Tuesday, February 11, 2025
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दूसरे दिन महिला चिकित्सकों की भूख हड़ताल

  • मिक्सोपैथी के मुद्दे पर पीछे हटने को तैयार नहीं एलोपैथी डाक्टर, तेज होगा आंदोलन

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: आयुर्वेद और यूनानी सरीखे चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति देने के सरकार के फैसले के खिलाफ चल रहे आंदोलन में गुरूवार को आईएमए की डब्लूडीडब्लू विंग ने आईएमए के सचिव डा. मनीषा त्यागी के नेतृत्व में जिलाभर की महिला चिकित्सकों ने मोर्चा संभाला।

आईएमए सभागर में डा. रेनू भगत, डा. मनीषा त्यागी, डा. अनुपम सिरोही, डा. अंजू रस्तोगी, डा. मोनिका तोमर, डा. निशि गोयल, डा. सुचेता कांबोज, डा. प्रतिभा गुप्ता, डा. नमिता शर्मा, डा. अमिता अग्रवाल, डा. मृदुला त्यागी, डा. संगीता गुप्ता, डा. इंदू शर्मा आदि भूख हड़ताल पर बैठीं। हालांकि इस दौरान अन्य पुरूष चिकित्सक भी मौजूद रहे। भूख हड़ताल पर बैठीं महिला चिकित्सकों की हौसला अफजाई करते रहे।

आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डा. महेश बंसल डा. अनिल कपूर, डा. उमंग अरोरा, डा. शिशिर जैन, डा. संदीप जैन आदि चिकित्सक आईएमए पहुंचे। उन्होंने कहा कि महिला शक्तिआंदोलन में कूद पड़ी है। अब सरकार को हठधर्मिता छोड़कर मिक्सोपैथी पर दियागया आदेश वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं व मरीजों के जीवन को बचाने के लिए भूख हड़ताल जैसा कठोर कदम उठाना पड़ रहा है।

डा. मनीषा त्यागी ने कहा कि सरकार ने आयुष चिकित्सकों को 60 प्रकार की सर्जरी की अनुमति दी है। इसके लिए इन्हें मात्र कुछ समय का प्रशिक्षण लेना है। ये मरीजों के जीवन से खिलवाड़ है। इसको स्वीकार नहीं किया जा सकता।

देश का स्वास्थ्य उसकी स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर करता है। इनमें आयुर्वेद, यूनानी पद्धति अनुसंधान पर आधारित है। इनका स्वागत करते हैं और यह चाहते हैं कि हर पद्धति प्रयास करें कि लोग अधिक विश्वास करें, लेकिन इनको बढ़ावा देने के बजाय सरकार ने मिक्सोपैथी का तरीका निकाला है।

जिसमें की हर पद्धति का इलाज करने का तरीका जो कि अलग-अलग है उसको एक करने का तरीका है। जैसा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020, सीसीआईएम नोटिफिकेशन की 20 नवंबर 2020 में विदित है। नीति आयोग ने इसके लिए विभिन्न कमेटियां बना दी है।

आईएमए यह स्वीकारता है कि भारतीय जनता को विभिन्न तरह की बीमारियों के लिए विभिन्न पद्धतियों की जरूरत पड़ती है, लेकिन हम एक चिकित्सक को विभिन्न पद्धतियों द्वारा इलाज का विरोध दर्ज करते हैं। इससे इलाज की सुरक्षा और गुणवत्ता पर फर्क पड़ेगा। आईएमए पॉली पैथी का समर्थन करता है और मिक्सोपैथी और खिचड़ी फिकेशन का विरोध करता है।

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