Saturday, June 29, 2024
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आधे बजट में कैसे होगा जीआईसी का जीर्णोद्धार?

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  • जिले से 46 विद्यालयों के जीर्णोद्धार के लिए शासन को भेजा गया था प्रस्ताव
  • दो के लिए हुआ बजट पास वो भी आधा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों की तस्वीर प्रोजेक्ट कायाकल्प से बदलने के बाद शासन ने प्रदेश के राजकीय स्कूलों के जीर्णोद्धार के लिए नई योजना तैयार की थी जिसकों प्रोजेक्ट अलंकार का नाम दिया गया। मेरठ जिले से प्रोजेक्ट अलंकार के लिए 46 विद्यालयों के जीर्णोद्धार के लिए शासन से मांग की गई थी। इसमें मेरठ के वह राजकीय विद्यालय शामिल थे। जिनके भवन पूरी तरह से या तो जर्जर हो चुके हैं या फिर वह मरम्मत मांग रहे हैं।

इस योजना के तहत मेरठ के राजकीय विद्यालय का जीर्णोद्धार भी होना था। अब गौर करने वाली बात यह है कि 46 राजकीय विद्यालयों में से मेरठ को केवल दो विद्यालयों यानि 100 साल पुराने जीआईसी मेरठ और 80 साल पुराने राजकीय कन्या इंटर कॉलेज किठौर के जीर्णोद्धार के लिए बजट जारी किया गया है। वह भी आधा यानि की 50-50 प्रतिशत ऐसे में जर्जर हो चुके इन विद्यालयों का जीर्णोद्धार कैसे हो सकेगा यह एक बड़ा सवाल है?

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बता दें कि जर्जर को चुके राजकीय विद्यालयों के भवनों के पुनर्निर्माण के साथ-साथ विद्युतीकरण व अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराना था। प्रोजेक्ट के अंतर्गत सत्र 2021-22 में ही 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था जिसमें मेरठ को एक करोड़ रुपये भी नहीं मिल सके है। जिले में राजकीय इंटर कॉलेज और राजकीय हाईस्कूल 46 है। पुराने स्कूलों को छोड़कर अधिकांश की चारदीवारी भी नहीं है।

राजकीय विद्यालयों के पुराने भवन की मरम्मत के लिए 1,56,660 रुपये और जीआईसी किठौर के लिए 80 लाख रुपये की मांग की गई थी। जिसमें से जीआईसी को 78,330 और जीजीआईसी किठौर को 20 लाख रुपये ही शासन की ओर से स्वीकृत किए गए हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक गिरजेश कुमार चौधरी का कहना है कि प्रोजेक्ट अलंकार के तहत जिले से 46 विद्यालयों का प्रस्ताव भेजा गया था। जिनमें से दो कि धनराशि मिलने के बाद कार्य शुरू कर दिया गया है। बाकी का कार्य धनराशि मिलने के बाद ही शुरू हो सकेगा।

मिलनी है ये सुविधाएं

  1. असुरक्षित विद्यालयों के भवनों को ध्वस्त कर नया निर्माण कराना।
  2. ऐसे राजकीय विद्यालय जिनका काम अधूरा रह गया है पूरा कराना।
  3. किराए के भवन में चल रहे राजकीय इंटर कॉलेजों को वरीयता।
  4. स्कूलों में स्वच्छ पेय जल की व्यवस्था।
  5. चारदीवारी व मुख्य गेट का निर्माण।
  6. बालक और बालिकाओं के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था।
  7. खेल के मैदान, बैडमिंटन व वालीबॉल कोर्ट।
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