- अवंतीबाई लोधी की शोभायात्रा के दौरान हुआ हंगामा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: देहलीगेट थाना के खैरनगर में शुक्रवार की रात अवंतीबाई लोधी शोभायात्रा का डोला गुजरने के दौरान दो संप्रदायों के बीच बवाल हो गया। उनके बीच जमकर मारपीट व पथराव हुआ। मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी प्रकार बल प्रयोग कर हालात को संभाला। इस घटना के बाद शहर में तमाम तरह की अफवाहे फैलने लगीं। सोशल मीडिया भी एकाएक एक्टिव हो गया। वैसे इस सारे फसाद की वजह पुलिस के स्तर से चूक रही।
दरअसल, हुआ ये कि शुक्रवार को ब्रह्मपुरी क्षेत्र से अवंतीबाई लोधी की शोभायात्रा शुरू हुई थी। इसका डोला खैरनगर से होकर गुजर रहा था। उस पर तेज आवाज में डीजे बज रहा था। उस दौरान डोले पर रखा एक डीजे का कालम सड़क पर जा गिरा और उसकी चपेट में आकर एक बच्चा घायल हो गया। तेज आवाज में डीजे बजाए जाने से होज वाली मस्जिद के आसपास के लोग वैसे ही नाराज थे। डीजे का कालम गिरने की घटना ने आग में घी का काम किया। वहां हंगामा जो मारपीट व पथराव में बदल गया। पथराव शुरू होते ही डीजे के साथ चल रहे लोगों में भगदड़ मच गयी।
वो भाग कर खैरनगर चौराहे तक जा पहुंचे। कुछ लोगों ने बुढ़ानागेट जत्तीवाड़ा व भाटवाड़ा तक पहुंचकर शोर मचा दिया। उसके बाद लोग वहां जमा होने लगे। बुढ़ानागेट चौकी पर भाजपा नेता कमल दत्त शर्मा, अजय गुप्ता, संदीप रेवड़ी, अंकुर गोयल सरीखे तमाम भाजपाई भारी संख्या में जमा हो गए। वहीं, दूसरी ओर एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह समेत कई थानों की पुलिस फोर्स वहां पहुंच गयी। हालात बेकाबू होने से पहले ही पुलिस वालों ने संभाल लिए। हंगामे पर उतारू लोगों के साथ पुलिस सख्ती से पेश आयी।
इसी वहां टाटा-407 पर रखा एक और डीजे आ गया। यह भी काफी तेज आवाज में बज रहा था। इसको लेकर जब लोगों ने आपत्ति की तो एक बार फिर पहले जैसा माहौल बन गया, लेकिन पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए लोगों को गलियों में खदेड़ दिया। वहां से बामुश्किल शोभायात्रा का डोला निकलवाया गया। हंगामा व मारपीट की घटना के बाद पूरे शहर में अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। हिन्दूवादी नेता सचिन सिरोही ने पूरे मामले को लेकर प्रशासन व पुलिस पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
बदर अली पहुंचे खैरनगर
हंगामे की सूचना के बाद बदर अली खैरनगर जा पहुंचे। उन्होंने वहां के लोगों से पूरी घटना की जानकारी ली। इसके बाद वहां मौजूद पुलिस के आला अधिकारियों से भी इस मामले को लेकर बात की।
जब पुलिस का इंतजाम नहीं था तो क्या दी अनुमति?
खैरनगर में शुक्रवार की रात जो कुछ हुआ उसका पूरा ठीकरा पुलिस प्रशासन पर फोड़ा जा रहा है। शोभायात्रा के आयोजकों ने प्रशासन ने अनुमति ली थी। रूट भी तय हुआ था। हालांकि कुछ लोग खैरनगर से शोभायात्रा निकाले जाने को मुनासिब नहीं मान रहे। उनका कहना है कि बेहतर तो यह होता कि शोभायात्रा बजाए खैरनगर के जिला अस्पताल के सामने से निकाली जाती। और जब प्रशासन ने अनुमति दी थी तो फिर जब यह थाना देहलीगेट के खैरनगर इलाके में पहुंंच तो वहां थाना पुलिस क्यों नहीं थी?