Thursday, April 24, 2025
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कैसे होगा लिंक रोड का निर्माण? जब सेना ही तैयार नहीं

  • चार रक्षा मंत्रियों के सामने जा चुकी है मांग
  • सेना सुरक्षा की दृष्टि से लिंक रोड के लिए तैयार नहीं
  • सांसद ने चुनावों के बाद मांग पूरी होने की जताई उम्मीद
  • तीन विधानसभा क्षेत्रों के लोग हैं प्रभावित

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: पिछले 25 सालों से रेलवे रोड व बागपत रोड को लिंक रोड से जोड़ने की मांग उठ रही है, लेकिन यह मांग पूरी क्यों नहीं हो रही? पिछले कुछ सालों में ही चार रक्षा मंत्रियों के सामने मांग पहुंच चुकी है, लेकिन आजतक भी इस पर फैसला नहीं हो सका है। अब सांसद ने इस मामले में चुनावों के बाद सहमति बनने की उम्मीद जताई है।

रेलवे रोड व बागपत रोड की 52 कॉलोनियों के करीब ढाई लाख लोग पिछले 25 सालों से दोनों सड़कों को जोड़ने के लिए मांग उठा रहे हैं। मांग पूरी होने के लिए पिछले नौ माह से लगातार आंदोलन हो रहे हैं। यहां तक की स्कूली बच्चों ने भी रैलियां निकालकर मांग पूरी करने के लिए आवाज उठाई, लेकिन कोई समाधान नहीं हो सका। शुक्रवार को एक बार फिर से स्थानीय लोगों ने सांसद राजेन्द्र अग्रवाल व मेरठ दक्षिण से विधायक प्रत्याशी सोमेंद्र तोमर, शहर विधानसभा के प्रत्याशी कमलदत्त शर्मा व कैंट सीट से प्रत्याशी अमित अग्रवाल के सामने लिंक रोड की मांग को लेकर आवाज उठाई। सांसद ने बताया कि यह मांग रक्षा मंत्रालय में सेना की अनुमति नहीं मिलने की वजह से पूरी नहीं हो सकी है।

दरअसल, सेना अपनी एक इंच जमीन भी सुरक्षा की वजह से नहीं देना चाहती है। सांसद द्वारा अबतक 2017 मेंं रक्षा मंत्री रहे मनोहर पारिकर, इसके बाद अरुण जेटली, 2018 में निर्मला सीतारमण व 2019 में राजनाथ सिंह से इस मामले को लेकर बात की जा चुकी है। सांसद ने बताया कि इस प्रकरण में सेना प्रमुख से भी वार्तालाप किया जा चुका है। उनकी सहमति के बिना इस मांग को पूरा नहीं किया जा सकता। क्योंकि लिंक मार्ग बनने के बाद यहां से गुजरने वाले हर व्यक्ति पर नजर रखना संभव नहीं है।

देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी सेना की है और सारी जवाबदेही भी सेना प्रमुख व रक्षा मंत्रालय की बनती है। अब अंतिम बार राजनाथ सिंह से बात की गई है, उन्होंने कहा है कि सेना को तैयार करने की कोशिश की जा रही है। जल्द ही इस पर सहमति बन सकती है। वहीं, स्थानीय लोेगों का कहना है कि वह सेना से जमीन नहीं मांग रहे हैं, बल्कि केवल सड़क बनाने का रास्ता मांग रहे हैं।

लिंक रोड बनने से ये होंगे फायदे

दोनों सड़कों पर स्थित 50 से अधिक कॉलोनियों के लोगों को एक सड़क से दूसरी सड़क पर जानें के लिए घूमकर नहीं जाना पड़ेगा। करीब चार किमी के रास्ते की बचत होगी। स्कूलों के बच्चों को जाम से निजात मिलेगी, जिससे उनका स्कूल आने-जाने का समय बचेगा। साथ ही किसी भी बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाने में भी कम समय लगेगा। इसके साथ ही वाहनों को भी कम दूरी तय करनी पड़ेगी।

जिससे उनमें खर्च होने वाला र्इंधन भी बचेगा। गड्ढों के कारण वाहनों को होने वाले मेंटेनेंस का खर्च भी बचेगा। इसके साथ ही ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन जाने वाले यात्रियों को भी सुविधा होगी। सांसद राजेन्द्र अग्रवाल व तीनों विधानसभा प्रत्याशियों ने बागपत रोड-रेलवे रोड लिंक मार्ग आंदोलन समिति की मांग को चुनावों के बाद अपनी प्राथमिकता में शामिल करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद समिति ने अपने आंदोलन रोड नहीं तो वोट नहीं को वापस लेने की घोषणा की है। बैठक में सरदार राजेन्द्र सिंह, विनोद सिरोही, आशीष गुप्ता, अजीत जैन, मुकेश बंसल, पारस जैन, सचिन गोयल, राजीव चड्ढा, विनय त्यागी, डीके शर्मा समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

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