Tuesday, July 9, 2024
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पॉलिटिकल साइंस में कॅरियर की अपार संभावनाएं 

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राजनीति विज्ञान का इतिहास करीब 2500 वर्ष पुराना है। प्रसिद्ध यूनानी फिलॉसफर और बहुमुखी प्रतिभा के धनी अरस्तु को ‘राजनीति विज्ञान का पितामह’ कहा जाता है। सामाजिक विज्ञान के रूप में प्रतिष्ठापित पॉलिटिकल साइंस राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति की समझ और वैश्विक सामाजिक समस्याओं के समाधान में काफी अहम भूमिका निभाता है।

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यही कारण है कि देश-विदेश की सरकार, समाज और राजनीति की कार्यप्रणालियों को समझने के लिए पॉलिटिकल साइंस का अध्ययन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। मानविकी के विषयों में राजनीति विज्ञान को एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। ग्लोबलाइजेशन के बाद से इस डोमेन में रोजगार और कॅरियर की संभावनाओं में भी काफी तेजी से वृद्धि हुई है।

पॉलिटिकल साइंस में अपने कॅरियर की तलाश करने वाले उम्मीदवारों में निम्न आवश्यक कौशल अपेक्षित होता है –

  • उत्कृष्ट कम्युनिकेशन और पब्लिक स्पीकिंग स्किल 
  • लेखन कला में दक्षता  
  • उत्कृष्ट प्लानिंग, लॉजिकल और क्रिटिकल थिंकिंग और एनालिटिकल स्किल 
  • नेतृत्व का गुण 
  • लोगों को प्रेरित करने की क्षमता
  •  करंट राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं की जानकारी  

शुरुआत कहां से करें 

पॉलिटिकल साइंस में करिअर का प्रारंभ मानविकी के विषयों के साथ बारहवीं परीक्षा के पास करने के बाद से शुरू हो जाती है। बारहवीं के बाद इस विषय में ग्रेजुएशन किया जा सकता है और उसके बाद दो वर्ष का पोस्ट गे्रजुएशन कम्प्लीट कर सकते हैं। इससे भी अधिक एडवांस्ड शिक्षा के रूप में राजनीति विज्ञान में पीएचडी की डिग्री हासिल की जा सकती है।

प्रमुख संस्थान 

  • बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी 
  • जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली 
  • जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली 
  • दिल्ली विश्वविद्यालय 
  • टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ सोशल साइंसेज, मुंबई  
  • अमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा 
  • सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई 
  • लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वीमेन, नई दिल्ली 

जॉब्स के अवसर

राजनीति विज्ञान का विषय लोकनीति, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक व्यवस्था की समझ से गहराई से जुड़ा होता है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नीति निर्माण की प्रक्रिया से लेकर उनके इम्प्लिमेन्टेशन तक की क्रियाविधि में सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं में राजनीति विज्ञान के डिग्री होल्डर्स के लिए जॉब के अवसर भरे हुए हैं।

सिविल सर्विसेज के डोमेन में करियर 

भारत में सिविल सर्विसेज के डोमेन में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस के रूप में करिअर सर्वाधिक प्रतिष्ठा का माना जाता है जिसके माध्यम से राष्ट्र के विकास में तब्दीलियां लाई जा सकती हैं। यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन नई दिल्ली के द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षाओं में राजनीति विज्ञान एक मुख्य विषय के साथ-साथ जनरल स्टडीज के सेक्शन में सफलता की राह को आसान कर सकती है।

नीति विश्लेषक 

राजनीतिक विश्लेषक का मुख्य कार्य किसी सरकार या निजी संस्था में कार्यरत नीतियों का विश्लेषण करना होता है। राष्ट्रीय स्तर पर किसी सरकारी कानून का समाज पर प्रभाव पर शोध करना और उसे समाज और व्यक्ति के लिए हितकर बनाने पर रिसर्च करने से लेकर अंतिम निर्णय पर पहुंचना भी नीति विश्लेषक की जिम्मेदारियों में शुमार होता है।

साथ ही किसी नीति के लागू होने पर उसके प्रभावों का विश्लेषण करना होता है। नए प्रोग्राम्स के लिए नीतियों का निर्माण करना होता है। किसी पॉलिसी के इम्प्लिमेन्टेशन के पक्ष या विपक्ष में तर्क तैयार करना होता है। देश की कानून निर्माण की प्रक्रिया में जानकारी के साथ पोलिटिकल साइंस में ग्रैजूएट और पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री होल्डर्स एक सफल पॉलिसी ऐनलिस्ट के रूप में कॅरियर की शुरूआत कर सकते हैं।

कानून के डोमेन में कॅरियर

पोलिटिकल साइंस के पाठ्यक्रम में भारतीय संविधान, केंद्र और राज्य सरकारों के कार्यप्रणालियों, देशों के संविधानों और विभिन्न संस्थाओं के पॉवर और फंक्शन को विस्तृत रूप से कवर किया जाता है और यही विशेषता कानून में कॅरियर निर्माण का आधार का कार्य करती है। पॉलिटिकल साइंस मे ग्रैजवैशन के बाद लॉ की पढ़ाई आसान हो जाती है और इस डोमेन में कई प्रकार के जॉब्स के लिए रास्ते खुल जाते हैं।

जर्नलिजम के डोमेन में कॅरियर 

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विविध समाचारों और घटनाओं को पब्लिक के लिए संग्रह करके उपलब्ध करना ही जर्नलिजम कहलाता है। एक अच्छा पत्रकार वही बन सकता है जिसे देश और विदेश की राजनीति की परख और जिज्ञासा हो। राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन के साथ मास कम्यूनिकेशन में डिग्री या डिप्लोमा के कैन्डिडेट्स मीडिया के विविध डोमेंस में पत्रकार, रिपोर्टर, न्यूज रीडर, न्यूज एंकर, संवाददाता के रूप में उत्कृष्ट कॅरियर की शुरुआत कर सकते हैं।

एजुकेशन सेक्टर में संभावनाएं

पॉलिटिकल साइंस में एजुकेशन के डोमेन में भी कॅरियर और जॉब के अवसर की कोई कमी नहीं है। स्कूल लेवल पर पॉलिटिकल साइंस में केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय समिति के स्कूलों के अतिरिक्त प्राइवेट स्कूलों में पोलिटिकल साइंस के पीजीटी के रूप कार्य कर सकते हैं। इस विषय में पीएचडी वाले कैन्डिडेट्स नेट और सेट की परीक्षाओं को क्वालफाई करने के बाद कॉलेज में पॉलिटिकल साइंस में एसिस्टन्ट प्रोफेसर के रूप में अपने कॅरियर का आगाज कर सकते हैं।

विधान सहायक के रूप में कॅरिअर 

विभिन्न स्तरों पर जनता के प्रतिनिधि के रूप में एमपी और एमएलए अपनी विभिन्न प्रकार की जिम्मेदारियों के निर्वाह के लिए लेजिस्लेटिव असिस्टेन्ट की सहायता लेते हैं। लेजिस्लेटिव का अर्थ उन संस्थाओं से होता है जो आम जनता के लिए कानून बनाने का कार्य करते हैं। लेजिस्लेटिव असिस्टन्ट का मुख्य कार्य इन कानून निर्माण प्रक्रिया में सहायता प्रदान करनी होती है। कानूनी शोध और सर्वे के आधार पर जुटाए गए इंफोरमेशन कानून बनाने में काफी सहायक होते हैं। साथ ही ये लेजिस्लेटिव असिस्टन्ट लेजिस्लेटर को महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपडेट करते हैं। उत्कृष्ट संवाद कला के साथ पॉलिटिकल साइंस या पब्लिक ऐड्मिनिस्टेशन के गे्रजुएट्स इस प्रकार के डोमेन में अपने कॅरियर को एक नई दिशा दे सकते हैं।

इंटेलिजेंस ऐनलिस्ट्स के रूप में कॅरिअर 

देश की सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के निर्माण में इंटेलिजेंस ऐनलिस्ट्स अहम भूमिका निभाते हैं। ये ऐनलिस्ट्स सरकारी सिक्युरिटी एजेंसियों के लिए काम करते हैं और विभिन्न प्रकार के सूचनाओं के आधार पर राष्ट्रीय सुरक्षा के आंतरिक और बाह्य खतरों और आपराधिक गतिविधियों का पता लगाकर उनको रोकने में सहायता करते हैं। पॉलिटिकल साइंस या पब्लिक रिलेशन्स में डिग्रीहोल्डर के लिए इस डोमेन में कॅरियर निर्माण की भरपूर संभावनाएं हैं।

राजनीतिक अभियान स्टाफ  

पॉलिटिकल कैम्पैन स्टाफ की मुख्य जिम्मेदारी अपने नियोक्ता के लिए प्रेस रिलीज और स्पीच तैयार करना होता है। ये स्टाफ विभिन्न राजनीतिक मुद्दों और पब्लिक ओपीनियन का विश्लेषण करते हुए अपने क्लाइंट के पब्लिक इमेज और ब्रांड को स्थापित करते हैं। साथ ही उनके लिए फंड कलेक्शन की भी जिम्मेदारी निभाते हैं।

सोशल मीडिया मैनेजर

सोशल मीडिया पब्लिक आॅपिनिअन जेनरेट करने में भी काफी सहायक होते हैं। विभिन्न सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर जनता की राय को जानना पॉलिसी मैकिंग में अहम भूमिका निभाते हैं। राजनीतिक पार्टियां सोशल मीडिया मैनेजर के माध्यम से अपने निर्वाचन क्षेत्र में विभिन्न मुद्दों पर मतदाताओं के मत को मॉनिटर करती हैं। राजनीति विज्ञान के स्टूडेंट्स को पब्लिक ओपिनियन को मॉनिटर करने की कला में मास्टरी होती है और यही कारण है कि वे विभिन्न नीतियों और योजनाओं के निर्माण और इम्प्लिमेन्टेशन में महती भूमिका निभाते हैं।
श्रीप्रकाश शर्मा


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