Friday, July 5, 2024
- Advertisement -
HomeUttar Pradesh NewsMeerutबगैर शिक्षकों के बच्चे कैसे बनेंगे निपुण

बगैर शिक्षकों के बच्चे कैसे बनेंगे निपुण

- Advertisement -
  • नगर क्षेत्र के 20 प्रतिशत स्कूलों में शिक्षकों का अभाव
  • शिक्षा मित्र और अनुदेशक करा रहे पढ़ाई

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित प्राइमरी विद्यालयों में संसाधनों और शिक्षकों के बिना बच्चों को निपुण बनाने का सपना देखा जा रहा है। हकीकत यह है कि नगर क्षेत्र के अधिकांश परिषदीय विद्यालयों में से 20 फीसदी में एक भी नियमित शिक्षक नहीं है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम में सिर्फ नियमित शिक्षकों को ही मानक के अनुरूप माना जाता है। इसके बावजूद ये स्कूल सिर्फ शिक्षामित्र और अनुदेशकों के भरोसे चल रहे हैं।

बता दें कि नगर क्षेत्र में 129 प्राथमिक विद्यालय है। इनमें 30 विद्यालय उच्च प्राथमिक व कंपोजिट है और 99 विद्यालय प्राथमिक है। इन स्कूलों में से 50 से ज्यादा ऐसे हैं, जहां एक भी नियमित शिक्षक की तैनाती नहीं है। उधर, प्रह्लाद नगर कंपोजिट स्कूल, कंपोजिट कृष्णपुरी, प्राथमिक फतेहउल्लापुर, जूनियर स्कूल फतेहउल्लापुर मोहम्मद पुर लाला प्राथमिक विद्यालय ऐसे है जिनमें शिक्षकों के अनुपात में छात्र संख्या अधिक है।

21 9

जिसकी वजह से शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों को बेहतर शिक्षा देने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार प्राथमिक स्कूलों में 30 छात्रों पर कम से कम एक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 35 छात्रों पर एक शिक्षक का होना जरुरी है। यह मानक पूरे करना तो दूर प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती ही नहीं है।

2011 से नहीं हुआ स्थानांतरण

प्राथमिक शिक्षक संघ महानगर अध्यक्ष मधु सूदन कौशिक का कहना है कि नगर क्षेत्र में साल 2011 से अभी तक किसी भी शिक्षक का स्थानांतरण नहीं हुआ। लंबे समय से शिक्षकों का अभाव है। बिना शिक्षकों के निपुण का लक्ष्य कैसे पूरा किया जाएगा।

शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर शासन को कई बार पत्र भेजा गया है पर अभी तक मांग पर अमल नहीं किया गया। वहीं नगर क्षेत्र के स्कूलों में पोस्टिंग और प्रमोशन पर फिलहाल रोक लगी हुई है। इन विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है, लेकिन शिक्षामित्र और अनुदेशकों के सहारे पढ़ाई चल रही है।

एक शिक्षक के हवाले 13 किताबें

जिन विद्यालयों में पास के स्कूल से एक-एक शिक्षक अटैच किए गए हैं, वहां भी बुरी तरह पढ़ाई प्रभावित है। शिक्षक कई कक्षाओं के छात्रों को एक साथ पढ़ाते हैं, प्राथमिक विद्यालय में एक कक्षा में 5 किताबें, जबकि उच्च प्राथमिक में 13 किताबें हैं।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
1
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
- Advertisement -

Recent Comments