधार दर 3 प्रतिवर्ष (प्रति वर्ष)
7.50 लाख से ऊपर के ऋण-आधार दर 2.5 प्रतिवर्ष (प्रति वर्ष)
स्टेट बैंक आॅफ इंडिया
4 लाख तक के ऋण के लिए, वर्तमान में- आधार दर 13.20 प्रतिवर्ष (प्रति वर्ष)
4.4 लाख और 7.50 लाख रुपए से ऊपर के लिए, वर्तमान में-आधार दर 13.20
प्रतिवर्ष (प्रति वर्ष)
7.50 से उपर के ऋण पर 2.15 प्रतिशत बेस रेट है। वर्तमान में 11.45 प्रतिवर्ष (प्रति वर्ष)
आईसीआईसीआई
11 प्रतिशत (गरीबी रेखा से नीचे वालों के लिए 4 प्रतिशत ) (समय-समय पर परिवर्तन के अधीन)
यूनियन बैंक
पुरुष छात्र के लिए ऋण की दर की
4.00 लाख (बेस रेट 3.00) प्रतिशत = 12.65 प्रतिशत
4.00 लाख से ऊपर और ै7.50 लाख (बेस रेट 2.75) प्रतिशत= 12.40 प्रतिशत तक
7.50 लाख से ऊपर (बेस रेट 2.00) प्रतिशत = 11.65 प्रतिशत
सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक महिला छात्राओं को 25 बेसिक अंकों की छूट प्रदान करते हैं।
शिक्षा ऋण के लिए दस्तावेज
-प्रवेश प्रमाण पत्र
-पाठ्यक्रम की लागत
-पूरा ऋण आवेदन पत्र और तस्वीरें
-केवाईसी दस्तावेज
-सभी शैक्षणिक मार्कशीट और प्रमाण पत्र
-छात्र और अभिभावक का पैन कार्ड
-छात्र और अभिभावक का आधार कार्ड
-पहचान का प्रमाण (ड्राइविंग लाइसेंस/पासपोर्ट/आधार/कोई भी फोटो पहचान)
-निवास का प्रमाण (ड्राइविंग लाइसेंस/पासपोर्ट/बिजली बिल/टेलीफोन बिल)
-पिछले 6 महीनों के लिए छात्र/सह-उधारकर्ता/गारंटर का बैंक खाता विवरण
-माता-पिता/अभिभावक/अन्य सह-उधारकर्ता के पिछले 2 वर्षों के आईटी रिटर्न/आईटी मूल्यांकन आदेश (यदि आईटी भुगतानकर्ता है तो)
-माता-पिता/अभिभावक/अन्य सह-उधारकर्ता की संपत्ति और देनदारियों का संक्षिप्त विवरण
-आय का प्रमाण (यानी वेतन पर्ची/फॉर्म 16) माता-पिता/अभिभावक / अन्य सह-उधारकर्ता
शिक्षा ऋणों का पुनर्भुगतान
कोर्स पूरा करने के बाद, चुकौती शुरू करने से पहले आपको 6 महीने से लेकर 1 साल तक की मोहलत मिलती है। भले ही आपने नौकरी हासिल न की हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आपको एक साल बाद पुनर्भुगतान शुरू करना होगा किंतु आप आयकर अधिनियम की धारा 80-ई के तहत लाभ उठा सकते हैं।
याद करने के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
-4 लाख रुपये से अधिक के शिक्षा ऋण के लिए मार्जिन मनी प्रदान करना जो आमतौर पर ऋण राशि का 15 प्रतिशत है।
-आपको 7.5 लाख रुपये से अधिक की ऋण राशि के लिए अपने नाम की कुछ अचल संपत्ति प्रदान करनी होगी।
-विदेश में अध्ययन के लिए आपकी शिक्षा ऋण राशि संवितरण के समय विनिमय दर पर निर्भर करेगी।
-आपका भुगतान एक अधिस्थगन अवधि के बाद शुरू होगा।
-अपने केवाईसी को पूरा करना ऋण प्रक्रिया का एक अनिवार्य हिस्सा है।
(ब्याज दर समय समय पर कम ज्यादा हो सकती है)